Pig Farming: सूअर पालन के वैज्ञानिक प्रबंधन से मेघालय के इस युवा किसान ने पाई सफलता, साथी किसानों के लिए बने मिसाल

अतिरिक्त आमदनी के लिए सूअर पालन एक अच्छा ज़रिया है, लेकिन इस व्यवसाय से मुनाफ़ा कमाने के लिए सूअरों का वैज्ञानिक प्रबंधन ज़रूरी है। जैसा कि मेघालय के युवा किसान एम्ब्रोसियस लापांग ने किया।

Pig Farming : सूअर पालन

सूअर पालन कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने वाला व्यवसाय है। अगर ठीक तरह से इसे चलाया जाए तो इसके फ़ायदे अनेक हैं। पहले लोग गाय, भैंस, बकरी पालन पर ही ज़्यादा ज़ोर देते थे। कुछ लोग ही सूअर पालते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। सूअर पालन से होने वाले मुनाफे को देखते हुए बहुत से किसान अब इस व्यवसाय का रुख कर रहे हैं। मेघालय के युवा किसान एम्ब्रोसियस लापांग भी उन्हीं किसानों में से एक हैं, जिन्होंने अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए सूअर पालन शुरू किया और अब इससे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। कैसे पाई एम्ब्रोसियस लापांग ने सफलता, आइए, जानते हैं।

प्रशिक्षण से मिली मदद

एम्ब्रोसियस लापांग मेघालाय के 36 साल के युवा किसान हैं, जिनके पास खेती के लिए सिर्फ आधा एकड़ ज़मीन ही है और परिवार का खर्च चलाने के लिए वो बैंगन, भिंडी, गोभी, मटर, गाजर, आलू, प्याज और ककड़ी जैसी बागवानी फसलों की खेती करते हैं। मगर इससे उन्हें पर्याप्त आमदनी नहीं होती थी। इसलिए वो आमदनी के दूसरे स्रोतों की तलाश में थें। फिर उन्होंने मेघालय कृषि प्रबंधन और विस्तार प्रशिक्षण संस्थान (Meghalaya Agriculture & Management Extension Training Institute, MAMETI) के समन्वय से कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (Agricultural Technology Management Agency, ATMA), नोंगपोह द्वारा 2 से 7 फरवरी 2020 को आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इसे ग्रामीण युवाओं के कौशल प्रशिक्षण (Skill Training of Rural Youth,STRY) के तहत आयोजित किया गया था। कार्यक्रम का विषय था ‘आय सृजन के लिए पशुधन खेती’। इस कौशल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के बाद एम्ब्रोसियस को सूअर पालन के लिए ज़रूरी जानकारी और कौशल हासिल करने में मदद मिली।

Pig Farming
तस्वीर साभार: manage

Pig Farming: सूअर पालन के वैज्ञानिक प्रबंधन से मेघालय के इस युवा किसान ने पाई सफलता, साथी किसानों के लिए बने मिसाल

कार्यक्रम ने सूअर को बनाया आकर्षक 

आमतौर पर सूअर पालन के प्रति लोगों का रुझान कम ही होता है, लेकिन प्रशिक्षण कार्यक्रम में लोगों को इस तरह से जानकारी दी गई, कि लोगों को सूअर पालन आकर्षक व्यवसाय लगे। एम्ब्रोसियस लापांग भी इससे प्रभावित हुए। कार्यक्रम ने उन्हें सूअरों के लिए असरदार आवास प्रबंधन, आहार प्रबंधन और जन्म के बाद बच्चों (piglets) की देखभाल आदि के बारे में सही जानकारी मिली। उऩ्होंने सूअरों के आवास के सीमेंटेड फ्लोर को इस तरह बेहतर बनाया कि वो फिसलन वाला न हो। इसके अलावा फर्श को ढलान वाला बनाया गया ताकि पानी निकल जाए और फर्श सूखा रहे। सूअरों के रहने की जगह को साफ और हाइजीनिक बनाए रखना भी बहुत ज़रूरी है। इसके अलावा उन्होंने सूअरों के आवास के आसापास की दीवार को भी प्लास्टर करवाकर चिकना किया जिससे कि जब सूअर दीवार से पीठ रगड़ें तो उनकी त्वचा में चोट न लगे। छत बनाने में अच्छी क्वालिटी की Gl शीट का इस्तेमाल किया गया ताकि बरसात और गर्मी से पूरी तरह से बचाव हो सके। सूअर पालन से एम्ब्रोसियस सालाना 3.75 लाख की कमाई कर रहे हैं।

Pig Farming
तस्वीर साभार- newfoodmagazine

गांव के युवाओं के लिए प्रेरणा 

एम्ब्रोसियस लापांग की सफलता को देखकर जिले के पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग ने उनके फार्म को अन्य किसानों/युवाओं के लिए एक प्रदर्शन इकाई के रूप में चुना है। इससे दूसरे किसान भी प्रेरणा ले सकेंगे। पिगलेट की मांग भी बढ़ी है। पशु चिकित्सा, वैक्सीन आदि तक अब किसानों की पहुंच आसान हो गई। दूसरे किसानों द्वारा सूअर के खाद की मांग बढ़ने से आमदनी भी बढ़ी है।

Pig Farming : सूअर पालन
तस्वीर साभार: manage“

कार्यक्रम में इन विषयों पर दी गई जानकारी 

सूअर पालन में आवास प्रबंधन की वैज्ञानिक और उन्नत तकनीक, चारा प्रबंधन की वैज्ञानिक और उन्नत तकनीक, स्वास्थ्य प्रबंधन की वैज्ञानिक और उन्नत तकनीक (टीकाकरण, डीवॉर्मिंग और विटामिन), प्रजनन स्टॉक के लिए सूअरों का चुनाव आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। यहाँ आप ये भी जान लें कि सूअर के मांस के अलावा उसके बाल की बिक्री से भी किसानों को अच्छी आमदनी हो सकती है।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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