ऑर्गेनिक मल्टीलेयर फ़ार्मिंग (Multi Layer Farming) करने के लिए आईटी इंजीनियर ने छोड़ी जॉब, जानिए उनकी मार्केटिंग स्ट्रेटिजी

मल्टीलेयर फ़ार्मिंग के फ़ायदों को देखते हुए अब लोगों का रुझान इसकी ओर बढ़ता जा रहा है। इसके फ़ायदों और भविष्य को देखते हुए कई लोग अच्छी सैलरी वाली नौकरी छोड़कर आधुनिक खेती में हाथ आजमा रहे हैं।

ऑर्गेनिक मल्टीलेयर फ़ार्मिंग की ओर अब किसानों का रुझान बढ़ रहा है। इसका मुख्य कारण है कि जैविक खेती का रासायनिक खादों, नुकसानदेह कीटनाशकों से मुक्त होना और ऑर्गेनिक उत्पादों से ज़्यादा मिलना। जैविक खेती से खाद्यान्नों, सब्जियों की गुणवत्ता में वृद्धि तो होती ही है साथ ही लागत भी कम लगती है। किसान स्थानीय उपलब्धता के आधार पर बायोमास का इस्तेमाल करते हैं, जो भूमि की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ-साथ उर्वरता बढ़ाने का भी काम करता है।

दिल्ली के पल्ला गाँव के अभिषेक दामा पेशे से इंजीनियर हैं, जो अब प्रगतिशील किसान बन चुके हैं। आईटी सेक्टर की जॉब छोड़कर जैविक खेती कर रहे दामा ने किसान ऑफ़ इंडिया से ख़ास बातचीत में अपने अनुभव साझा किए और जैविक खेती से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें बताई। अभिषेक ने बताया कि साल 2017 में उन्होंने दो बीघा ज़मीन से खेती की शुरुआत की। वक़्त के साथ इसकी बारीकियाँ जानने के बाद आज वो  25 एकड़ की ज़मीन पर मल्टीलेयर जैविक खेती कर रहे हैं।

organic multilayer farming

ऑर्गेनिक मल्टीलेयर फ़ार्मिंग (Multi Layer Farming) करने के लिए आईटी इंजीनियर ने छोड़ी जॉब, जानिए उनकी मार्केटिंग स्ट्रेटिजी

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मल्टीलेयर फ़ार्मिंग में नुकसान कममुनाफ़ा ज़्यादा 

मल्टीलेयर फ़ार्मिंग के लिए किस तरह की मिट्टी की ज़रूरत होती है, किन जैविक तरीकों से फ़सल के ज़रूरी पोषक तत्व पूरे किये जाते हैं, इस पर उन्होंने पूरा काम किया। अभिषेक ने मिट्टी की सेहत को अच्छा करने के लिए 32 क्यूबिक मीटर का बायोगैस प्लांट लगवाया और फ्लड इरिगेशन और ड्रिप इरिगेशन के ज़रिये खेती पर ज़ोर दिया।

मल्टी लेयर फ़ार्मिंग के ज़रिए आज अभिषेक करीबन 52 तरह की सब्जियाँ अपने खेत पर उगाते हैं, जिसमें घिया, तोरी, करेला, आलू, शिमला मिर्च, सरसों और मेथी की फ़सल है। इसके अलावा दो एकड़ में फलों की बाग़वानी करते हैं। मल्टी लेयर फ़ार्मिंग का फ़ायदा ये होता है कि बाज़ार में एक फ़सल का दाम घटने पर भी किसान दूसरी फ़सल से मुनाफ़ा कमा सकता है।

बेजोड़ मार्केटिंग स्ट्रेटिजी 

अभिषेक अपनी सब्जियों को कैसे सही ख़रीदार तक पहुँचाना है, इसकी मार्केटिंग स्ट्रेटिजी भी बख़ूबी जानते हैं। ख़रीदार सीधे उनसे फ़सल खरीदते हैं। अभिषेक की मार्केटिंग स्ट्रैटेजी b2b और b2c पर आधारित है। आज अभिषेक जैविक खेती से प्रति एकड़ सालाना डेढ़ लाख से लेकर तीन लाख रुपये कमा लेते हैं।

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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