बारिश की वजह से टला पंतनगर किसान मेला, जानें आयोजन की नई तारीख

यूनिवर्सिटी द्वारा पंतनगर किसान मेला 14 से 17 अक्टूबर के बीच आयोजित किया जाना था। भारी बारिश ने इस योजना पर पानी फेर दिया है। अब विश्वविद्यालय ने नए तारीखों का एलान किया है। 

पंतनगर किसान मेला 2022 pantnagar kisan mela 2022

मॉनसून का महीना बीत जाने के बाद भी देश के कई हिस्सों में बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। आलम ये है कि उत्तर भारत के कई हिस्से अब तक बारिश की चपेट में हैं।  झमाझम बारिश से जहां कुछ चेहरे खिले हुए हैं, वहीं कुछ जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। नतीजा, जरूरी काम बारिश की भेंट चढ़ रहे हैं। इसी कड़ी में गोविंद बल्लभ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी यूनिर्वसिटी ने भी एक अहम फैसला लिया है। 14 से 17 अक्टूबर को होने वाला पंतनगर किसान मेला टाल दिया गया है। आयोजकों ने मेले को अन्य दिन आयोजित करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी ने पंतनगर किसान मेले की नई तारीखों का भी ऐलान किया है।

उत्तराखंड के गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हर साल दो बार किसान मेले का आयोजन होता है। पंतनगर किसान मेला देश के प्रमुख कृषि मेलों में शामिल है। मेले का सभी किसानों को बेसब्री से इन्तजार रहता है। इसमें बीजों की उन्नत किस्मों की बिक्री होती है। किसानों को खेती की उन्नत तकनीकों और उनके रख रखाव के तौर तरीक़ों की भी जानकारी दी जाती है। विश्वविद्यालय द्वारा ये मेला 14 से 17 अक्टूबर के बीच आयोजित किया जाना था, लेकिन भारी बारिश ने इस योजना पर पानी फेर दिया। अब विश्वविद्यालय ने नए तारीखों का एलान किया है।

बारिश की वजह से टला पंतनगर किसान मेला, जानें आयोजन की नई तारीख

अब 17 से 20 अक्टूबर तक आयोजित होगा किसान मेला

पंतनगर में आयोजित होने वाला 112वां अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी अब 17 से 20 अक्टूबर, 2022 तक आयोजित किया जाएगा।

पंतनगर किसान मेला 2022 का उद्घाटन 17 अक्टूबर की सुबह 11 बजे किया जाएगा। ये विश्वविद्यालय परिसर स्थित गांधी हॉल में आयोजित होगा। उद्घाटन के साथ ही किसान मेला प्रांगण में फल, फूल, सब्जियों और अन्य कृषि उत्पादों की प्रदर्शनियां शुरू हो जाएंगी। उत्पादकों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देने और प्रतिभागियों के साथ-साथ दर्शकों की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए किसान मेले के दौरान ही विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जायेगी।

पंतनगर कृषि मेला

दूसरे दिन होगी बछिया नीलामी 

पंतनगर कृषि मेले के दूसरे दिन 18 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे शैक्षणिक डेयरी फ़ार्म नगला की तरफ से संकर बछियों की नीलामी की जाएगी। हाल के वर्षों में देसी गायों की संकर प्रजातियों को लेकर काफ़ी अनुसंधान किया गया है। इसकी मदद से ज़्यादा दुधारू प्रजातियां पशुपालकों को मिल सकेंगी। पशु चारे की महंगाई और कम दूध देने या दूध नहीं देने वाली गायों को लोग खुले में छोड़ देते हैं। ऐसे में गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित हो रहे कृषि मेले में पशुपालन से जुड़ी जानकारियां दूर-दूर से आने वाले पशुपालकों के लिए फ़ायदेमंद हो सकती हैं।

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पशु प्रतियोगिता तीसरे दिन आयोजित 

19 अक्टूबर को पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय की ओर से पशु प्रदर्शनी सुबह 10 बजे से आयोजित की जाएगी। इसमें गाय और भैंस की प्रदर्शनी के अलावा पशु प्रतियोगिता का भी सत्र रखा गया है। पशुपालकों को इस प्रदर्शनी में अलग-अलग नस्लों की गाय और भैंस के बारे में जानकारी मिल सकेगी।

पंतनगर कृषि मेला

किसान संबंधित मुद्दों की होती है चर्चा 

मेले में तरह-तरह के उत्पादों, जैसे कृषि मशीनरी में ट्रैक्टर, कम्बाइन हार्वेस्टर, पॉवर टिलर, प्लांटर, सिंचाई यंत्र व अन्य आधुनिक यंत्र, कीटनाशी, खरपतवारनाशी व रोगनाशी, उर्वरक, पशु पोषण व पशुचिकित्सा उत्पाद, औषधीय पौध उत्पाद, बीज एवं पौध इत्यादि से सम्बन्धित फ़र्म अपने स्टॉल लगाकर किसानों को अपने उत्पाद की तकनीकी जानकारी देने के साथ-साथ बिक्री करते हैं।

पंतनगर कृषि मेला

इसके अलावा, हस्तकला, ग्रामीण उद्योग, प्रोसेसिंग एंड वैल्यू एडीशन, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, घरेलू उत्पाद, सौर ऊर्जा प्रयोग से संबंधित स्टॉल आपको किसान मेले में देखने को मिलेंगे। कई बैंक, कृषि से सम्बन्धित शोध संस्थान, निजी क्षेत्र के संस्थान भी मेले में हिस्सा लेकर अपनी-अपनी योजनाओं, उपलब्धियों और उत्पादों का प्रचार किसानों व मेले में आये अन्य लोगों के बीच करते हैं।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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