क्या आप एवोकाडो की खेती करने की सोच रहे हैं? अपने परिवार और समुदाय की तस्वीर बदलने वाले इस किसान के बारे में जानिये

इथियोपिया के इस किसान को 'फ़ूड हीरोज' की उपाधि से भी सम्मानित किया गया है। Story Courtesy: UN News

avocado farming एवोकाडो की खेती

मूल रूप से उत्तरी अमेरिका और मैक्सिको में उगने वाले एवोकाडो फल की खेती अब दुनियाभर के कई देशों  में हो रही है। ये फल काफी महंगा होता है। मीडियम साइज़ का एवोकाडो का सिर्फ़ एक फ़ल  300 रुपये के आसपास का पड़ता है। ज़रा सोचिये, किलो का हिसाब कितना होगा।  ये विटामिन से भरपूर और एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत भी है।  भारत में ज़्यादातर ये फल बाहर से ही आयात होता है। लेकिन जो भी किसान यहाँ इसकी खेती कर रहे हैं, वो इसकी बागवानी और नर्सरी से अच्छी पैसा कमा रहे हैं।

‘फ़ूड हीरो’ ने अपनी समुदाय के लिए किया काम

एक ऐसे ही किसान हैं, अफ़्रीकी देश इथियोपिया के रहने वाले बोगले बोरेना। इन्होंने अपने क्षेत्र में एवोकाडो की नर्सरी लगाकर लोगों के जीवन में बदलाव की पहल की है। बोगले बोरेना ने इथियोपिया के दक्षिण में यिरगलम क्षेत्र में एवोकैडो की नर्सरी लगाई हुई है। उनके सफल कारोबार  के लिए उन्हें संयुक्त राष्ट्र की खाद्य और कृषि एजेंसी (FAO) ने 17 ‘फ़ूड हीरोज’ में शामिल किया। ‘फ़ूड हीरोज़’ का खिताब उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने अपने समुदाय में भोजन की उपलब्धता की दिशा में काम किया होता है।

नर्सरी में 40 हज़ार पौधे तैयार करने की क्षमता

बोरेना की इस नर्सरी में 40 हज़ार एवोकाडो के पौधे तैयार करने की क्षमता है। संयुक्त राष्ट्र (United Nation) टीम से बात करते हुए बोगले बोरेना ने बताया कि वो इन पौधों को इथियोपिया के सिडामा और एसएनएनपीआर क्षेत्रों (SNNPR regions) में एवोकाडो की खेती कर रहे किसानों को बेच सकते हैं। उन्होंने अपनी इस नर्सरी में 14 युवाओं को रोज़गार भी दिया है।

avocado farming एवोकाडो की खेती
तस्वीर साभार: Agrifarming (सांकेतिक तस्वीर)

क्या आप एवोकाडो की खेती करने की सोच रहे हैं? अपने परिवार और समुदाय की तस्वीर बदलने वाले इस किसान के बारे में जानियेFAO ने की पूरी मदद

बोगले बोरेना ने आगे बताया कि उनके गाँव के पास में इंटीग्रेटेड एग्रो इंडस्ट्रीज़ पार्क (IAIP) में एवोकाडो ऑयल प्रोसेसिंग प्लांट लगाया गया। इसके बाद ही उन्होंने एवोकाडो की खेती करने के बारे में सोचा। IAIP छोटे किसानों के साथ मिलकर काम करता है। IAIP इन किसानों से एवोकाडो खरीदता है। इससे बाज़ार न मिलने की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। IAIP में करीबन 490 लोग काम करते हैं।

साथ ही क्षेत्र में एवोकाडो की खेती को बढ़ावा देने के लिए खाद्य और कृषि एजेंसी (FAO) ने कृषि मंत्रालय के सहयोग के साथ मदद भी की। उत्पादकता में सुधार और एवोकाडो की किस्मों के बारे में जानकारी देने का काम किया।

अब एक लाख एवोकाडो के पौधे उगाने का लक्ष्य

पौधे उगाने से लेकर बेचने में एक साल से भी कम का समय लगता है। इसीलिए एवोकाडो की नर्सरी में पैसा ज़ल्दी आने लगता है। इस पौधे से फल आने में तीन से चार साल का वक्त लगता है। अब ‘FAO Food Hero’ बोगले बोरेना का लक्ष्य अगले एक साल में एक लाख एवोकाडो के पौधे उगाने का है।

एक पौधे की कीमत करीब 74 रुपये

संयुक राष्ट्र से बातचीत में बोगले बताते हैं कि शुरुआत में वो अपनी नर्सरी में तैयार होने वाले एवोकाडो के एक पौधे को करीबन 74 रुपये  के आसपास बेचते थे। अभी उनकी सालाना  आय करीबन साढ़े 32 लाख रुपये ($44,000) के आसपास है। अगले साल 2022 तक उत्पादन को दोगुना करके एक लाख पौधों को किसानों को देने का लक्ष्य है।

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तस्वीर साभार: wbur (सांकेतिक तस्वीर)

परिवार की जीवनशैली में किया सुधार

बोगले बोरेना कहते हैं कि इस व्यवसाय ने उनकी आमदनी में इज़ाफ़ा किया है और उनके परिवार की जीवनशैली में सुधार किया है। अब बोगले फलों और अन्य कृषि वस्तुओं की आवाजाही के लिए ट्रक खरीदने और गांव में आटा चक्की खोलने की योजना पर काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे स्थानीय समुदाय और युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर पैदा होंगे।

भारत के एवोकाडो किसानों को बोगले बोरेना की कहानी से मिलने वाले सबक:

  • एवोकाडो एक महंगा फल इसलिए फ़ायदेमंद है इसकी खेती
  • फल के साथ साथ पौधे भी काफी महंगे बिकते हैं
  • एवोकाडो पर आधारित उद्योग भी लगाए जा सकते हैं
  • चाहें तो एवोकाडो की बागवानी करें या नर्सरी खोलें
  • करीब 75 रु. से 100 रु. तक बिक सकता है एक पौधा
  • आज भारत में 200 रु. से  300 रु. के बीच बिकता है एक फल
  • निर्यात के लिए अच्छा बाज़ार
  • रोज़गार बढ़ाने में सहायक 

UN news

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