कैसे काम करता है किसानों के डिजिटल मित्र ‘एग्रीबॉट्स’? खेती को आसान बनाने वाले Agribots
एग्रीबॉट्स को ही कृषि रोबोट कहा जाता है। ये मूल रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी artificial intelligence पर आधारित रोबोट हैं, जो कृषि प्रथाओं के लिए उपयोगी हैं।
एग्रीबॉट्स को ही कृषि रोबोट कहा जाता है। ये मूल रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी artificial intelligence पर आधारित रोबोट हैं, जो कृषि प्रथाओं के लिए उपयोगी हैं।
सरकार कृषि में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है। किसानों और अन्य कृषि संस्थानों को आर्थिक सहयोग दिया जा रहा है। कृषि मंत्रालय तो कृषि ड्रोन की लागत का 100% या 10 लाख रुपये तक देने को तैयार है, इनमें से जो भी कम हो।
किसानों की आय दोगुनी करने के लिए नई तकनीक तक उनकी पहुंच आसान करके लागत कम करना ही एकमात्र उपाय है। किसानों को अधिक उत्पादन दिलवाने और लागत में कमी करने के लिए कंपनियां लगातार नए-नए कृषि उपकरण बना रही हैं। Wow Go Green कंपनी ने भी किसानों के फायदे के लिए खास Agriculture drone (कृषि ड्रोन) तैयार किया है।
केंद्र सरकार ने किसान ड्रोन की खरीद पर 40-50 प्रतिशत तक की सब्सिडी देनी का ऐलान किया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने “किसान ड्रोन को बढ़ावा: मुद्दे, चुनौतियां और आगे का रास्ता” विषय पर आयोजित एक सम्मेलन में इसका ऐलान किया।
कृषि-ड्रोन (Agri-Drone), एक छोटे विमान जैसा उपकरण है जो खेती में होने वाले तरह-तरह के छिड़काव के काम को बहुत कुशलता और किफ़ायत से कर सकता है। लेकिन महँगा होने की वजह से कृषि-ड्रोन ख़रीदना सबसे बूते की बात नहीं। इसीलिए सरकार ने सबसे पहले कृषि शिक्षण और शोध संस्थाओं से अपेक्षा की है कि वो कृषि-ड्रोन ख़रीदने के लिए आगे आएँ। वो ख़ुद भी इसका इस्तेमाल करें तथा किसानों से भी किफ़ायती फ़ीस लेकर उन्हें इसकी सेवाएँ मुहैया करवाएँ।