फसल प्रबंधन

Drip irrigation: टपक सिंचाई सिस्टम
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टपक सिंचाई सिस्टम: खेती में लागत घटाने और कमाई बढ़ाने के लिए अपनाएँ Drip irrigation System

टपक सिंचाई विधि में पानी को पतले पाइप्स के नेटवर्क के ज़रिये सतत बूँदों के रूप में धीमी गति से पौधों के जड़-क्षेत्र में पहुँचाया जाता है। इसमें पानी का वाष्पन और उसकी ख़पत भी न्यूनतम होती है। इसी विधि से खाद के पोषक तत्व भी पानी में घुलकर सटीक जगह तक पहुँचते हैं। इसे अपनाने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के तहत किसानों को सब्सिडी भी मिलती है।

मल्टीलेयर फ़ार्मिंग (Multilayer Farming)
एग्री बिजनेस, कृषि रोजगार एवं शिक्षा, टेक्नोलॉजी, फसल प्रबंधन

मल्टीलेयर फ़ार्मिंग: खेती में चमकानी है किस्मत तो अपनाएं Multilayer Farming, जानिए इसके बारे में

सारी जानकारियाँ जुटाकर ही किसानों को मल्टीलेयर फ़ार्मिंग को अपनाना चाहिए और फिर पूरी निष्ठा से अपने काम को करना चाहिए। आधे-अधूरे मन से या लापरवाही से या औरों के भरोसे खेती करने वालों के लिए मल्टीलेयर फ़ार्मिंग ज़्यादा फ़ायदेमन्द नहीं हो सकता। इस तकनीक की सफलता इसके उम्दा तरीके से लागू होने पर ही निर्भर करती है। मल्टीलेयर फ़ार्मिंग, कोई जादू-टोना या मंत्र-ओझा का काम नहीं है।

जीरे की खेती cumin cultivation nano fertilizers नैनो उर्वरक
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जानिए कैसे जीरे की खेती में वरदान साबित हो रहे नैनो उर्वरक, Nano fertilizers के इस्तेमाल पर ज़ोर

अच्छी फसल और पौधों के विकास में उर्वरकों की अहम भूमिका होती है, लेकिन रासायनिक उर्वरक मिट्टी और फसल की गुणवत्ता के लिए अच्छे नहीं होते। इसलिए जैविक उर्वरकों पर ज़ोर दिया जा रहा है। नैनो उर्वरक भी एक तरह का जैविक उर्वरक है जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता और फसल उत्पादन भी बेहतर होता है।

पॉलीहाउस खेती (Polyhouse Farming)
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पॉलीहाउस खेती (Polyhouse Farming): राजस्थान के भेरु राम को हुआ 10 गुना फ़ायदा, एक एकड़ से 10 लाख रुपये तक का मुनाफ़ा

पॉलीहाउस खेती में फसलों को कम या अत्यधिक बारिश या गर्म जलवायु के कारण किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता है। आधुनिक तकनीक से पॉलीहाउस के अंदर का तापमान नियंत्रित किया जाता है। इससे फसल का उत्पादन भी अधिक होता है।

पराली के विकल्प
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किसानों को नहीं पड़ेगी पराली जलाने की ज़रूरत, जानिए क्या हैं तरीके और कैसे पराली है मिट्टी के लिए वरदान

पराली जलाना न सिर्फ़ पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि ये मिट्टी की उर्वरता को भी कम करता है। ऐसे में इस समस्या से निज़ात पाने के लिए किसानों को पराली के वैकल्पिक इस्तेमाल के बारे में जानकारी देना ज़रूरी है। ICAR ने पराली के कुछ वैकल्पिक इस्तेमाल बताए हैं, जानिए इनके बारे में।

गाजर घास carrot grass gajar ghaas
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गाजर घास: मिट्टी और किसान के इस सबसे बड़े दुश्मन को फ़ौरन नष्ट करें

मिट्टी के सबसे बड़े दुश्मन ‘गाजर घास’ को वैज्ञानिकों ने धरती के लिए विनाशकारी पाया है। जीव-जन्तु हों या वनस्पति, गाजर घास पूरे प्राणिजगत, जैवविविधता और पर्यावरण के लिए घातक है। लिहाज़ा, गाँव हो या शहर, जहाँ भी आपको गाजर घास नज़र आये, फ़ौरन पूरी ताक़त से इसके ज़हरीले पौधों का समूल नाश करने का बीड़ा उठाएँ, क्योंकि ये आक्रामक ढंग से फैलती है और ऐसे ज़हरीले रसायनों का स्राव करती है जिससे ज़मीन बंजर हो जाती है।

