सरकार की ये 29 स्कीम्स लाखों किसानों को देगी प्रोफिट, 15000 को नौकरी भी मिलेगी

कोल्ड चैन योजना के तहत 443 करोड़ रूपए की लागत एवं 189 करोड़ रूपए के अनुदान वाले 21 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। ये परियोजनाएं लगभग 12,600 लोगों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने के साथ ही करीब 2 लाख किसानों को लाभान्वित करेंगी। ये सभी परियोजनाएं 10 राज्यों- आंध्र प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, केरल, नागालैंड, पंजाब, तेलंगाना, उतराखंड, उत्तर प्रदेश की हैं।

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सरकार की ये 29 स्कीम्स (These 29 schemes of the government): केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायत राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में हुई अंतर-मंत्रालयी अनुमोदन समिति की बैठक में, कोल्ड चेन योजना और बैकवर्ड एवं फॉरवर्ड लिंकेज योजना के तहत 29 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।

इनसे लाखों किसानों को लाभ मिलेगा, वहीं पंद्रह हजार लोगों को रोजगार भी प्राप्त होगा। साथ ही 443 करोड़ रू. का नया निवेश आएगा। तोमर ने बताया कि इन परियोजनाओं का लाभ विभिन्न राज्यों के किसानों के साथ ही उपभोक्ताओं को भी मिलेगा। उन्होंने अधिकारियों से, स्वीकृत प्रस्तावों को शीघ्र अमल में लाने को भी कहा है।

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इन परियोजनाओं को दी गई मंजूरी

कोल्ड चैन योजना के तहत 443 करोड़ रूपए की लागत एवं 189 करोड़ रूपए के अनुदान वाले 21 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। ये परियोजनाएं लगभग 12,600 लोगों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने के साथ ही करीब 2 लाख किसानों को लाभान्वित करेंगी।

ये सभी परियोजनाएं 10 राज्यों- आंध्र प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, केरल, नागालैंड, पंजाब, तेलंगाना, उतराखंड, उत्तर प्रदेश की हैं। कोल्ड चैन योजना का उद्देश्य खेत से लेकर उपभोक्ता तक बिना किसी बाधा के एकीकृत शीत श्रृंखला एवं परिरक्षण अवसरंचना सुविधाएं उपलब्ध कराना है। वहीं, बैकवर्ड एंड फॉरवर्ड लिंकेज योजना के तहत 62 करोड़ रूपए की लागत एवं 15 करोड़ रूपए के अनुदान वाले 8 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।

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बैकवर्ड एंड फॉरवर्ड लिंकेज योजना का उद्देश्य कच्चे माल की उपलब्धता और बाजार के साथ संबंधों के संदर्भ में आपूर्ति श्रृंखला में खामियों को दूर करके प्रसंस्कृत खाद्य उद्योग के लिए प्रभावी एवं निर्बाध बैकवर्ड एवं फारवर्ड एकीकरण उपलब्ध कराना है। स्वीकृत आठ प्रस्ताव महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु के हैं।

किसानों को मिलेंगी ये सब सुविधाएं

इनकी मंजूरी से, इंफ्रास्ट्रक्टर बनने से राज्यों के किसानों को लाभ मिलेगा। किसानों को उनकी शीघ्र खराब होने वाली उपज खेत के नजदीक ही कोल्ड स्टोरेज में रखने की सुविधा मिलेगी। साथ ही, इन केंद्रों पर छंटाई, कटाई एवं पैकेजिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इन उत्पादों को कोल्ड स्टोरेज से बाजार तक ले जाने के लिए परिवहन सुविधा भी मिलेगी।

साथ ही, उत्पादों की बिक्री के लिए रिटेल आऊटलेट सुविधा प्राप्त होगी। जिन 8 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, वह इस क्षेत्र में लगभग 2,500 लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करेगी।

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