Anthurium Flower: एंथुरियम फूल की खेती से गुलज़ार हुई इन महिला किसानों की ज़िंदगी, बहुत महंगा बिकता है ये फूल

भारतीय फूलों की खेती का बाज़ार 2019-24 के दौरान 47200 करोड़ रुपये तक का हो जाने की उम्मीद है। बाज़ार में विदेशी किस्मों के फूलों की मांग काफ़ी अच्छी है और दाम भी अच्छा मिलता है। सजावटी एंथुरियम फूल की खेती के बारे में जानें।

Anthurium Flowers एंथुरियम फूल की खेती

किसान अनाज और फल-सब्जी की खेती के अलावा, फूलों की खेती (Flower Farming) की तरफ़ भी रुझान कर रहे हैं। सरकार भी ‘सीएसआईआर फूलों की खेती अभियान’ के तहत फूलों की खेती को बढ़ावा दे रही है। इसकी खेती में लागत भी कम आती है और किसान कम अवधि में तैयार हो जाने के कारण एक साल में कई पैदावार ले सकते हैं। बाज़ार में विदेशी किस्मों के फूलों की मांग काफ़ी अच्छी है और दाम भी अच्छा मिलता है। एक ऐसा ही विदेशी फूल है एंथुरियम, जिसकी खेती ने मेघालय की महिला किसानों की ज़िंदगी गुलज़ार की है। कैसे इन महिलाओं ने की एंथुरियम फूल की खेती? कितनी हुई कमाई? कैसा है फूलों का बाज़ार? जानिए इस लेख में। 

Anthurium Flowers एंथुरियम फूल की खेती
तस्वीर साभार: twopeasinacondo

सजावटी फूल के तौर पर है अच्छी मांग

मेघालय के पश्चिम गारो हिल्स की जलवायु और मौसम एंथुरियम फूल की खेती की सबसे उपयुक्त है। एंथुरियम फूलों की डेकोरेटिव इंडस्ट्री में अच्छी डिमांड है। यानी सजावटी फूल के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जाता है। एंथुरियम फूल के बाज़ार को देखते हुए राज्य के बागवानी निदेशालय ने एंथुरियम की व्यावसायिक खेती को बढ़ावा दिया। प्रौद्योगिकी मिशन के तहत एक कार्यक्रम शुरू किया। इस मिशन के साथ कई महिला समूहों को अपने साथ जोड़ा। बागवानी निदेशालय द्वारा चलाए गए मिशन के तहत शुरुआत में 10 महिलाओं ने भाग लिया। इन महिलाओं में से एक मैरी कोरेलिया का कहना है-

“मेघालय की महिलाएं हमेशा परिवार की बागडोर संभालने के लिए आगे आई हैं। जब एंथुरियम की खेती की योजना आई, तो हम महिलाओं ने फूलों की खेती में काफ़ी संभावनाएं देखीं। ये फूल हमारी खुशी को तब और दोगुना कर देते हैं, जब इनसे हम अपने परिवार के लिए कमाई करते हैं।” 

Anthurium Flowers एंथुरियम फूल की खेती
सजावटी फूल के तौर पर होता है इस्तेमाल [तस्वीर साभार: anthuriuminfo (left) & pinterest (right)]

बागवानी निदेशालय ने दिया पूरा सहयोग

इन महिलाओं को प्रौद्योगिकी मिशन के तहत अच्छी गुणवत्ता वाली रोपाई सामग्री, शेड नेट और कोकोपीट, स्प्रिंकलर सिंचाई, पंप सेट जैसे खेती के उन्नत उपकरण उपलब्ध कराए गए। एंथुरियम फूल की खेती को लेकर ट्रेनिंग दी गई। बागानों के रखरखाव को लेकर जानकारी दी गई। बागवानी निदेशालय की देखरेख में इन महिलाओं ने एंथुरियम फूल की खेती शुरू की।

Anthurium Flowers एंथुरियम फूल की खेती
तस्वीर साभार: Department of Agriculture & Cooperation and Farmers Welfare

