Eco-Friendly Packaging: पराली और मक्का से कमाल की पैकेजिंग बना रहा UnBubble Agri Startup

UnBubble Agri Startup के सह-संस्थापक आदेश ने किसान ऑफ़ इंडिया के संवाददाता सर्वेश बुंदेली से बातचीत के दौरान बताया कि ये पैकेजिंग पानी में पूरी तरह से घुल जाती है और एक हफ़्ते के अंदर मिट्टी में डिकम्पोज़ हो जाती है, जो पर्यावरण के लिए सुरक्षित है।

Eco Friendly Packaging unbubble agri startup

कांच के छोटे से शो-पीस और ग्लास से लेकर बड़े टीवी, फ्रिज और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स की पैकेजिंग में आमतौर पर स्टायरोफोम और बबल पैकेजिंग का इस्तेमाल होता है, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक है, क्योंकि ये मिट्टी में डिकम्पोज़ नहीं होते यानी नष्ट नहीं होते और कचरे का ढेर बढ़ाते रहते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए UnBubble Agri Startup ने इसका इको फ्रेंडली विकल्प निकाला है। ये स्टार्टअप पराली और मक्के से शानदार पर्यावरण अनुकूल पैकेजिंग (Eco-Friendly Packaging) तैयार कर रहा है।

UnBubble Agri Startup के सह-संस्थापक आदेश ने किसान ऑफ़ इंडिया के संवाददाता सर्वेश बुंदेली से बातचीत के दौरान बताया कि ये पैकेजिंग पानी में पूरी तरह से घुल जाती है और एक हफ़्ते के अंदर मिट्टी में डिकम्पोज़ हो जाती है, जो पर्यावरण के लिए सुरक्षित है। आइए, जानते हैं कैसे ये स्टार्टअप टिकाऊ और इको-फ्रेंडली पैकेज़िंग तैयार कर रहा है।

कैसे आया UnBubble Agri Startup का आइडिया? 

UnBubble के सह-संस्थापक आदेश घिसरे कहते हैं कि प्लास्टिक वेस्ट यानी कचरे के मामले में भारत चीन को भी पीछे छोड़ चुका है। हमारे देश से सबसे ज़्यादा प्लास्टिक वेस्ट निकल रहा है, जिसमें 45 फ़ीसदी सिर्फ़ पैकेजिंग प्लास्टिक वेस्ट होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बाज़ार में पैकेजिंग का कोई टिकाऊ विकल्प नहीं है। इसी समस्या के समाधान के लिए आदेश और उनकी टीम ने एक ऐसा टिकाऊ पैकेजिंग का विकल्प तलाशा जिससे पर्यावरण को नुकसान न हो और इस तरह से UnBubble का जन्म हुआ।

UnBubble Agri Startup पराली से बना रहा Packaging Products

आदेश बताते हैं कि उनका स्टार्टअप दो उत्पाद बना रहा है। एक है Vriksh Foam, जो प्लांट बेस्ड मटीरियल से बनता है। पराली, मक्का और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके इस फोम को बनाया जा है। स्टार्टअप का दूसरा उत्पाद है पैकेजिंग पीनट्स, इसे मक्के से बनाया जाता है। इस पैकेजिंग की ख़ासियत ये है कि अनबॉक्सिंग के बाद पानी में डालने पर ये एक मिनट में घुल जाती है, फिर इस पानी को आप पौधों में डाल सकते हैं। आदेश बताते हैं कि ये किफ़ायती भी है, क्योंकि ये 450 रुपये में एक किलोग्राम आता है। एक किलोग्राम में 40 बोरे मिल जाएंगे जिसमें 60 बॉक्स की पैकिंग हो जाएगी।

kisan of india youtube

आसानी से डिकम्पोज़ हो जाता है Vriksh Foam

आदेश बताते हैं कि स्टायरोफोम जहां 500 सालों तक गलता या सड़ता नहीं है, वहीं Vriksh Foam की पैकेजिंग को तोड़कर आप गार्डन में डाल देंगे तो एक हफ़्ते में ये डिकम्पोज़ जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसे पराली से बनाया जाता है, तो इससे समाज को प्लास्टिक मुक्त करने और पराली जलाने से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद मिलेगी।

पर्यावरण अनुकूल पैकेजिंग मूल्य (Ecofriendly Packaging Price)

