हरियाणा में सरकारी खरीद पर जमकर बिक रहा धान, फिर भी क्यों परेशान हैं किसान?

हरियाणा में 3 अक्टूबर से हो रही है MSP पर धान खरीद

एक हफ़्ते बाद भी किसानों के खाते में पैसे नहीं आने से अगली फसल की तैयारी में हो रही मुश्किलों की शिकायतें कई किसानों की ओर से आ रही हैं।

हरियाणा में सरकार ने धान की खरीद (Paddy procurement) शुरू कर दी है। राज्य में धान की खरीद का काम भी तेजी से चल रहा है।खरीफ खरीद सीजन 2021-22 में धान की खरीद तीन अक्टूबर से 200 खरीद केंद्रों पर की जा रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 1960 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सरकार किसानों से धान खरीद रही है। 12 अक्टूबर तक की कुल खरीद 14, 42, 018 टन हो चुकी है।

किसानों को न हो कोई दिक्कत, इसके लिए केंद्रों पर अधिकारी तैनात

मंडियों में धान खरीद प्रक्रिया में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए बाकायदा केंद्रों पर आईएएस अधिकारियों को तैनात किया गया है। खरीद किये गए धान का   मंडियों से उठना भी शुरू हो चुका है। इसके लिए परिवहन ठेकेदार नियुक्त किए गए हैं।

धान खरीद ( PADDY PROCUREMENT )
तस्वीर साभार: thehindubusinessline

 

किसानों को अब तक हुआ इतना भुगतान

सरकार के अनुसार, 12 अक्टूबर तक करीबन 663 करोड़ रुपये DBT यानि डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर के ज़रिए किसानों के खातों में पैसे पहुंच चुके हैं। इस बीच कुछ किसानों की शिकायत है कि उन्हें हफ़्ता बीत जाने के बाद भी अपनी उपज का पैसा नहीं मिला है।

कुछ किसान कर रहे भुगतान का पैसा न मिलने की शिकायत

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुरुक्षेत्र के गुरही गांव के रहने वाले किसान मुनीश कुमार ने 4 अक्टूबर को 207 क्विंटल यानि कि 4 लाख रुपये से ज़्यादा की धान की उपज सरकार को बेची थी, लेकिन उन्हें अभी तक भुगतान नहीं मिला है। इस वजह से वो अपने खेतिहर मज़दूरों का बकाया पैसा नहीं चुका पा रहे हैं। साथ ही अगली फसल लगाने के लिए बीज और उर्वरक खरीदने के लिए भी उनके पास पैसे नहीं है। भुगतान मिलने में हो रही देरी से उनके सामने दोहरा संकट खड़ा हो गया है। कुरुक्षेत्र के गांव खेरी डबडालन के जशमेर सिंह भी ऐसी ही दिक्कत का सामना कर रहे हैं। उन्होंने भी एक हफ़्ते पहले अपनी उपज बेची थी, लेकिन अभी तक बैंक में पैसे नहीं आए हैं।

धान खरीद ( PADDY PROCUREMENT )
तस्वीर साभार: amarujala

भुगतान में देरी की वजह

किसानों को हो रही भुगतान में देरी को लेकर सरकारी अधिकारियों का कहना है कि भुगतान एक प्रक्रिया पर आधारित होती है। इसमें गेट पास से लेकर जे-फ़ॉर्म, आई-फ़ॉर्म, एच-फ़ॉर्म और मंडियों से उपज उठाने की पूरी जांच-पड़ताल और फिर मिलान की प्रक्रिया ज़रूरी होती है।अधिकारियों ने बताया कि पैसे का भुगतान शुरू हो चुका है और कई किसानों को उनका भुगतान पहले ही मिल चुका है।

भुगतान में देरी के कारणों के बारे में पूछे जाने पर हरियाणा खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने कहा कि खरीद केंद्रों पर खरीद शुरू होने से बहुत पहले ही धान आ गया था और इससे व्यवस्था पर दबाव पड़ा। उन्होंने कहा कि भुगतान को मंजूरी देने की प्रक्रिया  शुरू कर दी गई है और इसमें जल्द ही तेज़ी आएगी।

पिछले साल भी किसानों की ओर से भुगतान में देरी की शिकायतें आई थीं। उस वक़्त प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अधिकारियों को निर्देश देकर  किसानों को जल्द से जल्द भुगतान करने को कहा था। उन्होंने अधिकारियों को ये सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया था कि एच-फ़ॉर्म, जे-फ़ॉर्म, गेट पास और आई-फ़ॉर्म की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाए।

धान खरीद ( PADDY PROCUREMENT )
तस्वीर साभार: tribuneindia

 

मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्टर्ड  होना अनिवार्य

खरीद केंद्रों पर वो किसान ही धान बेच पा रहे हैं जो मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल (Meri Fasal Mera Byora Portal) पर रजिस्टर्ड हैं।राज्य के कैथल जिले के डिप्टी कमिश्नर ने जानकारी दी है कि जिन लोगों ने अब तक मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है, उनके लिए एक और मौका है। 14 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक पोर्टल फिर खोला जाएगा।

पंजीकरण के लिए किसान को राज्य के पोर्टल fasal.haryana.gov.in पर जाना होगा। इसके बाद दाएं ओर दिए गए ‘किसान अनुभाग’ के विकल्प पर क्लिक करना होगा। यहां आपको किसान पंजीकरण का कॉलम दिखेगा, उसको क्लिक कर अपना मोबाइल नंबर और कैप्चा कोड डाल लॉग इन पर क्लिक करें। इसके बाद आपके सामने एक फ़ॉर्म खुलकर आएगा। उसमें मांगी गई सारी जानकारी को अच्छे से भरकर सेव कर दें। किसी तरह की कोई दिक्कत होने पर टॉल फ़्री नंबर 1800 180 2060 पर संपर्क कर सकते हैं।

धान खरीद ( PADDY PROCUREMENT )

रजिस्ट्रेशन के लिए इन दस्तावेजों की ज़रूरत

हरियाणा का स्थाई निवासी होने का प्रमाण पत्र, आवेदक का आधार कार्ड और मोबाइल नंबर होना ज़रूरी है। निवास प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, ज़मीन से जुड़े कागज़ात, बैंक खाते से जुड़ी जानकारी आवेदन करने वक़्त भरनी होगी।

मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल के फ़ायदे

अगर प्राकृतिक आपदा की वजह से फसल को नुकसान पहुंचता है तो मुआवजा मिलने में आसानी होगी क्योंकि सरकार के पास उन किसानों का ब्यौरा पहले से दर्ज़ होगा। कृषि से जुड़े उपकरणों पर सब्सिडी, बीज सब्सिडी और कृषि लोन मिलना आसान होगा। फसल की बुवाई-कटाई का समय और मंडी से जुड़ी हर जानकारी भी इस पोर्टल पर मिलेगी।

अगर हमारे किसान साथी खेती-किसानी से जुड़ी कोई भी खबर या अपने अनुभव हमारे साथ शेयर करना चाहते हैं तो इस नंबर 9599273766 या [email protected] ईमेल आईडी पर हमें रिकॉर्ड करके या लिखकर भेज सकते हैं। हम आपकी आवाज़ बन आपकी बात किसान ऑफ़ इंडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाएंगे क्योंकि हमारा मानना है कि देश का  किसान उन्नत तो देश उन्नत।

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