वैकल्पिक फसलों की खेती ने बदली इन किसानों की ज़िंदगी, हर पल ले रहे थे ज़हरीली हवा में सांस

तंबाकू की खेती कर रहे किसानों को वैकल्पिक फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऐसी फसलों के चुनाव पर जोर दिया जा रहा है, जो स्वास्थ्य को लाभ तो दे हीं, साथ ही उत्पादन क्षमता और आमदनी में बढ़ोतरी भी करे।

वैकल्पिक फसलों की खेती beans alternate crops

एक स्थायी कृषि परियोजना केन्या के सैकड़ों तंबाकू उत्पादक किसानों की ज़िंदगी बदलने का काम कर रही है। यूएन न्यूज़ के मुताबिक, केन्या इस योजना में भाग लेने वाला पहला देश है। यहाँ के तंबाकू उत्पादक किसानों को वैकल्पिक फसलों की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इनमें से एक वैकल्पिक फसल है किडनी बीन्स यानी राजमा।

तंबाकू को छोड़ अपनाई बीन्स की खेती

कभी तंबाकू की खेती (Tobacco Farming) करने वाले किसान अब बीन्स की खेती कर रहे हैं। अब तक ये किसान लगभग 135 टन बीन्स विश्व खाद्य कार्यक्रम (World Food Programme, WFP) को बेच चुके हैं। इससे उन्हें तंबाकू की खेती से होने वाली आय की तुलना में कई गुना ज़्यादा आमदनी प्राप्त हो रही है। ये एक ऐसी फसल है, जिसकी मांग पूरे साल बाज़ार में रहती है।

बीन्स की खेती के हैं कई लाभ

बीन्स उगाने के कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। ये शरीर की पौष्टिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सहायक है। विटामिन ए, विटामिन सी, बी 6, के साथ-साथ ये फॉलिक एसिड का भी एक अच्छा स्रोत हैं। साथ ही इसमें कैल्श‍ियम, सिलिकॉन, आयरन, मैगनीज, बीटा कैरोटीन, प्रोटीन, पोटैशियम और कॉपर की भी ज़रूरी मात्रा होती है। बीन्स बच्चों और गर्भवती महिलाओं में कई स्वास्थ्य और विकास संबंधी समस्याओं से लड़ने में मदद करती है।

वैकल्पिक फसलों की खेती beans alternate crops
तस्वीर साभार: milkwood

तंबाकू की खेती को छोड़ने से क्या हुआ लाभ?

यूएन न्यूज़ ने जानकारी दी कि तंबाकू उत्पादक किसानों और उनके परिवारों को निकोटीन की वजह से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। तंबाकू के गीले पत्तों को हाथ लगाने, कीटनाशकों के भारी इस्तेमाल और तंबाकू की धूल के संपर्क में आने से ये बीमारियां होती हैं। त्वचा के ज़रिए ये बीमारियां शरीर में पहुंचती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, इस परियोजना के तहत किसानों के स्वास्थ्य में सुधार देखा गया है। स्कूल पढ़ने जाने वाले बच्चों की हाजिरी में बढ़ोतरी हुई है और पर्यावरण के लिए लिहाज़ से भी बेहतर फसलें तंबाकू की जगह ले रही हैं।

कभी तंबाकू उत्पादक रहे केन्या के एलिस अचिएंग ओबारे ने कहा कि जहां पहले उनके बच्चों के पास होमवर्क करने का वक़्त नहीं होता था। आज उनके पास वक़्त है। आगे एलिस कहती हैं कि जो किसान तंबाकू की खेती कर रहे हैं वो उनकी छाती का एक्स-रे देखें, जिसमें धुआं भरा हुआ है। वो भारी सामान नहीं ले जा सकती और लंबी दूरी तक नहीं चल सकती।

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केन्या की रहने वालीं एलिस अचिएंग ओबारे (तस्वीर साभार: WHO)

वैकल्पिक फसलों की खेती ने बदली इन किसानों की ज़िंदगी, हर पल ले रहे थे ज़हरीली हवा में सांसतंबाकू के सेवन से हर साल 80 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत

