इस तरीके से भिंडी की खेती करके कमाएं अच्छा मुनाफा, पढ़े विस्तार से

भारत में बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, आसाम, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सबसे ज्यादा भिंडी का उत्पादन होता है। भिंडी की सबसे खास बात यह है कि एक बार इसकी खेती करने के बाद इससे दो बार फसल लिया जा सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि आप किस प्रकार से भिंडी की खेती करके अधिक मुनाफा कमा सकते हैं, तो आइए पढ़ते हैं विस्तार से।

भिंडी की खेती Ladyfinger Farming

हमारे देश भारत में भिंडी की खेती (Ladyfinger Farming) बहुत ही बड़े स्तर पर की जाती है। पूरे विष्व में भारत ही एक ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा भिंडी की खेती होती है। भिंडी एक ऐसी किस्म की सब्जी है जिसमेें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम और विटामिन ए, बी, सी जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं।

भारत में बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, आसाम, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सबसे ज्यादा भिंडी का उत्पादन होता है। भिंडी की सबसे खास बात यह है कि एक बार इसकी खेती करने के बाद इससे दो बार फसल लिया जा सकता है।

आज हम आपको बताएंगे कि आप किस प्रकार से भिंडी की खेती करके अधिक मुनाफा कमा सकते हैं, तो आइए पढ़ते हैं विस्तार से।

इस तरीके से भिंडी की खेती करके कमाएं अच्छा मुनाफा, पढ़े विस्तार से

कब करें भिंडी की बुवाई?

वैसे तो भिंडी की बुवाई फरवरी और मार्च के महीनों में की जाती है। कई ऐसे राज्य भी हैं जहां इसकी बुवाई जनवरी के महीने में की जाती है। जनवरी के महीने में बुवाई करना काफी लाभदायक होता है। बता दें कि जनवरी के महीने में भिंडी की बुवाई करने के लिए उन्नत किस्म की भिंडी का चयन करें ताकि फसल तैयार होने में ज्यादा समय ना लगे और पैदावार भी अच्छी हो सके।

कम लागत में अधिक मुनाफा कैसे कमाएं?

अगर आप भिंडी की फसल से ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो आपको मौसम से पहले ही फसल की बुवाई कर लेनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि सीजन के शुरुआत में सब्जियों के बेहतर दाम मिलते हैं। जैसा कि आप जानते है कि भिंडी कि एक के बाद दूसरी फसल की भी बुवाई की जा सकती है। एक सीजन खत्म होने के समय तक भिंडी की दूसरी फसल भी मार्केट में आ जाएगी। सीजन खत्म होने के समय सब्जी की मांग ज्यादा रहती है इसलिए सीजन के अंत में भी भिंडी की अधिक बिक्री होगी।

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इन किस्मों से पाएं अधिक उत्पादन

कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक भिंडी की काशी शक्ति, काशी प्रगति और काशी विभूति जैसी किस्मों को वर्षाकालीन और ग्रीष्मकालीन सीजन में लगाया जा सकता है। बता दें कि इन किस्मों को सीजन से पहले ही बो देना चाहिए। इनकी बुवाई करने के तुरंत बाद ही इन पौधों को कलम कर दें ताकि बरसात के सीजन में दोबारा फसल ली जा सके।

भिंडी की खेती के लिए उपयुक्त मौसम
भिंडी की जैविक खेती के लिए 20 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान उचित माना जाता है। अगर तापमान 17 डिग्री सेल्सियस से कम हो तो अंकुरण नहीं होता। गर्मी के मौसम में 42 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान होने पर पौधों के फूलों के गिरने की समस्या बनी रहती है।

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भिंडी की खेती के लिए कैसी मिट्टी होनी चाहिए?
ऐसा माना जाता है कि भिंडी की अच्छी फसल के लिए अच्छी जल निकास वाली हल्की दोमट मिट्टी अनुकूल होती है। भिंडी की बुवाई के लिए ऐसी मिट्टी का चयन करना चाहिए जिसमें कार्बनिक तत्व पर्याप्त मात्रा में हो। भिंडी की बुवाई के लिए भूमि का पीएच मान 6 से 7 के बीच ही उपयुक्त माना जाता है।

करें सैकड़ों क्विंटल उत्पादन
भिंडी की बुवाई के 45 दिनों के बाद फसल की तुड़ाई शुरू की जा सकती है। बता दें कि ग्रीष्मकालीन भिंडी के जैविक फसल में हर 3 दिन पर फसल की तुड़ाई की जा सकती है। जानकारी के मुताबिक इसमें समय-समय पर तुड़ाई होने से पैदावार अच्छी मिलती है। अगर आप ग्रीष्मकालीन भिंडी की जैविक फसल की खेती करते हैं तो प्रति हेक्टेयर 70 से 80 क्विंटल भिंडी का उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

वही वर्षाकालीन फसल से प्रति हेक्टेयर 150 से 220 क्विंटल भिंडी का उत्पादन होता है और संकर किस्मों से प्रति हेक्टेयर 250 से 300 क्विंटल भिंडी का उत्पादन होता है।

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