एक ही पौधे में उगा डाला टमाटर और बैंगन, ICAR-IIVR ने विकसित की Brimato तकनीक
पारंपरिक खेती से हटकर है Brimato तकनीक
इस ग्राफ्टिंग तकनीक से खासकर उन इलाकों के किसानों को ज़्यादा फ़ायदा होगा, जहां बरसात के बाद कई दिनों तक पानी भरा रहता है।
एक ही पौधे में उगा टमाटर और बैंगन: क्या आपने कभी एक ही पौधे पर दो अलग-अलग सब्जियों को उगते देखा है? आप सोच रहे होंगे कि एक ही पौधे में दो सब्जी भला कैसे उग सकती हैं! लेकिन ये सच है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ICAR-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने ये कमाल कर दिखाया है।
बदलते दौर में खेती के नए-नए तरीके खोजे जा रहे हैं। परंपरागत खेती से अलग खेती की नई तकनीकों में ऐसी ही एक तकनीक का नाम ग्राफ्टिंग है। एक ही पौधे में दो या अधिक तरह की सब्जी या फल-फूल उगाने की तकनीक ग्राफ्टिंग विधि कहलाती है। इसी तकनीक से ही वैज्ञानिकों ने एक ही पौधे में टमाटर और बैंगन उगा डाला।
क्या होती है ग्राफ्टिंग विधि?
ग्राफ्टिंग विधि के द्वारा बैगन की जड़ में टमाटर की उन्नत किस्म काशी अमन और बैगन की किस्म काशी संदेश के पौध को कलम बनाकर खेती की गई। इसमें जड़ में 5 से 7 एमएम के 45° कोण के तिरछे कट किए गए। ये ग्राफ्टिंग की प्रक्रिया तब की गई जब बैंगन की पौध 25 से 30 दिन और टमाटर की पौध 22 से 25 दिन पुरानी हो गई। बैंगन की जड़- IC 111056 की खासियत है कि इसमें लगभग 5 प्रतिशत रोपाई में दो शाखाएं विकसित हो सकती है।
इन बातों का रखना होता है ध्यान
ग्राफ्टिंग के तुरंत बाद, शुरुआत के 5 से 7 दिनों के लिए पौध को निर्धारित जलवायु के अंदर रखा जाता है, जहां से उसे तापमान, आर्द्रता और रोशनी अच्छे से मिले सके। फिर 5 से 7 दिनों के लिए हल्की छाया में रखा जाता है।
ग्राफ्टिंग के 15 से 18 दिनों के बाद इसे ज़मीन में बोया जा सकता है। इसके लिए ठीक से सिंचाई, पर्याप्त उर्वरक और सही तरीके से कटाई-छंटाई की जानी चाहिए। इन पौधों में फल-फूल या सब्जी उगने में 60 से 70 दिन का समय लगता है। अब ड्यूल ग्राफ्टेड ब्रिमैटो टेक्नोलॉजी के कमर्शियल प्रोडक्शन पर ICAR-IIVR में रिसर्च जारी है।
भारतीय सब्जी अनुसंधान केंद्र में ग्राफ्टिंग तकनीक से एक ही पौधे में टमाटर और बैंगन उगाने को वैज्ञानिक महत्वपूर्ण मान रहे हैं। ड्यूल ग्राफ्टेड ब्रिमैटो टेक्नोलॉजी शहरी और उपनगरीय क्षेत्रों के लिए उपयोगी साबित हो सकती है। ग्राफ्टिंग तकनीक से छत और परिसर के ऊपर वर्टिकल गार्डन बनाकर सब्जियों को उगाया जा सकता है।
इस ग्राफ्टिंग तकनीक से खासकर उन इलाकों के किसानों को ज़्यादा फ़ायदा होगा, जहां बरसात के बाद कई दिनों तक पानी भरा रहता है। वहीं, छत पर सब्जी उगाने वाले लोगों के लिए भी यह तकनीक क्रांतिकारी साबित हो सकती है।