केले की खेती banana farming हाई डेंसिटी तकनीक
केला, टेक्नोलॉजी, न्यूज़, फल-फूल और सब्जी, फसल प्रबंधन, सब्जी/फल-फूल/औषधि

केले की खेती में हाई डेंसिटी तकनीक के इस्तेमाल से किसान महेश की आमदनी में आया उछाल, जानिए क्या है तरीका

कर्नाटक के तुमकुर ज़िले में आम के बाद सबसे अधिक उत्पादन केले का ही होता है। ज़िले में केले की खेती का रकबा भी बढ़ा है। हालांकि, इसकी पारंपरिक खेती में उपज बहुत अधिक नहीं होती। केले की खेती कर रहे किसानों को फ़ायदा हो, इसके लिए हाई डेंसिटी तकनीक के बारे में किसानों को जागरूक किया जा रहा है।

seed drill machine सीड ड्रिल मशीन
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देसी हल को सीड ड्रिल (Seed Drill Machine) में किया तब्दील, सिर्फ़ 1500 रुपये लगाकर मध्य प्रदेश के किसान अमृत लाल का तकनीकी आविष्कार

मध्य प्रदेश के आदिवासी ज़िले मंडला के रहने वाले अमृत लाल धनगर पहले किराए पर सीड रील मशीन लेकर खेती किया करते थे। लागत को कैसे कम किया जाए, इस पर काम करते हुए उन्होंने उपलब्ध संसाधनों से सीड ड्रिल मशीन बनाई।

फल उत्पादक
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कार्बन मिश्रित पेपर (carbon composite paper) तकनीक से फलों को लंबे समय तक रखें ताज़ा, फल उत्पादकों को मिलेगा फ़ायदा

भारत में उत्पादित कुल फल का करीब 50 फीसदी बर्बाद हो जाता है, जिससे फल उत्पादक किसानों को भारी नुकसान होता है। अब ये नई तकनीक फलों के सरंक्षण में कारगर साबित होगी और बर्बादी घटने से किसानों की आय भी बढ़ेगी।

bihar sunita prasad PVC pipe vertical garden वर्टिकल गार्डन
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Vertical Garden: वर्टिकल गार्डन बनाने के लिए PVC पाइप का इस्तेमाल किया, बिहार की सुनीता प्रसाद के इनोवेशन को मिला अवॉर्ड

बिहार के छपरा की रहने वाली सुनीता प्रसाद ने PVC पाइप और बांस की मदद से वर्टिकल गार्डन का पूरा कॉन्सेप्ट तैयार किया है। इस तरीके से कम जगह में ढेरों सब्जियां उगाई जा सकती हैं। जानिए उनके Innovation के बारे में।

स्पीड ब्रीडिंग तकनीक
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स्पीड ब्रीडिंग तकनीक (Speed Breeding Technique) : जानिए गेहूं, जौ और चना जैसी फसलों की साल में 6 बार पैदावार कैसे लें?

पौधों को तेज़ी से उगाने की ‘स्पीड ब्रीडिंग’ तकनीक इतनी ज़बरदस्त पायी गयी कि किसान एक साल में गेहूँ, जौ, चना जैसी फसलों की 6 बार पैदावार ले सकते हैं। ये उपलब्धि गेहूँ, जौ जैसे अनाज और चना जैसे दलहन तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसने कैनोला यानी Rape Seed जैसी तिलहनी फसल में भी उत्साहजनक नतीज़े दिये हैं। तभी तो इसकी साल में 4 फसलें ली जा सकती हैं।

Almond Farming हाई डेंसिटी बादाम की खेती
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Almond Farming: कैसे तैयार किया जाता है हाई डेंसिटी बादाम? कश्मीर के बादाम किसानों को मिलेगी राहत

कश्मीर में होने वाले बादाम में सबसे ज़्यादा हिस्सेदारी पुलवामा के किसानों की है। भारत में होने वाले कुल 10 हज़ार टन बादाम में से 60 प्रतिशत से ज़्यादा तो यही ज़िला पैदा करता है। बादाम की मांग ऐसी बढ़ी है कि भारत को दूसरे देशों से इसे आयात करना पड़ता है। अब कश्मीर में हाई डेंसिटी बादाम की खेती पर ज़ोर दिया जा रहा है, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा किसान बादाम की खेती से जुड़ें।

लो टनल पॉलीहाउस Low tunnel polyhouse
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Low Tunnel Polyhouse: लो टनल पॉलीहाउस तकनीक से खेती कर रहा यूपी का किसान, बेमौसम सब्ज़ियों की खेती से हो रहा मुनाफ़ा

लो टनल पॉलीहाउस (Low Tunnel Polyhouse) तकनीक किस तरह से किसानों को फ़ायदा दे सकती है, इसके बारे में कृषि वैज्ञानिक डॉ सूर्यनाथ चौरसिया ने हमसे बात की। जानिए इस तकनीक से जुड़ी सारी जानकारी।

