ऐसे बनाएं वर्मीकम्पोस्ट खाद (केंचुआ खाद), खेती के साथ गार्डन में भी लाभ देगी

Vermicompost khad किसी भी फसल के लिए वर्मीकम्पोस्ट खाद अच्छी रहती है। इससे फसल की पैदावार बढ़ती है। वर्मीकम्पोस्ट खाद के लिए कई प्रजातियों के केंचुओं को गोबर तथा जैविक अपशिष्ट मिलाकर बनाया जाता है। इन केंचुओं के मल से जो खाद तैयार होती है वही वर्मीकम्पोस्ट खाद कहलाती है।

वर्मीकम्पोस्ट – केंचुआ खाद (Vermicompost) किसानों को बढ़ती महंगाई और कम उत्पादन से बचाने के लिए केंद्रीय कृषि विभाग जैविक खेती को बढ़ावा दे रहा है। यह खाद रासायनिक खाद की तुलना में सस्ती भी होती है। किसान कम लागत में घर पर ही वर्मीकम्पोस्ट खाद को तैयार कर सकते हैं। Vermicompost (केंचुआ खाद) बनाने के लिए आपको कई चीजों की आवश्यकता होगी।

जैसे- गाय, भैंस, भेड़, गधा और मुर्गियों का मल, बायोगैस स्लरी, फसल अवशेष, जैविक कूड़ा-कचरा, घास-फूस व पत्तियां, रसोईघर का कचरा आदि। इस खाद को कई तरीकों से बनाया जाता है।

आइए जानते हैं इसे बनाने की विधियों के बारे में-

1. हौद विधि से तैयार वर्मीकम्पोस्ट खाद

यदि आप चार हौद विधि से वर्मीकम्पोस्ट तैयार करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको 12 फिट चौड़ी 12 फीट लंबी और 2.5 ऊंचा एक गड्डा बनाना होगा। इसकी दीवारों को इटों से बनाया जाता है, जिसे बराबर 4 भागों में बांटा जाता है। इस विधि से चार गड्डे बन जाएंगे। सभी का आकार समान होना चाहिए।

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इन गड्डों को अलग-अलग करने के लिए बीच में 2-2 ईंटों की छोटी दीवार बना दें। इन दीवारों में छिद्र छोड़े जाते हैं जिससे केंचुएं इधर-उधर जा सकें। एक गड्डे को जैविक कचरे और गोबर से भर दें। थोड़ा पानी छिडक़कर उसे काली पॉलेथिन से ढक दें।

दूसरे महीने में दूसरा गड्डा भरें। इसे भी काली पॉलेथिन से ढक दें। तीसरे महीने में तीसरा गड्डा भर दें। अब तक पहले गड्डे का कचरा अधगला सा हो गया होगा। इसकी पॉलीथिन उताकर दो दिन बाद इसमें लगभग 5 किलोग्राम केंचुएं छोड़ दें। फिर इस गड्डे को सूखी घास या जूट की बोरियों से ढक दें। समय-समय पर पानी का छिडक़ाव करते रहें, ताकि कचरे में नमी बनी रहे।

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जब यह प्रक्रिया तीसरे गड्डे तक पूरी कर ली जाती है, तब चौथा गड्डा भरना शुरू करें। इस तरह पहले गड्डे को तीन महीने पूरे हो चुके होंगे। उसमें केंचुआ खाद बनकर तैयार हो जाती है। इस गड्डे को खाली करके दोबारा कचरे से भर दें। इसी तरह यह प्रक्रिया दोहराते रहें। एक साल में करीब 7 क्विंटल खाद बनकर तैयार हो जाएगी।

2. पेड़ विधि से तैयार वर्मीकम्पोस्ट खाद

इस विधि में पेड़ के चारों ओर गोलाई में जैविक कचरा और गोबर डाला जाता है। हर दिन यह प्रक्रिया दोहराई जाती है। जब गोबर अधगला हो जाए तो उसमें केंचुएं छोड़ दें और जूट के बोरे से ढंक दें। समय-समय पर पानी का छिडकाव करें ताकि गोबर में नमी बनी रहे। केंचुएं गोबर को खाते हुए आगे बढ़ते जाते हैं और पीछे वर्मीकम्पोस्ट तैयार करते जाते हैं।

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3. बेड विधि से तैयार वर्मीकम्पोस्ट खाद

वर्मीकम्पोस्ट खाद बनाने के लिए आपको कई चीजों की आवश्यकता होगी जैसे- गाय, भैंस, भेड़, गधा और मुर्गियों का मल, बायोगैस स्लरी, फसल अवशेष, जैविक कूड़ा-कचरा, घास-फूस व पत्तियां, रसोईघर का कचरा आदि। इस विधि से वर्मी-कम्पोस्ट बनाने के लिए जमीन पर 5 से 6 फीट की चौड़ाई, 2 फीट ऊंचाई व जगह के अनुसार लंबाई में ईंटों की सहायता से बेड बनाया जाता है।

गाय-भैंस का गोबर, घास-फूस, खरपतवार आदि का उपयोग करके उसमें केंचुए डाले जाते हैं। केंचुए इन सब चीजों को खाद के रूप में परिवर्तित करते हैं। खाद बन जाने पर केंचुओं को छान कर वर्मी-कम्पोस्ट को अलग कर लिया जाता है। इसी तरह आप कई बेड बना सकते हैं।

4. टटिया विधि से तैयार वर्मीकम्पोस्ट खाद

प्लास्टिक की बोरियों को आपस में सिलाई करके एक टटिया तैयार करें। इसे किसी बांस का सहारा देते हुए चारों कोनों से बांध दें। बीच में जो गोल आकार है उसमें जैव अवशेष व गोबर डालें। जब गोबर आधा गल जाए तो उसमें केंचुए डाल दें।

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