सरकार की नई पहल, युवा करा सकेंगे अपने स्टार्टअप, इनोवेशन और आविष्कारों का पेटेंट

गुजरात सरकार ने राज्य में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तरीय आईपी (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) सुविधा केंद्र शुरू किया […]

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गुजरात सरकार ने राज्य में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तरीय आईपी (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) सुविधा केंद्र शुरू किया है। सरकार की इस पहल के जरिए युवा अपने अपने इनोवेशन, आविष्कारों और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी को पेटेंट करा सकेंगे।

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योजना का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि इस पहल के माध्यम से 5 वर्ष की अवधि में निष्पादन हेतु एक 200 करोड़ रुपए का छात्र इनोवेशन कोष बनाया गया है। इससे न केवल 1000 इनोवेटर्स को सपोर्ट मिलेगा, बल्कि प्रतिवर्ष 500 छात्र स्टार्टअप को संचालित करने में मदद की जाएगी। इससे गुजरात के लगभग 60 विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे।

उन्होंने कहा कि 2014 में भारत में केवल 4 स्टार्टअप यूनिकॉर्न क्लब में थे, लेकिन आज 30 से अधिक स्टार्टअप 1 बिलियन का आंकड़ा पार कर चुके हैं। वर्ष 2020 में कोरोना के कठिन समय में भी हमारे 11 स्टार्टअप यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुए हैं।

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स्टार्टअप के महत्व पर बोलते हुए निशंक ने कहा कि देश की इकोनॉमी में स्टार्टअप के महत्व को कम नहीं मानना चाहिए, वे छोटी कंपनियां हो सकती हैं, लेकिन वे किसी देश के समग्र आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह स्टार्टअप्स ही हैं जो नौकरियों का सृजन करती हैं, जिसका अर्थ है ज्यादा रोजगार और ज्यादा रोजगार का मतलब है और बेहतर अर्थव्यवस्था।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बोलते हुए केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति स्टार्टअप्स, अनुसंधान और इनोवेशन के लिए बूस्टर के रूप में कार्य करेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति और समर्पित स्टार्ट-अप नीति जैसे SSIP को तैयार करने और लागू करने के लिए जिस प्रकार के कार्य और प्रयास किए जा रहे हैं उससे, नवोदित उद्यमियों का भविष्य उज्‍जवल दिखता है।

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