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उड़द की खेती में कीट प्रबंधन
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Black Gram Cultivation: उड़द की खेती के लिए ज़रूरी है उन्नत कीट प्रबंधन और सही तरीके से बुवाई

उड़द भारत की प्रमुख दलहन फसल है। उड़द की खेती मैदानी इलाकों में बड़े पैमाने में की जाती है। मगर इस फसल में कीटों का प्रकोप बहुत ज्यादा होता है। इसलिए खेती की उन्नत तकनीक और कीट नियंत्रण उपायों के ज़रिए किसान इससे अच्छी आदमनी प्राप्त कर सकते हैं।

जैविक कीटनाशक
टेक्नोलॉजी, उर्वरक, कृषि उपज, फसल प्रबंधन

Bio-pesticides: खेती को बर्बादी से बचाना है तो जैविक कीटनाशकों का कोई विकल्प नहीं

जैविक कीटनाशकों में ‘एक साधे सब सधे’ वाली ख़ूबियाँ होती हैं। इसका मनुष्य, मिट्टी, पैदावार और पर्यावरण पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता और फ़सल के दुश्मन कीटों तथा बीमारियों से भी क़ारगर रोकथाम हो जाती है। इसीलिए, जब भी कीटनाशकों की ज़रूरत हो तो सबसे पहले जैविक कीटनाशकों को ही इस्तेमाल करना चाहिए।

अंडे के छिलके से बनी खाद egg shells manure organic manure जैविक खाद
कृषि उपज, उर्वरक, न्यूज़

जैविक खाद: अंडे के छिलके से बनी खाद पौधों के विकास और मिट्टी की सेहत के लिए बेहद फ़ायदेमंद, जानिए कैसे करें तैयार

खाने में प्रोटीन का होना बहुत ज़रूरी है और अंडा इसका बेहतरीन और सस्ता स्रोत है, लेकिन क्या आपको पता है कि अंडे के साथ ही उसका छिलका भी पोषक तत्वों से भरपूर होता है और यह पौधों के लिए बहुत उपयोगी खाद है। अंडे के छिलके से बनी खाद किस तरह से पौधों के फ़ायदेमंद है, जानिए इस लेख में।

क्विनोआ की खेती
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क्विनोआ की खेती (Quinoa Farming): जानिए क्यों अद्भुत है क्विनोआ? क्यों और कैसे करें इसकी खेती से बढ़िया कमाई?

क्विनोआ के छिलकों हल्का कड़वा होता है। इसी वजह से इसे पक्षी नुकसान नहीं पहुँचाते। यह पाले और सूखे की मार भी आसानी से झेल लेता है। क्विनोआ में रोगों और कीटों से लड़ने ज़बरदस्त क्षमता है। ये इसे जैविक खेती के लिए सरल विकल्प बनाती है। देश के शहरों में क्विनोआ की माँग तेज़ी से बढ़ रही है। भारतीय किसानों के लिए क्विनोआ की खेती में अपार सम्भावनाएँ हैं।

जानिए, असली और नकली खाद की पहचान तथा जाँच कैसे करें?
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Fertilizers: जानिए, असली और नकली खाद की पहचान और जाँच कैसे करें?

रासायनिक खाद की माँग हमेशा बनी रहती है। इसी पहलू का फ़ायदा मिलावटख़ोर उठाते हैं और नकली या घटिया खाद बेचकर किसानों को मोटी चपत लगाते हैं। ऐसी धोखाधड़ी और जालसाज़ी के बचने के लिए किसानों के पास दो प्रमुख रास्ते हैं।

जैव उर्वरक biofertilizers types
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कैसे करें जैव उर्वरक का सही इस्तेमाल? डॉ. ममता सिंह से जानिए क्यों फसल और मिट्टी के लिए वरदान हैं Biofertilizers

आज के समय में बायो फ़र्टिलाइज़र की आवश्यकता बहुत बढ़ गयी है। रासायनिक उर्वरकों और कीट नाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से प्राकृतिक जीवाणुओं की संख्या को बड़ा नुकसान पहुंचा है। ऐसे में बेहतर विकल्प है जैव उर्वरक।

जैव उर्वरक biofertilizers types
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जैव उर्वरक: कृषि वैज्ञानिक ममता सिंह से जानिए कितने प्रकार के होते हैं Biofertilizers, क्या हैं फ़ायदे

रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल न कर जैव उर्वरक यानी बायो फ़र्टिलाइज़र (Biofertilizer) का इस्तेमाल करने से एक साथ कई मुश्किलें हल होंगी। फसल के हिसाब से जैव उर्वरक का चयन कर सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया ने मध्य प्रदेश के सागर स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र की कृषि वैज्ञानिक डॉ. ममता सिंह से जैव उर्वरकों के इस्तेमाल को लेकर ख़ास बातचीत की। 

नैनो तरल यूरिया (Nano liquid Urea)
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पीएम मोदी ने किया IFFCO नैनो तरल यूरिया प्लांट का उद्घाटन, एक बोरी यूरिया की ताकत एक बोतल में समाई

आमतौर पर यूरिया की 45 किलोग्राम की एक बोरी का इस्तेमाल एक एकड़ की फसल के लिए किया जाता है। जबकि यही काम नैनो तरल यूरिया की 500 मिलीलीटर की बोतल से दोगुनी कुशलता से हो जाता है। यूरिया की बोरी का दाम 267 रुपये है तो नैनो लिक्विड यूरिया की आधा लीटर की बोतल की कीमत 240 रुपये है। नैनो तरल यूरिया की सिर्फ़ 2 मिलीलीटर मात्रा का एक लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना होता है और पूरी फसल के दौरान नैनो तरल यूरिया का सिर्फ़ दो बार छिड़काव करने की ज़रूरत पड़ती है।

मटका खाद how to make matka khad kaise banaye
उर्वरक, कृषि उपज, जैविक खेती, जैविक/प्राकृतिक खेती, फल-फूल और सब्जी, मिट्टी की सेहत, सब्जी/फल-फूल/औषधि

250 ग्राम गुड़ से बनाएं मटका खाद, फसल की पैदावार हो जाएगी डबल

Organic Farming – मटका खाद १०० प्रतिशत शुद्ध जैविक खाद है। इसका इस्तेमाल करने से पौधे अच्छे से बढ़ते हैं। मटका खाद भी दूसरी जैविक खादों की तरह ही हजार रुपए से भी कम खर्च में हमारे आसपास मौजूद चीजों से ही तैयार हो जाती है। एक मटका खाद एक बीघा के लिए काफी होती है।

नीम neem ke fayde in hindi
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अब नीम से बनेगी सस्ती खाद, फसलों की सेहत होगी अच्छी, कीड़े भी मर जाएंगे

नीम की खाद सौ प्रतिशत प्राकृतिक है, जिसके कारण इसे सभी फसलों, फलों और सब्जियों के लिए उपयोगी माना गया है। यह पौधों में पोषक तत्व को बढ़ाती है। इसके प्रयोग से नेमाटोड और अन्य कीटों से सुरक्षा होती है।

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