बाग़वानी के लिए कैसे बहुत उपयोगी है नेशनल नर्सरी पोर्टल?

नर्सरी पोर्टल से किसानों को अपने आसपास की नर्सरी का पता-ठिकाना, उसका प्रोफ़ाइल, वहाँ उपलब्ध फल, फूल, सब्ज़ियों, मसालों के उन्नत किस्मों के पौधों, बीज और उनके मूल्य वग़ैरह की पूरी जानकारी आसानी से मिल जाएगी। वो नर्सरी उत्पादों के दाम की भी तुलना कर सकेंगे और नर्सरी संचालकों को अपनी ख़ास माँग के बारे में भी बताकर एडवांस बुकिंग भी कर सकेंगे। इससे नर्सरी संचालकों के बीच भी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और किसान को फ़ायदा होगा।

National Nursery Portal

छोटी जोत वाले किसानों की आमदनी बढ़ाने में बाग़वानी वाली फसलें बहुत उपयोगी साबित हो सकती हैं, बशर्ते इसके किसानों तक उन्नत बीज या अच्छी गुणवत्ता वाले पौधों की पहुँच बनायी जा सके। बाग़वानी की खेती-किसानी में नर्सरी बहुत अहम भूमिका निभाते हैं क्योंकि वहाँ वैज्ञानिक विधियों से पौधे और बीज तैयार किये जाते हैं। लेकिन अक्सर बाग़वानी वाले किसान ऐसी नर्सरियों से जुड़ नहीं पाते हैं, वहाँ उनके मतलब की चीज़ सहूलियत से मिल सके। इसी कमी को दूर करने के लिए नेशनल नर्सरी पोर्टल (NNP) बनाया गया है।

क्या है नेशनल नर्सरी पोर्टल?

NNP एक ऐसा डिजिटल प्लेटफ़ार्म है, जो किसानों औबाग़वानी के लिए कैसे बहुत उपयोगी है नेशनल नर्सरी पोर्टल?र नर्सरी को परस्पर सीधे जोड़ देता है। इसकी मदद से देश के किसी भी इलाके का किसान, किसी भी नर्सरी से सम्पर्क साधकर उन्नत पौधे और बीज ख़रीद या बेच सकता है। यानी, अब किसी को भी कहीं भटकने की ज़रूरत नहीं है। दरअसल, देश में हज़ारों सरकारी और निजी नर्सरी होने के बावज़ूद न तो किसान इनसे आसानी से जुड़ पाते थे और ना ही नर्सरी संचालकों की मनचाहे किसानों तक पहुँच बन जाती थी। अब नर्सरी और उसके ग्राहक किसान ऑनलाइन जुड़कर बाग़वानी को लाभकारी बनाने में बहुत उपयोगी साबित हो सकते हैं।

राष्ट्रीय बाग़वानी बोर्ड की ओर से विकसित NNP के पोर्टल ने 13 अप्रैल से काम करना शुरू कर दिया है। इसमें रजिस्ट्रेशन की तीन श्रेणियाँ हैं। पहली नर्सरी वो हैं जिसे सरकारी संस्था चलाती हैं। दूसरी ऐसी हैं जो कृषि या उद्यान विभाग से लाइसेंसधारी हैं। तीसरी श्रेणी वाली नर्सरी का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं हैं लेकिन वो भी बढ़िया पौधे तैयार कर रही हैं। अब तक पोर्टल पर 800 से ज़्यादा नर्सरी और 200 से अधिक ख़रीदार रजिस्टर्ड हो चुके हैं। यहाँ फलदार पौधों की 63 किस्मों की 1013 प्रजातियाँ, सब्ज़ियों की 23 किस्मों की 339 प्रजातियाँ, फूलों की 7 किस्मों की 118 प्रजातियाँ, मसालों की 15 किस्मों की 206 प्रजातियाँ और वृक्षारोपण जुड़ी 46 प्रजातियाँ भी रजिस्टर्ड हो चुकी हैं।

नेशनल नर्सरी पोर्टल का लाभ

देश की कृषि अर्थव्यवस्था और बाग़वानी क्षेत्र के लिए नर्सरी पोर्टल में अपार सम्भावनाएँ हैं। इससे किसानों को अपनी आसपास की नर्सरियों का पता-ठिकाना, उनका प्रोफ़ाइल, वहाँ उपलब्ध फल, फूल, सब्ज़ियों, मसालों के उन्नत किस्मों के पौधों, बीज और उनके मूल्य वग़ैरह की पूरी जानकारी आसानी से मिल जाएगी। किसान विभिन्न नर्सरी के उत्पादों के दाम की भी तुलना कर सकेंगे। वो नर्सरी संचालकों को अपनी ख़ास माँग के बारे में भी बताकर एडवांस बुकिंग कर सकते हैं। इससे नर्सरी संचालकों के बीच भी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और किसान को फ़ायदा होगा। पोर्टल पर नर्सरी संचालक अपने उत्पादों की तस्वीर, उसकी किस्म, प्रजाति और दाम वग़ैरह का ब्यौरा भी डाल सकते हैं। पोर्टल पर मोल-तोल भी हो सकता है। ज़ाहिर है, नैशनल नर्सरी पोर्टल एक ऑनलाइन बाज़ार बन सकता है।

नेशनल नर्सरी पोर्टल से कैसे जुड़ें?

सबसे पहले वेबसाइट http://nnp.nhb.gov.in/Home/Index पर पंजीकरण कराना होगा। ये नर्सरी उत्पादों के विक्रेता और ख़रीदार दोनों के लिए ज़रूरी है। रजिस्ट्रेशन के बाद नर्सरी प्रोफाइल, पता, पूछताछ, नर्सरी निर्देशिका, नर्सरी का बिक्री प्रस्ताव, स्टॉक अपडेट, पोस्ट सेल ऑफर, फोन नम्बर वगैरह की सारी जानकारी मौजूद होगी। इसके इस्तेमाल करके किसान लाभान्वित होंगे।

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