घर में ही बना दिया ‘मिनी फॉरेस्ट’, कम जगह और कम बजट में तैयार किया कॉन्सेप्ट

किस तरह से कम जगह में, कम बजट में, पर्यावरण को अपने घर में ही बसाया जा सकता है, इसकी मिसाल साक्षी ने युवाओं के सामने रखी है।

बढ़ते शहरीकरण और औद्योगिकीकरण से वन संपदा पर बुरा असर पड़ रहा है। बाग-बगीचे उजाड़कर बहुमंजिली इमारतें बनाई जा रही हैं। पेड़-पौधों की अनेक प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर हैं। ऐसे में बदलाव लाने की एक पहल लोगों की सोच को बदलने का माद्दा रखती है। ऐसी ही एक पहल मध्य प्रदेश की रहने वाली साक्षी भारद्वाज ने की, जिसे उन्होंने ‘जंगलवास’ नाम दिया।

साक्षी भारद्वाज ने जंगलवास यानी मिनी फॉरेस्ट को अपने घर पर ही तैयार किया है। इस मिनी फॉरेस्ट की शुरुआत उन्होंने 2018 में की। 800 स्क्वायर फीट में बने इस मिनी फॉरेस्ट में 450 प्रकार की प्रजाति के चार हज़ार पौधे हैं। इस मिनी फॉरेस्ट की तमाम खासियत में से एक है नारियल के खोल में लगाए गए पौधे, जिनकी खूबसूरती देखने वालों का दिल जीत लेती है। आस-पास के लोग इस क्रिएटिव कान्सेप्ट को देखने साक्षी के घर अक्सर आते रहते हैं।

मिनी फॉरेस्ट sakshi bhardwaj mini forest

कचरे और कबाड़ से तैयार किया गार्डन

किसान ऑफ़ इंडिया से खास बातचीत में साक्षी भारद्वाज ने बताया कि घर के कचरे और कबाड़ से ही इस पूरे मिनी फॉरेस्ट को बनाया गया है। इसके अलावा नारियल के खोल को न फेंकते हुए, उसमें ही पौधे लगाए गए हैं, ये एक मजबूत पॉट की तरह काम करता है। आज उनका ये जंगलवास उनके लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहा है।

मिनी फॉरेस्ट sakshi bhardwaj mini forest

घर में ही बना दिया 'मिनी फॉरेस्ट', कम जगह और कम बजट में तैयार किया कॉन्सेप्ट

जंगलवास की खासियत ये है कि इसे बनाने में लगने वाली चीजों को बाज़ार से नहीं खरीदा गया है। साक्षी घर में ही वर्मी कंपोस्ट से लेकर किचन वेस्ट कंपोस्ट, जैव एंजाइम, राइस वॉटर फेरमेंटशन और साथ ही नीम ऑयल घर पर ही तैयार करती हैं। 4000 पौधों के लिए फर्टिलाइज़र वो खुद बनाती हैं। साक्षी कहती हैं कि जब ये चीज़ें हम खूद बना सकते हैं तो बाज़ार में उस चीज़ के लिए पैसे देने की ज़रूरत क्या है।

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जंगलवास में हर प्रजाति के पौधे

साक्षी के इस जंगलवास में हर प्रजाति के पौधे हैं। कैक्टस की कई किस्में, मनी प्लांट, फिलोडेंड्रोंस, मॉन्स्टेरा, ऐसी कई विभिन्न सजावटी प्रजातियां हैं, जिन्हें लोग अपने घरों में कैफ़े में लगाना पसंद करते हैं।  साक्षी बताती हैं कि शुरुआत में कोई भी काम आसान नहीं होता है। उन्होंने इसके लिए बाकायदा रिसर्च की और उसके बाद अपने इस प्रयोग पर काम करना शुरू किया। आज उनका ये प्रयोग दूसरों के लिए मिसाल है।

आज साक्षी कई लोगों के लिए प्रेरणा बन गई हैं। कम जगह में कम बजट में पर्यावरण को अपने घर में ही बसाया जा सकता है। इस मिनी फॉरेस्ट को तैयार करने के पीछे का उद्देश्य शहरी इलाकों में ज़्यादा से ज़्यादा पौधे लगाना है।

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