स्टायरोफोम पैकेजिंग की तुलना में ये थोड़ा महंगा ज़रूर है, मगर जो ब्रांड प्लास्टिक फ़्री  होने के लिए थोड़ी अधिक कीमत चुकाने को तैयार हैं, उनके लिए ये एक बेहतरीन विकल्प है। आदेश बताते हैं कि वो लोग अलग-अलग एग्ज़ीबिशन में भाग लेते हैं जिससे लोगों को इस नई पैकेजिंग के बारे में पता चलता है। एक स्टायरोफोम पैकिंग की कीमत अगर 3 रुपए आती है तो रिच फोम की कीमत 4.5 रुपए होगी। आदेश का कहना है कि वो लोग लोकल स्टार्टअप के साथ पेड पार्टनरशिप कर रहे हैं। साथ ही अमृतसर, दिल्ली, गुड़गांव और उत्तर प्रदेश में कुछ स्टार्टअप्स को वो अपनी पैकेजिंग ऑफ़र कर रहे हैं।

UnBubble Agri Startup लोकल किसानों से सीधे लेता है पराली

आदेश बताते हैं कि गुड़गांव में उनकी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है। अभी वो बहुत बड़े लेवल पर उत्पादन नहीं कर रहे हैं। इसलिए स्थानीय किसानों से सीधे पराली ले लेते हैं, मगर भविष्य में वो जब बड़े स्तर पर उत्पादन करेंगे तो उन्हें ज़्यादा पराली की ज़रूरत पड़ेगी और तब और अधिक किसानों के साथ वो जुड़ेंगे। वो आगे कहते हैं कि किसान के खेतों से पराली और फसल अवशेषों को मैन्यूफैकचरिंग यूनिट में लाते हैं और छंटाई करके उनका इस्तेमाल किया जाता है।

प्लास्टिक पैकेजिंग की तुलना में क्यों है फायदेमंद? (Why is it beneficial compared to plastic packaging?)

आदेश कहते हैं कि 99 प्रतिशत प्लास्टिक पैकेजिंग पेट्रोकेमिकल से बनती है, जो खनीज ज़मीन के नीचे से निकलते हैं। जबकि Unbubble के Products नैचुरल रिसोर्स से बनाए जा रहे हैं, जो प्लास्टिक पैकेजिंग की तुलना में 7 गुना कम ऊर्जा की खपत करते है। जहां तक कार्बन उत्सर्जन का सवाल है तो ये प्लास्टिक पैकिंग की तुलना में 15 गुना कम कार्बन उत्सर्जन करता है।

जो पराली जलाई जाती है उससे वायु प्रदूषण होता है, तो उस पराली से उत्पाद बनाकर UnBubble उस प्रदूषण को भी कम करने में मदद कर रही है। रिच फोम का इस्तेमाल कॉस्मेटिक्स, क्रॉकरी, इलेक्ट्रॉनिक्स वगैरह की पैकेजिंग में किया जा सकता है।

kisan of india instagram

थर्माकोल और बबल पैकेजिंग का आसान विकल्प

दिनों-दिन प्लास्टिक कचरे के बढ़ते अंबार को देखते हुए, समय-समय पर सरकार की ओर से भी प्लास्टिक पर बैन तो लगाया जाता है, मगर लोगों के पास इसका कोई किफ़ायती विकल्प न होने के कारण इसे आज तक पूरी तरह से प्रतिबंधित नहीं किया जा सका है। भविष्य में क्या रिच फोम पूरी तरह से बबल पैकिंग को रिपलेस कर पाएगा, इस सवाल के जवाब में आदेश का कहना है कि हमारे देश में लोगों को सस्ती चीज़ें चाहिए, इसलिए उनका स्टार्टअप अभी और रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर काम कर रहा ताकि इस इको फ्रेंडली पैकेजिंग को प्लास्टिक पैकेजिंग के दाम पर ही लोगों को उपलब्ध कराया जा सके।

स्टायरोफोम हो या बबल पैकेजिंग दोनों ही प्लास्टिक से बने होते हैं, इसलिए फेंकने पर ये नष्ट नहीं होते और सालों-साल यूं ही पड़े रहते हैं, जिससे पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है। मौजूदा समय में जब पर्यावरण प्रदूषण एक वैश्विक समस्या बन चुकी है और प्लास्टिक इस समस्या को ओर बढ़ा रहा है, ऐसे में UnBubble की तरह ही ज़रूरी है कि देश के अन्य इनोवेटिव युवा भी आगे आएं और प्लास्टिक का सस्ता और टिकाऊ विकल्प तलाशे, ताकि देश को सचमुच में प्लास्टिक मुक्त बनाया जा सके। साथ ही लोगों को भी थोड़ा जागरुक होना होगा और अपनी तरफ़ से प्लास्टिक का इस्तेमाल धीरे-धीरे कम करने की कोशिश करनी होगी, जैसे कहीं भी जाएं तो प्लास्टिक बैग में सामान लेने की बजाय जूट या कपड़े का थैला लेकर जाएं।

यहां देखें इसपर वीडियो:

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top