Weather Apps: खेती से जुड़ी मौसम की जानकारी के लिए बड़े काम की हैं ये ऐप्स
किसानों को सही मौसम की जानकारी मिले तो फसलों को नुकसान पहुंचने की संभावनाएं कम होंगी। ऐसे ही कुछ Weather Apps के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
किसानों को सही मौसम की जानकारी मिले तो फसलों को नुकसान पहुंचने की संभावनाएं कम होंगी। ऐसे ही कुछ Weather Apps के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
प्रमाणिक बीज उत्पादक बनने के लिए केन्द्र और राज्य के सरकारी बीज निगमों के अलावा भारतीय, कृषि अनुसन्धान परिषद से जुड़े सैकड़ों कृषि विश्वविधालयों, नज़दीकी कृषि विज्ञान केन्द्र, ज़िला कृषि अधिकारी, उप कृषि निदेशक और बीज प्रमाणीकरण संस्थान से भी सम्पर्क किया जा सकता है। इन्हीं संस्थाओं की ओर से किसानों को ज़रूरी प्रशिक्षण, बीज, तकनीक और उपकरण वग़ैरह मुहैया करवाये जाते हैं।
चना उत्पादकों का सच्चा साथी है चनामित्र ऐप (Chanamitra) जो उन्न्त बीज से लेकर कीट प्रबंधन से जुड़ी हर जानकारी प्रदान करके किसानों को अधिक पैदावर में मदद करता है।
धान की फसल जूलाई से लेकर अक्टूबर तक कई तरह के कवक और जीवाणु रोगजनकों से प्रभावित होती है। कैसे धान की फसल में लगने वाले प्रमुख रोगों से किसान छुटकारा पा सकते हैं? इस पर किसान ऑफ़ इंडिया की उत्तर प्रदेश स्थित कृषि विज्ञान केंद्र आजमगढ़ के पौध सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. रूद्र प्रताप सिंह से ख़ास बातचीत।
सूअर पालन का बिज़नेस करना चाहते हैं तो इस ऐप के ज़रिए आपको हर छोटी-बड़ी जानकारी मिल जाएगी।
किसान ऑफ़ इंडिया से बातचीत में रावलचंद पंचारिया ने बताया कि उन्हें नींबू की नई किस्म को तैयार करने में चार से पांच साल का वक़्त लगा।
इस समय धान की फसल का रोपाई का कार्य चल रहा है। ध्यान रखने वाली बात है कि धान की फसल में कई तरह के कीटों का प्रकोप होने का खतरा रहता है। इस खतरे से कैसे निपटा जाए, इसको लेकर कृषि विज्ञान केंद्र गौतमबुद्ध नगर के पौध सुरक्षा विशेषज्ञ और प्रमुख डॉ. मयंक कुमार राय से ख़ास बातचीत।
फसल तभी अच्छी होगी जब बीज उन्नत किस्म के और अच्छी गुणवत्ता वाले होंगे। इस बात को किसान चंद्रशेखर सिंह अच्छी तरह से समझते हैं, तभी तो वह नए किस्म के बीजों पर 30-35 सालो से रिसर्च कर रहे हैं। बीज उत्पादन करके किसानों को उन्नत बीज उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहे हैं।
इस समय धान की रोपाई का कार्य तेज़ी से चल रहा है। धान की खेती में कई अहम बातों का ध्यान रखना ज़रूरी होता है। मसलन धान की फसल में खरपतवारों से होने वाले नुकसान को 5 से 85 प्रतिशत तक आंका गया है।जबकि कभी-कभी ये नुकसान 100 फ़ीसदी तक हो सकता है। कैसे करें धान की फसल का सही प्रबंधन? भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के एग्रोनॉमी डीवीजन के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राजीव कुमार सिंह से ख़ास बातचीत।
