मशरूम की खेती के मशहूर ट्रेनर तोषण कुमार सिन्हा से मिलिए और जानिये उनकी टिप्स, ट्रेनिंग भी देते हैं बिल्कुल मुफ़्त
तोषण कुमार सिन्हा न सिर्फ़ मशरूम की खेती की फ़्री में ट्रेनिंग देते हैं, बल्कि कम दरों में किसानों को बीज भी मुहैया कराते हैं।
तोषण कुमार सिन्हा न सिर्फ़ मशरूम की खेती की फ़्री में ट्रेनिंग देते हैं, बल्कि कम दरों में किसानों को बीज भी मुहैया कराते हैं।
महिला किसान तारावती जिस क्षेत्र से आती हैं, वहां अक्सर आंधी तूफ़ान के कारण 20 से 25 फ़ीसदी आम की फसल को नुकसान पहुंच जाता है। इससे आम की खेती कर रहे इलाके के किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है।
नैनीताल के पर्यटक स्थल टिफ़िन टॉप में ‘लाल मशरूम’ बोलेटस रूब्रोफ्लैमियस (Boletus carminiporus) पाया गया है। मशहूर फ़ोटोग्राफ़र अनूप साह ने इस मशरूम को अपने कैमेरे में कैद किया। जानिए इसके बारे में।
देश में सबसे ज़्यादा सोयाबीन का उत्पादन मध्य प्रदेश में होता है। किसान ऑफ़ इंडिया ने मध्य प्रदेश के देवास के रहने वाले योगेंद्र सिंह पवार से सोयाबीन की खेती पर ख़ास बातचीत की।
भैंस पालन का क्षेत्र भी ऐसा है जिसमें कई देसी नस्लों का पालन कर अच्छा मुनाफ़ा कमाया जा सकता है। महाराष्ट्र ठाणे ज़िले के वसई के रहने वाले अजिंक्य शिरीषकुमार नाइक ने अपने फ़ार्म में 80 भैंसे पाली हुई हैं। उन्होंने किसान ऑफ़ इंडिया से खास बातचीत में भैंस पालन और डेयरी सेक्टर से जुड़ी कई बातें शेयर कीं।
राम भजन राय करीबन 4 एकड़ क्षेत्र पर ब्राह्मी की खेती कर रहे हैं। धान की तरह ही ब्राह्मी की खेती की जाती है। नर्सरी में पौध तैयार किए जाते हैं। ब्राह्मी की एक साल में 2 से 3 फसलें ली जा सकती हैं ।
किसान ऑफ़ इंडिया से बातचीत में रावलचंद पंचारिया ने बताया कि उन्हें नींबू की नई किस्म को तैयार करने में चार से पांच साल का वक़्त लगा।
एलिफेंट एप्पल (Elephant Apple) के फल के साथ-साथ इसकी पत्तियां और डाल को भी इस्तेमाल में लाया जाता है। इस लेख के ज़रिये जानिए क्या है इसका इस्तेमाल और मुख्य रूप से इस फल की खेती कहां-कहां होती है?
देश के कई लोग अपने क्षेत्र में एग्रो टूरिज़्म (Agro-Tourism) को बढ़ावा दे रहे हैं। एक ऐसे ही शख्स हैं महाराष्ट्र के सचिन कमलाकर कारेकर। ये व्यवसाय आने वाले दिनों कैसे किसानों की आय बढ़ाने में मददगार हो सकता है जानिए सचिन से।
नयन पाल जयपुर के आमेर तहसील के रहने वाले हैं।कहते हैं न ज़रूरत ही आविष्कार की जननी है, तो बस नयन पाल अपने साथी किसानों की ज़रूरत को देखते हुए अपने मिशन पर लग गए। उन्होंने ट्रैक्टर से चलने वाला कंप्रेसर स्प्रे पंप बना डाला।
चीन के बाद दुनिया में पत्ता गोभी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश भारत है। भारत में लगभग 40 लाख टन पत्ता गोभी के पत्ते खेतों में अवशेष (Waste) के रूप में बर्बाद हो जाते हैं। ऐसे में ये तकनीक किसानों के लिए बड़े काम की हो सकती है।
Cashew India ऐप पर काजू के पौधों, इसकी नर्सरी, खेती, पौध संरक्षण, कटाई के बाद बाई-प्रॉडक्ट्स के बारे में जानकारी, बाज़ार की उपलब्धता, ई-मार्केट के बारे में अच्छे से बताया गया है।
भेड़ पालन में कम मेहनत और कम खर्च, इसलिए बिज़नेस करेंगे तो मिल सकता है अच्छा मुनाफ़ा। ग्रामीण इलाकों में रहने वाले छोटे किसानों के लिए भेड़-बकरियां और मुर्गीपालन, रोज़ी-रोटी का साधन और गरीबी से निपटने का मुख्य आधार है।
इन 10 घर पर लगाने वाले पौधे से ताज़ी सब्जियां तो मिलेगी ही, साथ ही ये पौधे एक तरह से Air Purifier का काम भी करते हैं क्योंकि ये वातावरण को साफ़ रखते हैं।
इस एग्री-स्टार्टअप की ख़ास बात ये है कि किसान इससे सीधा जुड़े हैं। फ़र्स्ट बड ऑर्गेनिक्स हर्बल टी, शहद, सुपर सीड्स, अचार, मसाले, इम्यूनिटी बूस्टर और पर्सनल केयर से जुड़े कई केमिकल फ़्री ऑर्गेनिक प्रॉडक्ट्स तैयार करता है।
केले की फसल लगने के दौरान या कटाई के समय इसमें से एग्रीकल्चर वेस्ट (Agriculture Waste) के रूप में पत्तियां, फूल, डंठल निकलते हैं।लेकिन क्या आपको पता है कि केले के फूल से आप उत्पाद भी बना सकते हैं? क्या है वो उत्पाद? जानिए इस लेख में।
किसान ऑफ़ इंडिया से बातचीत में नितिन बारकर ने बताया कि सूअर पालन करना जितना आसान दिखता है उतना है नहीं। इनके रखरखाव , चारे को लेकर बहुत ध्यान देना होता है। उन्होंने सूअर पालन में ध्यान रखीं जाने वालीं ऐसी कई बातें हमें बताईं।
FarmTree App को झांसी स्थित ICAR-Central Agroforestry Research Institute ने विकसित किया है। गूगल प्ले स्टोर पर इस ऐप की 4+ रेटिंग है।
लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (UPCAR) के 33वें स्थापना दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी वर्चुअली उपस्थित रहे।
देश में उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में सबसे ज़्यादा गन्ने का उत्पादन होता है। यहां बड़ी संख्या में गन्ना किसान हैं। किसान ऑफ़ इंडिया से बातचीत में प्रतीक भीमराव ने बताया कि कैसे उन्होंने गन्ने की खेती से मुनाफ़ा लेने के लिए काम किया।