लौकी की खेती (Bottle Gourd Farming): लौकी की उन्नत किस्मों से किसान बढ़ा सकते हैं आमदनी

पेट और स्वास्थ्य के लिए अच्छी माने जाने वाली सब्ज़ियों में लौकी का मुख्य स्थान है। लौकी की खेती (Bottle Gourd Farming) देश के लगभग हर इलाके में होती है। लौकी की कई उन्नत किस्में हैं, जिनसे अच्छी पैदावार करके किसान आमदनी बढ़ा सकते हैं।

लौकी की खेती (bottle gourd farming)

लौकी की खेती (Bottle Gourd Farming): लौकी एक कद्दू वर्गीय सब्ज़ी है। भारत में लौकी को बहुत से नामों से जाना जाता है जैसे घिया, दूधी और कलाबश। लौकी की सिर्फ सब्ज़ी ही नहीं बनती, बल्कि रायते, हलवे से लेकर स्वादिष्ट मिठाई तक बनती है। हरी सब्ज़ियों में लौकी बहुत लोकप्रिय है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर व कई विटामिन्स होते हैं। लौकी की खेती भी बहुत मुश्किल नहीं है। सही जलवायु और उचित मिट्टी मिलने पर यह आसानी से उग जाती है।

अन्य फसलों की तरह ही लौकी की भी कई किस्में हैं जो बाकियों के मुक़ाबले उन्नत मानी जाती हैं, क्योंकि यह अच्छी पैदावार देती हैं। देश के लगभग हर इलाके में लौकी की खेती (Bottle Gourd Farming) बड़े पैमाने पर की जा रही है। यदि आप भी लौकी की खेती करते हैं, तो आपको इन किस्मों (Bottle Gourd Varieties) की जानकारी होनी चाहिए।

लौकी की उन्नत किस्में

अर्का नूतन (Arka Nutan)

लौकी की इस किस्म की पैदावार भी अच्छी होती है। ये हल्के हरे रंग की और लंबी होती है। इस किस्म की प्रति हेक्टेयर 46 टन तक की पैदावार होती है और 56 दिनों में पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है।

 

लौकी की खेती
लौकी Bottle Gourd variety- Arka Nutan

अर्का श्रेयस (Arka Shreyas)

प्रति हेक्टेयर 48 टन तक की पैदावार देने वाली लौकी की यह किस्म लंबी नहीं, बल्कि थोड़ी गोलाई में और मोटी होती है। यह खुले परागण वाली किस्म है जो 60 दिनों में तैयार हो जाती है।

लौकी की खेती
लौकी – Bottle gourd variety- Arka Shreyas

अर्का बहार (Arka Bahar)

यह किस्म बरसात और गर्मी के मौसम में उगाई जाती है। इसका रंग हल्का हरा होता है और 50 से 60 दिनों के भीतर तैयार हो जाती है। जहां तक पैदावार की बात है, तो प्रति हेक्टेयर 450 से 500 क्विंटल  होती है।

लौकी की खेती
लौकी – Bottle gourd variety- Arka Bahar

अर्का गंगा (Arka Ganga)

प्रति हेक्टेयर 58 टन तक की पैदावार देने वाली लौकी की यह किस्म अंडाकर आकार की होती है और रंग हरा होता है। यह 56 दिनों में तैयार हो जाती है।

 

लौकी की खेती
लौकी – Bottle gourd variety- Arka Ganga

काशी गंगा (Kashi Ganga)

यह किस्म अधिक पैदावार देती है। यानी इसकी खेती करके किसान आसानी से मुनाफा कमा सकते हैं। इस किस्म की लौकी मीडियम साइज़ की होती है, रंग हरा होता है और लंबाई एक से डेढ़ फीट होती है। बीज लगाने के 50 से 55 दिन बाद फल लगते हैं।

लौकी की खेती
लौकी – Bottle gourd variety- Kashi Ganga

इनके अलावा काशी बहार, पूसा नवीन, नरेंद्र रश्मि, पूसा संदेश आदि लौकी की उन्नत किस्में हैं, जो अच्छी पैदावार देती हैं।

जलवायु और मिट्टी

लौकी की खेती के लिए गर्म व आद्र जलवायु उपयुक्त मानी जाती है। इसकी बुवाई गर्मी और बरसात के मौसम में की जाती है। दोमट मिट्टी इसकी  खेती के लिए सबसे अच्छी होती है।

यदि आप भी लौकी की खेती से मुनाफ़ा  कमाना चाहते हैं, तो इन किस्मों की बुवाई करके आमदनी बढ़ा सकते हैं। लौकी एक आसानी से लगने वाली सब्ज़ी है। इसे लगाने के लिए बहुत अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती है, और एक बार पौधा यदि अच्छी तरह लग जाता है, तो खूब पैदावार होती है।

स्टोरी साभार: ICAR-IIVR & ICAR-IIHR

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