क्या अब उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को मिलेगी राहत? केंद्र के इस बड़े फैसले से बढ़ा दबाव

गन्ना किसानों को गन्ने पर 290 रुपये प्रति क्विंटल FRP की केंद्र सरकार की घोषणा। पंजाब सरकार ने गन्ने के दाम में रिकॉर्डतोड़ 50 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि का ऐलान किया है।

Fair and Remunerative Price ( FRP ) of sugarcane

केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों को लेकर एक बड़ी घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य यानि FRP में इज़ाफ़ा करने का निर्णय लिया गया है।

अब किसानों को गन्ने पर 290 रुपये प्रति क्विंटल FRP मिलेगा। यह 10 फ़ीसदी रिकवरी पर आधारित होगा। पहले यह 285 रुपये प्रति क्विंटल था। नया FRP दाम चीनी सीजन 2021-22 में एक अक्टूबर, 2021 से गन्ने की खरीद के लिए लागू होगी। बता दें कि गन्ने का FRP वो न्यूनतम मूल्य होता है, जिसपर चीनी मिल के मालिक किसानों से गन्ना खरीदते हैं।

गन्ने के दाम में बढ़ोतरीजानें कितना होगा फ़ायदा

केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि अगर गन्ना रिकवरी 9.5 फ़ीसदी से कम होगा तो भी किसानों को 9.5 फ़ीसदी का ही दाम मिलेगा। ऐसे किसानों को गन्ने के लिए वर्तमान चीनी सीजन 2020-21 में 270.75 रुपये प्रति क्विंटल की जगह आगामी चीनी सीजन 2021-22 में 275.50 रुपये प्रति क्विंटल मिलेंगे। यहां गन्ना रिकवरी से मतलब है कि गन्ने से चीनी का कितना उत्पादन हुआ। 10 फ़ीसदी रिकवरी से मतलब हुआ एक क्विंटल गन्ने के रस से 10 फीसदी यानी 10 किलो चीनी बननी चाहिए।

वहीं सरकार का कहना है कि गन्ने का FRP मूल्य बढ़ने से किसानों को लागत का 87 फ़ीसदी रिटर्न मिलेगा। इस फैसले से 5 करोड़ गन्ना किसानों को सीधा फ़ायदा मिलेगा। वहीं चीनी मिलों और लगभग 5 लाख मज़दूरों को भी फ़ायदा होगा।

 Fair and Remunerative Price ( FRP ) of sugarcane

क्या देश के सभी किसानों को मिलेगा FRP बढ़ने का फ़ायदा

FRP बढ़ने से देश के सभी राज्यों के किसानों को फ़ायदा नहीं होता। इसका कारण है कि कई राज्य गन्ने की अपनी कीमतें तय करते हैं, जिसे स्टेट एडवाइज़री प्राइस (SAP) कहा जाता है। मसलन उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा ने अपने राज्य के किसानों के लिए SAP तय की हुई है। अमूमन SAP का मूल्य केंद्र सरकार के FRP से अधिक ही होता है। इस तरह केंद्र सरकार के FRP बढ़ाने से उन राज्यों को फ़ायदा नहीं होगा, जहां पहले से ही SAP की व्यवस्था लागू है।

उत्तर प्रदेश सरकार पर बढ़ा दबाव

इस बीच पंजाब सरकार ने गन्ने के दाम में रिकॉर्डतोड़ 50 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि का ऐलान कर दिया है। अब यहां 360 रुपये प्रति क्विंटल के रेट पर गन्ने की खरीद होगी, जो पहले 310 रुपये थी। पंजाब सरकार के इस कदम से उत्तर प्रदेश की सरकार पर दबाव बनना तय है क्योंकि 2022 में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। यहां अभी गन्ने का 320 रुपये प्रति क्विंटल दाम चल रहा है। गन्ने के उत्पादन में देश का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य होने के बावजूद यहां चार साल में सिर्फ़ 10 रुपये प्रति क्विंटल ही रेट बढ़ा है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में करीब 48 लाख किसान गन्ने की खेती करते हैं। यहां सालाना लगभग 179 मिलियन टन यानी देश के 44.75 फ़ीसदी गन्ने का उत्पादन होता है। ऐसे में यूपी सरकार पर गन्ने का दाम बढ़ाने का सियासी दबाव बनना तय है।

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