भारत में जैविक खेती का चलन लगातार बढ़ रहा है। इसकी तरफ किसानों का रुझान भी है, लेकिन अपनी फसल को कहां और कैसे बेचना है, इस बारे में कई किसान जानकारी की कमी से मार खा जाते हैं। एक ऐसे ही किसान ने अपनी इस परेशानी का ज़िक्र किसान ऑफ़ इंडिया से बातचीत में किया। बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के रहने वाले किसान दीपक जना जैविक खेती करते हैं, लेकिन सुविधाओं के अभाव में लागत का पैसा तक नहीं मिल पाता।
दीपक जना ने कृषि में ग्रेजुएशन की है। दीपक कहते हैं कि ये उनका दुर्भाग्य है कि विषय के रूप में एग्रीकल्चर चुनने और सुशिक्षित होने के बावजूद उनके क्षेत्र में पर्याप्त अवसर नहीं हैं। उनके पिता के पास ज़मीन थी। उनके पूर्वजों के समय में जैविक खेती उतनी प्रचलन में नहीं थी, जितनी अब है, लेकिन अब बदलते वक़्त के साथ लोगों का रुझान जैविक खेती की ओर बढ़ रहा है।
नहीं मिलता बाज़ार, जैविक खेती के प्रचार की ज़रूरत
दीपक जना बताते हैं कि उनके इलाके के सब डिविज़नल ऑफ़िसर ने क्षेत्र में जैविक खेती को लेकर ट्रेनिंग प्रोग्राम किया। यहीं से उन्हें जैविक खेती के बारे में, उसके फ़ायदों के बारे में जानकारी मिली। इस ट्रेनिंग के दौरान ही उन्होंने जाना कि जैविक खेती के तरीके से उगाई गई सब्जियां सेहत के लिहाज से फ़ायदेमंद होती हैं। अगर इसका सही तरह से प्रचार किया जाए तो इस पद्धति से खेती करने वाले किसानों को लाभ होगा। दीपक जना कहते हैं कि हम अपनी फसलों में रासायनिक खादों और कीटनाशकों का इस्तेमाल कर मिट्टी की गुणवत्ता को नष्ट कर रहे हैं।
खेती को दो वर्गों में करना चाहिए विभाजित
जैविक खेती की तकनीक अच्छी है। ऑर्गैनिक फ़ार्मिंग में उपज और गुणवत्ता अच्छी तो रहती है, लेकिन जैविक खेती की उपज को किस तरह से मार्केटिंग की जाए इसको लेकर कोई स्कीम नहीं है। किसानों को अपने उत्पाद को कैसे बाज़ार तक पहुंचाना है, इसकी जानकारी को लेकर अभाव है। दीपक जना कहते हैं कि सरकार को जैविक और रासीयनिक खेती को दो वर्गों में विभाजित करने की ज़रूरत है। ऐसे जैविक खेती कर रहे किसान अपनी उपज का सही दाम और लाभ ले पाएंगे।
ऑर्गैनिक क्षेत्र में निवेश करने की ज़रूरत
लोगों को रासायनिक फसल की तरह ही ऑर्गेनिक फ़ार्मिंग के बारे में जानकारी देने की ज़रूरत है। दीपक जना आगे बताते हैं कि सरकार को ऑर्गैनिक क्षेत्र में निवेश करने की जरूरत है। हमारे क्षेत्र में ज़्यादा से ज़्यादा वर्मी काम्पोस्ट यूनिट लगाने की जरूरत है। अभी हम सब कुछ खुद ही करते हैं। जैविक खेती की खाद हम खुद तैयार करते हैं। अगर हमें पर्याप्त सुविधाएं दी जाए तो हम जैविक खेती को आगे ले जा सकते हैं और अपनी ज़मीन की उच्च उपज और किसानों को लाभ पहुंचा सकते हैं।
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