जैविक खेती (organic farming)
जैविक खेती, जैविक/प्राकृतिक खेती, टेक्नोलॉजी, न्यूज़, फसल प्रबंधन

इन युवाओं ने तैयार किया जैविक खेती (Organic Farming) का आधुनिक फ़ार्मिंग मॉडल, हज़ारों की संख्या में किसानों को जोड़ा

Kisan of India से ख़ास बातचीत में दीपेश कुमार चौहान ने जैविक खेती और किसानों की आय में बढ़ोतरी जैसे विषयों पर हमसे बात की। साथ ही, गौपालन के क्षेत्र में लीक से हटकर उन्होंने कदम उठाया है।  

धान की खेती paddy farming
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धान की खेती में नुकसान उठा रहे किसानों के लिए क्या हैं उन्नत विकल्प? जानिए ICAR-ATARI डायरेक्टर डॉ. यूएस गौतम से

जुलाई माह में बहुत से ज़िलों में बारिश नहीं होने के कारण धान की खेती काफ़ी प्रभावित हुई। किसानों को हो रहे इस नुकसान से बचाव के लिए ICAR के संस्थान एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट कानपुर (अटारी) के डायरेक्टर डॉ. यूएस गौतम ने कुछ सुझाव दिए हैं। जानिए क्या हैं वो सुझाव।

पॉलीहाउस तकनीक polyhouse farming technique
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पॉलीहाउस तकनीक से खेती क्यों है सबसे बेहतर? कैसे करें पॉलीहाउस में खेती की शुरुआत? जानिए इस ‘इंजीनियर’ किसान से

पॉलीहाउस तकनीक से खेती न सिर्फ़ पर्यावरण के लिए सही है, बल्कि किसानों को अच्छा मुनाफ़ा भी देती है। भारत सरकार भी पॉलीहाउस के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी देती है। ध्रुव कहते हैं कि अगर कोई पॉलीहाउस तकनीक से खेती में इन्वेस्ट करना चाहता है तो यही सबसे सही वक़्त है।

गन्ने की फसल crop management in sugarcane
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खड़ी गन्ने की फसल में इन बातों का रखेंगे ध्यान तो नहीं होगा नुकसान, जानिए कृषि विशेषज्ञों से अहम सलाह

गन्ने की खडी फसल का प्रबंधन कैसे करें? इस पर किसान ऑफ़ इंडिया ने उत्तर प्रदेश के कृषि विज्ञान केन्द्र बहराइच के कृषि विशेषज्ञ डॉ. बी.पी. शाही और डॉ. पी.के. सिंह से ख़ास बातचीत की।

मूंग-उड़द की फसल
कृषि वैज्ञानिक, कृषि-विश्वविद्यालय, टेक्नोलॉजी, दाल, फसल प्रबंधन

मूंग-उड़द की फसल को हानिकारक रोग-कीटों से कैसे बचाएं? जानिए पौध सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. रूद्र प्रताप सिंह से

मूंग-उड़द की फसल को प्रमुख रोगों एवं हानिकारक कीटों से कैसे बचाया जाए, इस पर किसान ऑफ़ इंडिया की कृषि विज्ञान केन्द्र आजमगढ़ के पौध सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. रूद्र प्रताप सिंह से विशेष बातचीत।

एकीकृत कृषि मॉडल integrated farming model
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एकीकृत कृषि मॉडल का दौरा करने पहुंची यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, डॉ. राजीव कुमार सिंह से जानिए कैसे अपनाएं IFS मॉडल

डॉ. राजीव कुमार सिंह कहते हैं कि एकीकृत कृषि मॉडल का मुख्य उद्देश्य किसानों की आमदनी को बढ़ाना है। किसान अपनी मुख्य फसल के साथ-साथ मुर्गी पालन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन, रेशम कीट पालन, सब्जी-फल उत्पादन, मशरूम की खेती एक साथ एक जगह पर कर सकते हैं।

अरहर की फसल arhar ki kheti pest management in arhar pigeon pea
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अरहर की फसल पर लगने वाले हानिकारक कीटों की कैसे करें रोकथाम? जानिए विशेषज्ञ डॉ. आर.पी. सिंह से

पौध सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ आर.पी. सिंह ने बताया कि अरहर की फसल में से हानिकारक कीटों की रोकथाम के लिए किसानो को गर्मी में गहरी जुताई करनी चाहिए। बीजों को उपचारित करके बुआई करना चाहिए। इसके अलावा, ऐसी कौन-कौन सी दवाइयां है, जिनका इस्तेमाल किसान कर सकते हैं, जानिए इस लेख में।

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