किसानों ने मनाया ‘कारपोरेट भगाओ, खेती बचाओ’ दिवस, कृषि क़ानूनों की प्रतियाँ जलायीं

किसानों ने कहा कि जब तक तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य को क़ानूनी दर्जा देने की माँगें पूरी नहीं होतीं तब तक आन्दोलन जारी रहेगा।

किसानों ने मनाया ‘कारपोरेट भगाओ, खेती बचाओ’ - Kisan Of India

तीनों विवादित कृषि क़ानूनों के एक साल पूरा होने के मौके पर किसान आन्दोलन के तहत 5 जून को कारपोरेट भगाओ, खेती बचाओदिवस मनाया गया। इसके तहत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तकरीबन सभी ज़िलों में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने कृषि क़ानूनों की प्रतियाँ और पुतले जलाकर अपना विरोध जताया और ज़िला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा। मुज़फ़्फ़रनगर में डीएम कार्यालय जाने से रोकने पर मीनाक्षी चौक पर किसानों की पुलिस से झड़प की नौबत भी आ गयी। इससे नाराज़ होकर किसान महावीर चौक पर सड़क पर ही धरने पर बैठ गये। इससे काफ़ी देर तक अफ़रातफ़री बनी रही।

ये भी पढ़ें – 2,400 रुपये वाली DAP अब पिछले साल के भाव 1,200 रुपये में ही मिलेगी

मुज़फ़्फ़रनगर, सहारनपुर, बिजनौर, बागपत और मेरठ  में किसानों ने ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रशासन ने ख़ासा पुलिस बन्दोबस्त भी रखा और कई जगह तो कलेक्ट्रेट को पुलिस की छावनी में तब्दील कर दिया गया। शामली और मनावा में भी किसानों ने तहसील मुख्यालयों पर जमा होकर कृषि क़ानूनों और गन्ने के बकाया का भुगतान न होने के विरोध में प्रदर्शन किया।

किसानों का कहना है कि शामली में किसानों के बकाया गन्ना भुगतान की दशा बहुत ख़राब है। बिजली के बिलों में मनमानी हो रही है। किसानों के बिल बढ़कर आ रहे हैं। इससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। किसानों ने कहा कि जब तक तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य को क़ानूनी दर्जा देने की माँगें पूरी नहीं होतीं तब तक आन्दोलन जारी रहेगा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top