शून्य से तय किया कामयाबी का सफर

जल्द ही इन महिलाओं के बागानों में एंथुरियम फूल की अलग-अलग किस्में लहलहाने लगीं। जहां पहले इन महिलों की आमदनी शून्य थी, फूलों की खेती से इन महिलाओं को 40 हज़ार से लेकर ढाई लाख रुपये की सालाना आमदनी हुई। 

इन महिलाओं ने 100 वर्ग मीटर से 525 वर्ग मीटर तक के क्षेत्र में फूलों की खेती की। छोटे स्तर पर ही सही, फूलों की खेती ने इन महिलाओं की ज़िंदगी को गुलज़ार किया है। इन महिलाओं ने कई प्रदर्शनियों और व्यापार सम्मेलनों में भाग लेना शुरू किया। फूलों की गुणवत्ता और अलग-अलग किस्मों की खेती को लेकर इन महिलाओं को खूब सराहना मिली। 

इन महिला फूल उत्पादकों की सफलता ने अन्य महिला समूहों को भी फूलों की खेती के लिए प्रेरित किया। बागवानी निदेशालय से वित्तीय सहायता और बैंक से लोन प्राप्त करके कई महिलाओं ने एंथुरियम फूल की खेती शुरू की। आज की तारीख में मेघालय के वेस्ट गारो हिल्स के एंथुरियम उत्पादक खुश हैं और दूसरों के लिए एक आदर्श हैं। 

Anthurium Flowers एंथुरियम फूल की खेती
एंथुरियम फूल की किस्में (तस्वीर साभार: tnau)

Anthurium Flower: एंथुरियम फूल की खेती से गुलज़ार हुई इन महिला किसानों की ज़िंदगी, बहुत महंगा बिकता है ये फूलएंथुरियम फूल से जुड़ी अहम बातें

  • दिखने में बेहद ही खूबसूरत एंथुरियम मूल रूप से एक अमेरिकी पौधा है। इसकी 500 से अधिक प्रजातियां और कई किस्में हैं। 
  • कई तरह के रंगों में पाए जाने वाले एंथुरियम की खेती पॉलीहाउस में पूरे साल की जा सकती है। बेहतर विकास और उपज के लिए सरंक्षित तकनीकों को ज़रिए खुले में एंथुरियम उगाना बेहतर होता है।
  • अभी इसकी खेती पूर्वोत्तर के राज्यों में रफ़्तार पकड़ रही है। इसके अलावा, बढती मांग और अच्छे दाम की वजह से इसकी खेती आंध्र प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों में हो रही है। 
  • एंथुरियम की खेती के लिए उपयुक्त तापमान 15 से 28 डिग्री के बीच होता है।
  • एंथुरियम की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी होनी चाहिए। मिट्टी का पीएच मान 5 से 6 के बीच होना चाहिए। 
  • इंडियमार्ट जैसी ई-कॉमर्स साइट पर एंथुरियम के एक फूल की कीमत करीबन 300 रुपये है। इसी से आप इसके बाज़ार मूल्य का अंदाज़ा लगा सकते हैं। 
Anthurium Flowers एंथुरियम फूल की खेती
तस्वीर साभार: agrigoaexpert

भारत में फूलों की खेती

सरकार का मानना है कि फूलों की खेती परंपरागत फसलों की तुलना में 5 गुना अधिक लाभ देने का माद्दा रखती है। फूल से जुड़े व्यवसाय में नर्सरी, वैल्यू एडिशन और निर्यात के ज़रिए बड़ी संख्या में लोगों को रोज़गार देने की क्षमता है। एक आँकड़े के मुताबिक, भारत में वैश्विक फूलों की खेती का केवल 0.6 प्रतिशत हिस्सा ही है। स्थिति ये है कि कई देशों से हर साल कम से कम 1200 मिलियन अमेरिकी डॉलर के फूल उत्पाद आयात किए जाते हैं। भारतीय फूलों की खेती का बाज़ार 2018 में 15700 करोड़ रुपये था। 2019-24 के दौरान इसके 47200 करोड़ रुपये तक का हो जाने की उम्मीद है।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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