WHO के मुताबिक, तंबाकू में मिलने वाला निकोटिन अत्यधिक नशे वाला पदार्थ होता है। तंबाकू का इस्तेमाल दिल और सांस से जुड़ी बीमारियों, 20 से ज़्यादा तरह के कैंसर और शरीर को कमजोर कर देने वाली कई बीमारियों का प्रमुख कारण है। दुनियाभर में तंबाकू के सेवन से हर साल 80 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो जाती है। तंबाकू से संबंधित अधिकांश मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं, जहां तंबाकू से जुड़े व्यवसाय प्रमुख है।

वैश्विक तंबाकू महामारी को कैसे खत्म किया जाए, इस दिशा में आगे बढ़ते हुए संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (FAO) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), केन्याई अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

वैकल्पिक फसलों को बढ़ावा

WHO ने इस बात की ओर भी ज़ोर दिया कि तंबाकू उगाना लैंगिक असमानता में बढ़ोतरी, वनों की कटाई, मिट्टी की गिरावट और जल दूषित जैसी समस्याओं से भी जुड़ा है। केन्या में WHO के कार्यवाहक प्रतिनिधि डॉ. जूलियट नाब्योंगा ने कहा कि तंबाकू उत्पादक किसानों को वैकल्पिक फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। इसके लिए हर संभव मदद करनी ज़रूरी है। इससे उनके स्वास्थ्य और आजीविका में सुधार तो होगा, ही साथ ही तंबाकू का सप्लाई चेन भी कम होगा।  

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सांकेतिक तस्वीर: तंबाकू की खेती (तस्वीर साभार: unfairtobacco)

वैकल्पिक फसलों की खेती ने बदली इन किसानों की ज़िंदगी, हर पल ले रहे थे ज़हरीली हवा में सांसउन्नत कृषि तकनीकों पर ज़ोर

इस परियोजना से फ़ार्म टू मार्केट एलायंस (FTMA) संस्था भी जुड़ी है। FTMA के प्रबंध निदेशक साइमन कैमेलबेक  ने कहा कि WFP ने आयरन युक्त बीन्स के लिए बाज़ार तैयार किया है। उन्नत कृषि तकनीकों, पोषण युक्त खाद्यान और फसल को नुकसान से बचाने की ट्रेनिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।

तंबाकू सेवन से जुड़ा ये आंकड़ा आँख खोल देने वाला

केन्या में हर दिन अनुमानित 2 लाख 20 हज़ार बच्चे और 27 लाख युवा तंबाकू का सेवन करते हैं। केन्या में हर साल 6 हज़ार से ज़्यादा लोग तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से अपनी जान गंवा देते हैं। हर हफ़्ते के आंकड़े की बात करें तो करीबन 79 पुरुष और 37 महिलाएं तंबाकू से संबंधित बीमारियों से मरते हैं।

दुनियाभर में तंबाकू के सेवन से हर साल आठ मिलियन यानी 80 लाख से अधिक लोगों की जान जाती है। इनमें से 1.2 मिलियन मौतें उनकी होती हैं, जो तंबाकू का सेवन नहीं करते लेकिन धुएं के संपर्क में आते हैं।

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तस्वीर साभार: cloudinary

तंबाकू सेवन पर WHO की चेतावनी

WHO ने चेताया है कि दो में से लगभग एक बच्चा तंबाकू के धुएं से प्रदूषित हवा में सांस लेता है। हर साल 65 हज़ार युवा सेकेंड हैंड स्मोक यानी की धुएं के संपर्क में आने से मर जाते हैं। गर्भवती होने के दौरान धूम्रपान करने से बच्चे को स्वास्थ्य संबंधी कई बीमारियां हो सकती हैं।

WHO ने चेतावनी दी है कि जलने वाला तंबाकू ऐसे हानिकारक पदार्थों को छोड़ता है, जो कई तरह के कैंसर और घातक बीमारियों का कारण बन सकता है। साथ ही संस्था ने ऐसी ई-सिगरेट को भी असुरक्षित और सेहत के लिए हानिकारक बताया है, जिसमें  तंबाकू या निकोटीन की मात्रा नहीं होती।

इसलिए अब तंबाकू की खेती कर रहे किसानों को वैकल्पिक फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऐसी फसलों के चुनाव पर जोर दिया जा रहा है, जो स्वास्थ्य को लाभ तो दें ही, उत्पादन क्षमता और आमदनी में बढ़ोतरी भी करे।

वैकल्पिक फसलों की खेती ने बदली इन किसानों की ज़िंदगी, हर पल ले रहे थे ज़हरीली हवा में सांस

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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