MSP की बजाय किसानों को लागत के आधार पर मिले दाम, भारतीय किसान संघ की मांग

"देश के कई हिस्‍सों में किसानों को नहीं मिल रही MSP"

भारतीय किसान संघ ने MSP की बजाय लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य तय करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम देश के कई इलाकों में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपे हैं।

न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा देश में किसान आंदोलन चला रहा है, लेकिन भारतीय किसान संघ (BKS) ने MSP नहीं बल्कि लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य लागू करने की मांग की है। ये मांग ऐसे वक्त पर सामने आई है, जब केंद्र सरकार ने रबी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने का ऐलान किया है। मार्केटिंग वर्ष 2022-23 के लिये गेहूंसरसोंजौचनामसूर की फसल और कुसुम के फूल पर MSP में बढ़ोतरी की गई है।

लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य तय करने की मांग

नए MSP दामों के ऐलान के बाद भारतीय किसान संघ (BKS) से जुड़े नेताओं ने दिल्ली समेत देश के 513 से अधिक जिला मुख्यालयों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान भारतीय किसान संघ ने MSP की बजाय लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य तय करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम सभी स्थानों पर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

Bharatiya Kisan Sangh ( भारतीय किसान संघ )

 

लागत की तुलना में  MSP का दाम बेहद कम

भारतीय किसान संघ का कहना है कि MSP व्‍यवस्‍था का सभी किसानों को फायदा नहीं मिल रहा है। भारतीय किसान संघ ने अपने ज्ञापन में कहा है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित होने के बाद भी वाजिब दाम नहीं मिल पाता। कृषि में लगने वाली लागत दिन-ब-दिन महंगी हो रही हैऐसे में लागत के मुकाबले न्यूनतम समर्थन मूल्य का दाम बहुत कम रहता है।

वर्तमान हालत ये हैं कि देश का अन्नदाता गरीब से और गरीब होता जा रहा है। बाज़ार के भाव और न्यूनतम समर्थन मूल्य में कई गुना दामों का अंतर है। किसान को मुनाफ़ा तो दूर उत्पादन की मूल लागत तक नहीं मिल पा रही है।

Bharatiya Kisan Sangh ( भारतीय किसान संघ )

 

घोषित मूल्य से कम दाम देने पर होना चाहिए सज़ा का प्रावधान 

भारतीय किसान संघ ने सुझाव दिया कि देश में किसानों की कृषि लागत कम और आय बढ़ाने की दिशा में पुरज़ोर काम करने की ज़रूरत है। मंहगाई के अनुपात में न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाया जाना चाहिए। वहीं अगर किसान की फसल घोषित मूल्य से कम दाम में खरीदी जाती है तो इसे अपराध की श्रेणी में लाकर कानून बनाना जाना चाहिए।

साथ ही भारतीय किसान संघ ने कहा कि यदि दस दिनों में उनकी इन मांगों पर विचार नहीं किया गयातो उनका किसानों को समर्पित उनका ये आंदोलन अपने अगले चरण की ओर बढ़ेगा।

Bharatiya Kisan Sangh ( भारतीय किसान संघ )

 

बता दें कि मार्केटिंग सत्र 2022-23 के लिए गेहूं पर 40 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी के साथ अब MSP 2,015 रुपए प्रति क्विंटल कर दी गई है। सरसों की एमएसपी में 400 रुपये का इज़ाफ़ा कर 5,050 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है। सूरजमुखी की एमएसपी 114 रुपये बढ़ाकर 5,441 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। मसूर में भी 400 रुपये की बढ़ोतरी कर MSP 5,500 रुपये प्रति क्विंटल कर दी गई है। उधर जौ की एमएसपी 1600 रुपये से बढ़ाकर 1,635 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है।

सरकार का दावा है कि इस कदम से किसान को उत्पादन लागत की तुलना में अधिकतम कीमत मिलने का अनुमान है। सरकार के इस फैसले के बारे में आपकी क्या राय हैहमारे साथ अपने विचार ज़रूर साझा करें।

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