एग्री बिज़नेस: भुवनेश्वर की इन ग्रामीण महिलाओं ने साथ मिलकर शुरू किए कई Agri-Startups, बनाई अपनी पहचान

ओडिशा के भुवनेश्वर की रहने वालीं इन महिलाओं ने साथ मिलकर स्वयं सहायता समूह बनाया। फिर एक के बाद एक कृषि से जुड़े कई एग्री-बिज़नेस शुरू किए। आइए आपको बताते हैं कि कैसे ये महिलाएं काम करती हैं।

एग्री बिज़नेस ग्रामीण महिलाएं rural woman

किसी ने सच ही कहा है एकता में बहुत शक्ति होती है और भुवनेश्वर के जयपुरपटना गांव की महिलाओं ने इसे सच कर दिखाया है। एकजुट होकर इन्होंने एक समूह का गठन किया और मुर्गीपालन से लेकर सत्तू बनाने तक का काम करके आत्मनिर्भर बनीं और दूसरों के लिए मिसाल पेश की। कैसे इन महिलाओं ने अपने एग्री बिज़नेस को आगे बढ़ाया? शुरुआत कैसे हुई? कौन से एग्री व्यवसाय को चुना? जानिए इस लेख में। 

धौली स्वयं सहायता समूह के नाम से समूह बनाया

15 जुलाई 2014 को भुवनेश्वर के इतिपुर ग्राम पंचायत के तहत आने वाले गांव जयपुरपटना की 12 महिलाओं ने धौली स्वयं सहायता समूह की नींव रखी। कौशल्या बराल इस समूह की अध्यक्ष और बनबासिनी मल्लिक सचिव बनीं। 

दोनों ने मिलकर समूह को आगे बढ़ाने में बहुत मदद की। SHG के नाम से एक संयुक्त बचत खाता खुलवाया। बचत से समूह में ही आंतरिक उधार देने की सुविधा उपलब्ध की। यह समूह भारतीय समाज अधिनियम 1860 के तहत पंजीकृत है।

एग्री बिज़नेस ग्रामीण महिलाएं rural woman
तस्वीर साभार: krishivistar

मदद के लिए सामने आया समाज कल्याण विभाग

धौली स्वयं सहायता समूह के समर्पण और दृढ़ संकल्प से प्रभावित होकर समाज कल्याण विभाग उनकी मदद के लिए आगे आया। उन्हें फंडिंग दी और स्वरोज़गार से जुड़ी गतिविधियां शुरू करने में उनकी मदद की। 

समूह ने 2012 में सत्तू उत्पादन यूनिट लगाई और तब से महिलाएं सत्तू उत्पादन के कार्य में लगी हुई है। पैक्ड सत्तू बेचने के साथ ही समूह सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत भुवनेश्वर के 8 ग्राम पंचायत के 66 आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी सत्तू की सप्लाई कर रहा है। इस तरह से स्वयं सहायता समूह के एग्री बिज़नेस के सफर की शुरुआत हुई। समूह की आय बढ़ाने के लिए उन्हें बड़े आकार की वर्मीकम्पोस्ट यूनिट भी प्रदान की गई है, जिससे वह लाभ कमा रही हैं। वर्मीकम्पोस्ट व्यवसाय अपने आप में ही एक ऐसा एग्री बिज़नेस है, जो युवाओं और खासतौर पर ग्रामीण महिलाओं को स्वरोज़गार के अवसर देने का माद्दा रखता है। 

एग्री बिज़नेस ग्रामीण महिलाएं rural woman
तस्वीर साभार: thehindu

आतिरिक्त आमदनी के लिए पोल्ट्री इकाई

2016 में कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (Agricultural Technology Management Agency, ATMA) ने जयपुरपटना गाँव में एक ट्रेनिंग संग जागरूकता कैंप का आयोजन किया। इस कैंप में पोल्ट्री व्यवसाय के बारे में बताया गया।

शुरुआत में धौली स्वयं सहायता समूह की 5 महिलाओं को आजीविका के विकल्प के तौर पर वनराजा नस्ल की मुर्गियाँ दी गईं। इन महिलाओं ने एक साथ मुर्गियों को पालने का फैसला किया। उन्होंने मुर्गियों के रहने क लिए सुरक्षित जगह की व्यवस्था करने के साथ ही उनका टीकाकरण भी करवाया।  उनके खाने के लिए कुक्कुट-चारा (Poultry Feed) खरीदा। 5 महिला लाभार्थियों ने 28 दिन के 116 चूज़े खरीदे। इसमें से 6 की मौत हो गई। बाकी 110 चूज़ों के देखभाल उन्होंने अच्छी तरह की और बाद में 24 पक्षी जब 4 किलो के हो गए तो उन्हें बेचकर करीबन 12 हज़ार रुपये की कमाई की। 30 मुर्गियां रोज़ाना अंडे देती हैं, जिसे वह 6 रुपये प्रति अंडे की दर से बेचती हैं। 

एग्री बिज़नेस ग्रामीण महिलाएं rural woman
तस्वीर साभार: krishivistar

इस तरह सेधौली स्वयं सहायता समूह को मुर्गी पालन एग्री बिज़नेस से भी सालाना करीब एक लाख रुपये का मुनाफ़ा होता है। उनकी योजना इसे और बढ़ाने की है। समूह की सफलता को देखकर क्षेत्र की अन्य महिलाएं भी स्वयं सहायता समूह बनाकर आजीविका के लिए मुर्गीपालन शुरू करने के लिए आगे बढ़ी हैं।

एग्री बिज़नेस ग्रामीण महिलाएं rural woman
तस्वीर साभार: krishivistar

वनराजा मुर्गी की ख़ासियत

वनराजा मुर्गी एक क्रॉस ब्रिड नस्ल है। इसे मुर्गियों की विदेशी नस्ल आरआईआर और देसी नस्ल असील को क्रॉस कर तैयार किया गया है। वनराजा मुर्गी एक वर्ष में 260 से अधिक अंडे दे सकती है। इसके चूज़े चार महीने में तीन किलो तक के हो जाते हैं।

एग्री बिज़नेस ग्रामीण महिलाएं rural woman
तस्वीर साभार: ICAR-National Bureau of Animal Genetic Resources

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

मंडी भाव की जानकारी

ये भी पढ़ें:

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top