33 लाख अयोग्य लोगों को मिला प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ

पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत तीन साल पहले हुई। इसका उद्देश्य ऐसे छोटे और सीमांत किसानों की मदद करना था, जिनके पास 2 एकड़ से कम ज़मीन है। लेकिन किसान सम्मान निधि का लाभ ऐसे किसान भी उठा रहे थे, जिनकी खेती के अलावा दूसरे जरियों से भी आमदनी होती है या जिन्हें पेंशन मिलती है, जो आयकर देते हैं। इसमें गैर-सरकारी और सरकारी नौकरीपेशा किसान भी शामिल थे। अब ऐसे ही अयोग्य लाभार्थियों का पता लगाकर योजना के तहत उन्हें मिली रक़म की वसूली की जाएगी।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi) की शुरुआत लगभग तीन साल पहले की गई थी। इस योजना का उद्देश्य छोटे व सीमांत किसानों की मदद करना था। ऐसे किसान तो योजना का उतना लाभ नहीं उठा पाए, जितना लाभ ऐसे किसान उठा रहे थे, जिन्होंने योजना से जुड़ी योग्यता भी पूरी नहीं की थी।

अफसोस की बात है कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र आदि सहित 18 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के लाभार्थियों को मिलाकर कुल 33 लाख लाभार्थी ऐसे हैं, जो इस योजना के लिए अयोग्य थे। लेकिन अब ऐसे लोगों का पता लगा लिया गया है और सरकार की ओर से इनसे वसूली करने के आदेश दे दिए गए हैं। अयोग्य लोगों के पास योजना का पैसा जाने से सरकार को लगभग ढाई हज़ार करोड़ की चपत लग चुकी है और योग्य किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

इनकम टैक्स पेयर भी उठा रहे थे लाभI

पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत जब वेरिफिकेशन प्रोसेस शुरू किया गया, तो लगभग 33 लाख किसान इस योजना के लिए अयोग्य पाए गए। लेकिन फिर भी वे इस योजना का लाभ उठा रहे थे। योजना के लिए अपात्र किसानों में ऐसे भी किसान थे, जो इनकम टैक्स जमा करवाते हैं। इन सभी किसानों के अकाउंट में पीएम किसान स मान निधि योजना का तय पैसा जमा किया जाता रहा था।

ऐसे किसान भी इस योजना का लाभ उठा रहे थे, जिनकी इनकम खेती के अलावा दूसरे जरियों से भी होती है या जिन्हें पेंशन मिलती है। इसमें गैर-सरकारी व सरकारी नौकरीपेशा किसान भी शामिल थे। इन सभी किसानों का पता लगाकर योजना के पैसे की वसूली की जाएगी।

इन राज्यों में की जाएगी वसूली

देश के कई राज्यों में अपात्र किसानों की पुष्टि हुई हैं, जिनसे वसूली की जाएगी। मीडिया रिपोटर्स के वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो कर्नाटक में 2.04 लाख ऐसे रजिस्ट्रेशन किए गए हैं, जो पूरी तरह अयोग्य हैं। गुजरात में लगभग 7 हज़ार, हरियाणा में 35 हज़ार, तमिलनाडु में यह फर्जी रजिस्ट्रेशन की सं या 6.96 लाख तक है, पंजाब में 4.70 लाख, उत्तर प्रदेश में 1.78 लाख व राजस्थान में 1.32 लाख फर्जी लाभार्थियों की संख्या है।

ऑनलाइन देखें लिस्ट

  • सबसे पहले वेबसाइट pmkisan.gov.in को ओपन करें।
  • इसके बाद होम पेज पर मेन्यू बार में ‘फार्मर कॉर्नर’ पर क्लिक करें।
  • इसके बाद लाभार्थी सूची का लिंक आएगा उस पर क्लिक करें।
  • फिर अपना राज्य, जिला, उप-जिला, ब्लॉक, गांव, तहसिल आदि का पूर्ण विवरण भर दें।
  • जब यह फॉर्म भर जाए, तब त्रद्गह्ल क्रद्गश्चशह्म्ह्ल पर क्लिक करें और पूरी लिस्ट आपके सामने खुल जाएगी।

लिस्ट में अपना नाम देखें

  • सबसे पहले किसानों को pmkisan.gov.in वेबसाईट पर लॉगइन करना होगा।
  • इसके बाद ‘फॉर्मर कॉर्नर’ में किसान खुद को इस योजना में रजिस्टर कर सकता है।
  • यदि आपका आधार नंबर गलत दर्ज हो गया है या ठीक से अपलोड नहीं हुआ है, तो आपको इसकी जानकारी भी यहीं मिल जाएगी।
  • जिन्हें योजना का लाभ मिल रहा है वे अपना नाम राज्य, जिले, गांव या तहसिल के हिसाब से देख सकते हैं।
  • किसान अपनी आधार सं या या मोबाइल नंबर के जरिये भी आवेदन की स्थिति या पूरी सूची देख सकते हैं।
  • खुदको अपडेट रखने के लिए गूगल प्ले स्टोर से पीएम किसान मोबाइल एप डाउनलोड कर योजना की जानकारी ले सकते हैं।

कौन नहीं कर सकते आवेदन

  • ऐसे किसान जो संवैधानिक पद पर आसीन हैं, मेयर, राज्यसभा व लोकसभा सांसद, वर्तमान या पूर्व मंत्री, विधायक, एमएलसी, जिला पंचायत अध्यक्ष हैं वे इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते चाहे वे किसानी भी करते हों।
  • दस हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसान को भी योग्य नहीं माना जाएगा।
  • जो किसान केंद या राज्य सरकार में अधिकारी, मल्टी टास्किंग स्टाफ, चतुर्थ श्रेणी, समूह डी कर्मचारी भी इस योजना के लिए अपात्र होगा।
  • जो व्यक्ति खेती तो करता है, लेकिन पेशे से डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट आदि हो वह भी इस योजना के लिए आवेदन नहीं कर सकता।
  • जो किसान इनकम टैक्स का भुगतान करते हों वे भी अपात्र होंगे।

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
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