नए कृषि कानून किसानों के लिए बने मददगार, MP में 24 घंटे में कृषकों को मिली मदद

केन्द्र सरकार द्वारा लाए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली में भले ही किसानों का आंदोलन चल रहा हो, लेकिन कृषि कानून के फायदे के दो उदाहरण मध्यप्रदेश में सामने आए हैं।

किसानों-बागवानों

केन्द्र सरकार द्वारा लाए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली में भले ही किसानों का आंदोलन चल रहा हो, लेकिन कृषि कानून के फायदे के दो उदाहरण मध्यप्रदेश में सामने आए हैं। मध्यप्रदेश के होषंगाबाद में कांट्रेक्ट फार्मिंग अधिनियम के तहत कांन्ट्रेक्ट करने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए किसान को लाभ पहुंचाया गया है।

वहीं बालाघाट के लांजी में कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। कानून लागू होने के बाद देष में संभवतः यह पहला मामला है।

किसान ने क्या की थी शिकायत

होशंगाबाद जिला स्थित भौखेड़ी गांव के किसानों से मंडी के उच्चतम मूल्य पर धान खरीदी के लिए इस साल 3 जून को फाॅर्चून राइस लिमिटेड कंपनी को एग्रीमेंट किया था। कंपनी द्वारा लगातार अनुबंध के अनुसार खरीदी की जाती रही, लेकिन 3 हजार प्रति क्विंटल धान के भाव होने पर कंपनी के कर्मचारियों ने खरीदी बंद कर दी और फोन भी बंद कर दिए।

10 दिसंबर को भौखेड़ी गांव के किसान पुसपराज पटेल और ब्रजेष पटेल ने पिपरिया के एसडीएम से इसकी षिकायत की। कृशि विभाग ने केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए नए कानून कांट्रेक्ट फार्मिंग एक्ट की धारा 14 के तहत समाधान बोर्ड गठित करने के निर्देष दिए।

एसडीएम ने नोटिस जारी कर फॉर्च्यून राइस लिमिटेड के प्रतिनिधि को 24 घंटे में पेष होने के निर्देष दिए। कंपनी के डायरेक्टर अजय भलोटिया जवाब के साथ पेष हुए। समाधान बोर्ड के सामने कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट के अनुसार उच्चतम मूल्य पर धान खरीदने को तैयार होना पड़ा। कंपनी ने अनुबंध के अनुसार 3 हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदना पड़ा। नए कानून के प्रावधानों की मदद से 24 घंटे में किसानों को राहत दी गई।

बालाघाट के लांजी में भी सामने आया मामला

बालाघाट जिल के लांजी में भी कांट्रेक्ट के बाद फसल नहीं खरीदने का मामला सामने आया है। किसानों ने इसकी षिकायत अनुविभागीय दण्डाधिकारी लांजी को की है। एसडीएम ने नए कानून कांट्रेक्ट फार्मिंग एक्ट की धारा 8 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने प्रकरण में संज्ञान लिया है और कार्रवाई करने के निर्देष दिए है।

किसानों को राहत दिलाने के लिए सुलह बोर्ड का गठन किया गया है, इसमें तहसीलदार, एसडीएम, किसान और राईस मिल के प्रतिनिधि को षामिल किया गया है। ऐसा ही एक मामला ग्वालियर के बाजना गांव में भी सामने आया है। इस मामले में भी कार्रवाई की जा रही है।

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा, किसानों को मिलेगी राहत

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने अनुबंध के अनुसार फसल न खरीदे जाने के मामले में प्रषासन द्वारा की गई कार्रवाई की तारीफ की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों नए कानून किसानों के हित में हैं। यही वजह है कि किसानों को 24 घंटे के अंदर राहत मिल गई है।

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