बीज ग्राम योजना में अब इस राज्य के किसानों को ज्यादा सब्सिडी

बीज ग्राम योजना के तहत गेहूं और धान के बीज पर अतिरिक्त अनुदान को उत्तर प्रदेश सरकार की मंजूरी मिल गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में किसान हित की इस योजना पर मुहर लगी।

wheat paddy purchase in uttar pradesh ( बीज ग्राम योजना )

उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए ये अच्छी ख़बर है। यहां के किसानों को अब धान और गेहूं के बीज खरीदने पर पहले से ज़्यादा सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में बढ़ी हुई सब्सिडी इसी वित्तीय वर्ष 2021-22 से लागू करने पर मुहर लग गई है, जो आगे भी प्रभावी रहेगी। इस पहल से सूबे के किसान केंद्रीय योजनाओं के बराबर सब्सिडी पा सकेंगे। बीज ग्राम योजना के तहत गेहूं व धान के बीज पर अतिरिक्त अनुदान को मंजूरी देने पर आने वाला खर्च यूपी सरकार उठाएगी। अब बीज ग्राम योजना के अंतर्गत इस सूबे के किसानों को धान पर 250 रुपये और गेहूं के बीज पर 400 रुपये प्रति क्विंटल का अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा।

दो हज़ार रुपये प्रति क्विंटल की मदद

अब तक बीज ग्राम योजना के तहत गेहूं और धान के बीज मूल्य पर अन्य केन्द्रीय योजनाओं की तुलना में कम सब्सिडी दी जाती थी। लेकिन अब इस पहल से किसान केंद्रीय योजनाओं के बराबर सब्सिडी का लाभ ले सकेंगे। धान और गेहूं बीज वितरण पर किसानों को मूल्य का 50 प्रतिशत और अधिकतम 2,000 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी मिलेगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश गेहूं और धान का प्रमुख उत्पादक राज्य है। उत्तर प्रदेश में औसतन हर साल 58 से 60 लाख हेक्टेयर में धान और 98 से 99 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती होती है।

 wheat paddy purchase in uttar pradesh ( बीज ग्राम योजना )

आवंटित धनराशि का शत-प्रतिशत हो सकेगा इस्तेमाल

बीज ग्राम योजना के अन्तर्गत अब तक बीजों के वितरण पर मूल्य का 50 प्रतिशत और अधिकतम 1,750 रुपये प्रति क्विंटल धान के बीजों पर और 1,600 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं के बीज पर सब्सिडी दी जाती थी, जो अन्य केंद्रीय योजनाओं की तुलना में कम थी। जबकि इसी तरह की अन्य योजनाओं में किसानों को अधिकतम 2000 रुपए प्रति क्विंटल तक का सब्सिडी मिलती थी। इस वजह से किसान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, पूर्वी भारत में हरित क्रांति के विस्तार की योजना एवं एकीकृत धान्य विकास कार्यक्रम में रुचि नहीं लेते हैं। इसका असर यह होता है कि केंद्र से आवंटित रकम का इस्तेमाल नहीं हो पाता।

यूपी सरकार ने कहा है कि कम सब्सिडी की राशि कम मिलने की वजह से किसान इस योजना की तरफ कम ध्यान देते थे, लेकिन सब्सिडी बढ़ने से ज्यादा  किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए आगे आएंगे। इससे केंद्र सरकार से आवंटित धनराशि का भी शत-प्रतिशत इस्तेमाल हो पाएगा।

सरकार की बीज ग्राम योजना का प्रमुख उद्देश्य 

सरकार की बीज ग्राम योजना का उद्देश्य गुणवत्ता युक्त उत्पादन, किसानों की आमदनी को बढ़ाना, उन्नत बीजों को किसानों तक पहुंचाना और सब्सिडी पर विभिन्न फसलों के उन्नत प्रजातियों के बीज ज़्यादा से ज़्यादा किसानों को उपलब्ध कराना है।

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