इस तकनीक की मदद से पानी, ऊर्जा और मज़दूरी की बचत होती है। किसान ऑटोमेटिक तरीके से संचालित ऑटोमेटिक ड्रिप इरिगेशन और फर्टिगेशन सिस्टम का इस्तेमाल कर अपनी खेती से भरपूर पैदावार ले सकते हैं। इस तकनीक के बारे में बिहार स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र किशनगंज के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक और प्रमुख ई. मनोज कुमार राय से ख़ास बातचीत।
बायोफ्लॉक तकनीक (Biofloc Fish Farming) में कम जगह में मछली का बंपर उत्पादन लेकर अच्छी आय कमा सकते हैं। ये तकनीक क्या है? इसमें कितनी लागत लगती है और मुनाफ़ा कितना रहता है? किसान ऑफ़ इंडिया की उत्तर प्रदेश स्थित मत्स्य विभाग विंध्याचल मंडल मिर्ज़ापुर के उपनिदेशक मुकेश कुमार सांरग से ख़ास बातचीत।
बागवानी में फलों के फटने या गिरने की समस्या के कई कारण हैं। ये कारण कौन से हैं? कैसे आप इस बड़ी समस्या से निजात पा सकते हैं, इसको लेकर किसान ऑफ इंडिया की उत्तर प्रदेश स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र बहराइच के प्रमुख और सब्जी और बागवानी विशेषज्ञ डॉ. बी.पी. शाही से ख़ास बातचीत।
कई बार किसानों को फसल समाधान, उर्वरक प्रबंधन, कीट प्रबंधन, फसल का रखरखाव, मिट्टी की जांच, फसल रोग के बारे में जानकारी के अभाव में नुकसान झेलना पड़ता है। ऐसे में Krish-e App किसानों की इन परेशानियों को दूर करने में मददगार हो सकता है।
Cashew India ऐप पर काजू के पौधों, इसकी नर्सरी, खेती, पौध संरक्षण, कटाई के बाद बाई-प्रॉडक्ट्स के बारे में जानकारी, बाज़ार की उपलब्धता, ई-मार्केट के बारे में अच्छे से बताया गया है।
FarmTree App को झांसी स्थित ICAR-Central Agroforestry Research Institute ने विकसित किया है। गूगल प्ले स्टोर पर इस ऐप की 4+ रेटिंग है।
गन्ने की बुवाई के बाद सिंचाई करने का सही समय क्या होना चाहिए, कितने अंतराल के बाद दोबारा सिंचाई करनी चाहिए, इससे जुड़ी सारी जानकारी एक ऐप के ज़रिए गन्ना किसान पा सकते हैं।
कृषि क्षेत्र में तकनीक से लेकर तौर-तरीकों तक में बदलाव हो रहे हैं। टेक्नोलॉजी के ज़रिए किसानों को फ़ायदा पहुंचाया जा रहा है। हम जिस ऐप का ज़िक्र कर रहे, वो एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के ज़रिए किसानों को खेती-किसानी से जुड़ी हर वो जानकारी देता है, जो किसान के लिए जानना बहुत ज़रूरी है।
कम ज़मीन वालों को भी कृषि विभाग से किचन गार्डन स्कीम (Kitchen Garden Scheme) के ज़रिए प्रोत्साहन मिल रहा है। नर्सरी में उगाए गए उन्नत पौधे कम दाम पर वेजीटेबल सेल आउटलेट्स पर किसानों को मुहैया कराए जाते हैं।
कृषि विज्ञान केंद्र ने अधिक फसल प्राप्त करने और बीजों को खराब होने से बचाने के लिए बुवाई से पहले सोयाबीन की खेती के लिए फसल प्रबंधन पर एक कार्यक्रम का खाका तैयार किया। इससे किसानों को अच्छा लाभ मिला।
इन कृषि ऐप का उद्देश्य किसानों को ऐसी जानकारियां मुहैया कराना है, जिससे वो अपनी खेती को बेहतर करने के साथ ही अच्छा मुनाफ़ा कमा सकें। इस लेख में हम आपको ऐसे ही ज़रूरी ऐप की जानकारी दे रहे हैं, जो किसानों के लिए काफ़ी उपयोगी हैं।