Value Addition of Spices: मसालों का मूल्य वर्धन है मुनाफ़े का सौदा, मसाले बेचकर कानपुर की यह महिला बनीं सफल उद्यमी

भारतीय रसोई में मसाले का महत्वपूर्ण स्थान है। मसालों के बिना ज़ायकेदार व्यंजन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। तभी तो उत्पादन और निर्यात के मामले में भारत सबसे आगे है। किसान न सिर्फ मसालों की खेती, बल्कि मसालों का मूल्य वर्धन करके भी अच्छी कमाई कर सकते हैं।

मसालों का मूल्य वर्धन

मसाला उत्पादन के मामले में भारत पूरी दुनिया में सबसे आगे है। यही नहीं यहां मसालों की खपत भी सबसे ज़्यादा होती है। भारतीय मसालों की खासियत है कि वो न सिर्फ स्वाद बढ़ाने का काम करते हैं, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं। इन मसालों का संतुलित मात्रा में सेवन करना सेहत के लिए भी अच्छा होता है। क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक राज्य आंध्र प्रदेश है। मसालों के प्रति भारतीयों का मोह कभी कम नहीं होगा और अब तो विदेशों में भी भारतीय मसाले काफी पसंद किए जा रहे हैं। ऐसे में मसाला उद्योग के फलने-फूलने की पूरी संभावना है। कानपुर के कुरियन पुर्वा गांव की महिला ओम श्री ने मसालों के मूल्य वर्धन की बदौलत न सिर्फ अपनी सामाजिक व आर्थिक स्थिति में सुधार किया, बल्कि अब वो सफल उद्यमी भी बन चुकी हैं। मसालों का मूल्य वर्धन उन्होंने कैसे शुरू किया, जानिए इस लेख में।

मसालों का मूल्य वर्धन spices value addition
तस्वीर साभार: KVK & unsplash

प्रशिक्षण के बाद शुरू किया काम मसालों का मूल्य वर्धन

कानपुर के कुरियन पुर्वा गांव की महिला ओम श्री ने 2010 में कृषि विज्ञान केंद्र, कानपुर देहात से मूल्य वर्धन पर प्रशिक्षण लिया। जिसके बाद उन्होंने मूल्य वर्धित प्रोसेस्ड मसालों का बिज़नेस करने का फैसला किया। अपने उद्यम की शुरुआत के लिए सबसे पहले उन्होंने 2012 में 21,000 रुपए में छोटी मसाला पीसने की मशीन खरीदी। साथ ही 12,000 रुपए का एक पुराना इंजन भी खरीदा। इसके लिए उन्होंने स्वयं सहायता समूह से लोन लिया। उन्होंने पहले गेहूं पीसना शुरु किया और उसकी पैकिंग करने लगी। साथ ही वो गांव के अन्य लोगों का गेहूं भी पीसती थीं।

मसालों का मूल्य वर्धन spices value addition
तस्वीर साभार: unsplash

 

kisan of india youtube

मसाले का कारोबार

2015 में उन्होंने मसाले पीसना और उसकी पैकिंग शुरू कर दी। वो मुख्य रूप से हल्दी, धनिया और मिर्च पीसने और बेचने लगीं। इस काम के लिए उन्होंने 45,000 रुपए की नई ग्राइंडिंग मिल (मसाला पीसने की मशीन) खरीदी और 9000 रुपए में एक पुरानी चावल पीसने की मशीन ख़रीदी। 40,000 रुपए का बड़ा इंजन भी खरीदा। सभी मशीनों को चलाने के लिए उन्होंने ऑर्गेनिक फार्मिंग शुरू की। बाद में ऑर्गेनिक गेहूं का आटा कृषि विज्ञान केंद्र की मदद से बेचने लगी। KVK के वैज्ञानिकों ने जैविक उत्पाद बनाने वाली नेचर फार्मिंग कंपनी से उनका लिंक स्थापित करने में मदद की। इसके बाद वो नेचर फार्मिंग के साथ ही अपने ऑर्गेनिक उत्पादों की बिक्री करने लगी।

KVK के सहयोग से मिली सफलता

प्रशिक्षण के साथ ही KVK ने उत्पाद की बिक्री में भी ओम श्री की मदद की। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों की मदद से ही वो पहले स्थानीय बाज़ार में कमीशन के आधार पर अपने उत्पादों की बिक्री करती थीं। बाद में KVK ने नेचर फार्मिंग कंपनी को ओम श्री के बारे में बताया और कंपनी उन्हें कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए राज़ी हो गई। जिसके बाद से वो इसी कंपनी को अपने उत्पाद बेचती हैं।

मसालों का मूल्य वर्धन spices value addition
तस्वीर साभार: KVK

Value Addition of Spices: मसालों का मूल्य वर्धन है मुनाफ़े का सौदा, मसाले बेचकर कानपुर की यह महिला बनीं सफल उद्यमी

आर्थिक स्थिति में सुधार

शुरुआत में ओम श्री ने अपने उद्यम में 33,000 रुपए का निवेश किया। दो साल के अंदर ही उन्हें सालाना 35,000 रुपए का मुनाफा हुआ। 2015 में उन्होंने 94,000 का निवेश किया और उन्हें सारे खर्च निकालने के बाद 2,30,000 रुपए का़ लाभ हुआ। वो सीज़न में कच्ची मिर्च और धनिया खरीद लेती हैं, उन्हें सुखाती हैं और फिर पीसकर पैकेट में पैक करके बेचती हैं।

ओम श्री को उनके उद्यम की सफलता के बाद KVK के कई कार्यक्रम में प्रशिक्षक के रूप में आमंत्रित किया जा चुका है। ओम श्री की सफलता को देखते हुए कहा जा सकता है कि मसालों का मूल्य वर्धन कम खर्च में मुनाफा कमाने का अच्छा ज़रिया है।

ये भी पढ़ें: Spice Farming: मसालों की खेती कर रहे किसानों के लिए पुरुषोत्तम झामाजी भुडे ने गाँव में ही खड़ा कर दिया बाज़ार

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

मंडी भाव की जानकारी

ये भी पढ़ें:

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top