बहुत गम्भीर बन रहा है चक्रवाती तूफ़ान ‘यास’, 26 मई को तट से टकराने के आसार

तूफ़ान के सिलसिले में राहत और बचाव के सभी एहतियाती उपाय किये जा रहे हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने अपनी 65 टीमों को तैनात कर दिया है तथा 20 टीमें को आपात परिस्थितियों के सतर्क रहने यानी स्टैंडबाय पर रखा गया है। थल सेना, नौसेना और तटरक्षक बल को भी अपने जहाज़ों और विमानों के साथ मुस्तैद रहने को कहा गया है।

Cyclone Yaas is becoming severe can hit 26 may on coast of Bengal - Kisan Of India

भारत मौसम विभाग (IMD) ने बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहे चक्रवात ‘यास’ के बहुत गम्भीर चक्रवात का रूप लेकर 26 मई को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों को पार करने का पूर्वानुमान जताया है। भीषण तूफ़ान की चेतावनी को देखते हुए मछुआरों को 23 मई से समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गयी है।

मौसम विभाग ने कहा है कि पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर जो निम्न वायुमंडलीय दबाव का क्षेत्र तीन दिनों से विकसित हो रहा था, उसके 23 मई की सुबह तक बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य क्षेत्र पर तीब्र विक्षोभ (disturbance) का रूप लेने की उम्मीद है। इसके बाद यही विक्षोभ 24 मई तक चक्रवात में तब्दील होकर उत्तर और उत्तर-पश्चिम दिशा की बढ़ने लगेगा।

इसी क्रम में अगले 24 घंटों के इसके भीषण रूप धारण करने तथा 26 मई की सुबह तक उत्तरी ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बाँग्लादेश के तटों तक पहुँचने के आसार हैं। ऐसे मौसम की वजह से अंडमान-निकोबार में भी तूफ़ानी हवा चलेगी और भारी बारिश होगी।

राहत और बचाव

तूफ़ान के सिलसिले में राहत और बचाव के सभी एहतियाती उपाय किये जा रहे हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने अपनी 65 टीमों को तैनात कर दिया है तथा 20 टीमें को आपात परिस्थितियों के सतर्क रहने यानी स्टैंडबाय पर रखा गया है। थल सेना, नौसेना और तटरक्षक बल को भी अपने जहाज़ों और विमानों के साथ मुस्तैद रहने को कहा गया है।

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कैसे बनते हैं समुद्री तूफ़ान?

समुद्र की सतह पर तापमान के बढ़ने से उसके वायुमंडल में जब कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने लगता है तो इसके ही लगातार गम्भीर होने और वहाँ के बादलों में बहुत तेज़ी से और बहुत ज़्यादा नमी के जमा होने का सिलसिला विकसित होने लगता है। यही प्रक्रिया चक्रवाती तूफ़ान के गठन का पहला चरण होता है। लेकिन ये ज़रूरी नहीं है कि आये दिन विकसित होने वाला हरेक कम वायुमंडलीय दबाव वाला क्षेत्र चक्रवाती तूफ़ान में तब्दील हो ही जाए। अक्सर, वायुमंडलीय दाब के असन्तुलन को मौसम ख़ुद ही दुरुस्त करता रहता है। लेकिन जब हालात इसके दायरे से बाहर निकल जाता है तो फिर वो विनाशकारी तूफ़ान का सबब बनता है।

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