किसानों के हित में एक ऐसा बड़ा फ़ैसला आया है, जिसने लाखों दूसरे किसानों के मन में ये भरोसा मज़बूत किया है कि भले ही कोई कंपनी कितनी भी बड़ी क्यों न हो, किसानों के हितों के साथ अन्याय नहीं कर सकती।
PPV&FRA यानी Protection of Plant Varieties and Farmers Rights’ Authority ने किसानों के हक़ में एक बड़ा फैसला सुनाते हुए PEPSICO INDIA को आलू की किस्म एफएल-2027 के लिये मिला पंजीकरण प्रमाणपत्र यानी पेटेंट (Patent) निरस्त कर दिया है। यानी अब इस किस्म पर अमेरिकी कंपनी PEPSICO का हक नहीं रहेगा। PPV&FRA ने ये फैसला कृषि कार्यकर्ता कविता कुरुगांति द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनाया।
![pepsico potato variety e FL-2027](https://www.kisanofindia.com/wp-content/uploads/2021/12/Untitled-design-4-1.jpg)
याचिका में पेटेंट को बताया गया जनहित के खिलाफ
कविता कुरुगांति ने अपनी याचिका में PEPSICO को मिले पेटेंट को जनहित के खिलाफ बताया था। इस याचिका में कहा गया कि पेप्सिको इंडिया को ये पेटेंट गलत जानकारी के आधार पर दिया गया है। याचिका के मुताबिक, आलू की किस्म ‘एफएल-2027’ पर दिया गया बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) पंजीकरण के तय प्रावधानों के अनुसार नहीं है।
कविता कुरुगांति की इस याचिका को PPV&FRA ने भी सही ठहराया। अथॉरिटी ने रजिस्ट्रार के प्रमाणपत्र जारी करने पर हैरानी जताई और तत्काल प्रभाव से इसे निरस्त किया। फैसले में PPV&FRA ने रजिस्ट्रार पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि किसानों के अधिकारों का संरक्षक होते हुए भी उन्होंने प्रावधानों का उल्लंघन किया।
इसकी वजह से कई किसानों को परेशानी हुई। PPV&FRA एक सांविधिक निकाय है। इसका गठन पौधों की किस्मों और किसानों के अधिकार अधिनियम, 2001 के तहत किया गया है। ये निकाय पौधों की किस्मों के संरक्षण और किसानों की सुरक्षा के लिए काम करता है।
![pepsico potato variety e FL-2027](https://www.kisanofindia.com/wp-content/uploads/2021/12/Untitled-design-3-1.jpg)
क्यों किसान और PEPSICO आए आमने-सामने?
PEPSICO अपने Lay’s ब्रांड के पैकेट बंद चिप्स बनाने के लिए आलू की किस्म एफएल-2027 का इस्तेमाल करती है। ये किस्म चिप्स के लिए अच्छी मानी जाती है। एफएल-2027 किस्म पर 2016 में पेप्सिको ने पंजीकरण करवा लिया था। इस कदम का मतलब ये है कि कंपनी को ये अधिकार है कि उसके चुने हुए किसान ही इस किस्म की खेती कर सकें, उनके अलावा कोई भी दूसरा किसान इस किस्म की पैदावार नहीं कर सकता।
पेटेन्ट होने के बाद देशभर में सिर्फ़ पेप्सिको के लिए ही एफएल-2027 आलू उगाया जाता। अब तक आलू की इस किस्म की खेती 12 हज़ार किसान कर रहे थे। उनके साथ कंपनी ने कॉन्ट्रैक्ट साइन किया हुआ था।
PEPSICO ने किसानों से मांगा था डेढ़-डेढ़ करोड़ का मुआवजा
विवाद तब हुआ जब 2018 और 2019 में कंपनी ने इस किस्म के आलू के बीज उगाने पर गुजरात के चार किसानों सहित कुल 9 किसानों पर केस कर दिया। PEPSICO ने इन किसानों से डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये के मुआवजे की भी मांग कर डाली।
2019 में कविता कुरुगंती ने PEPSICO के खिलाफ PPV&FRA में याचिका दर्ज करवाई। उस समय PEPSICO ने केस तो वापस ले लिया, लेकिन दूसरे किसानों द्वारा इस किस्म को उगाने के लिए इजाज़त नहीं दी। करीबन ढाई साल चले इस मामले में अब जाकर किसानों के पक्ष में फैसला सुनाया गया।
![pepsico potato variety e FL-2027](https://www.kisanofindia.com/wp-content/uploads/2021/12/Untitled-design-5-2.jpg)
फ़ैसले पर PEPSICO की क्या है प्रतिक्रिया?
PPV&FRA के किसानों के पक्ष में सुनाए गए इस फैसले पर PEPSICO कंपनी की ओर से सधी हुई प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है। PEPSICO की ओर से ये वक्तव्य जारी किया गया है कि फिलहाल वो जारी किए गए आदेश की समीक्षा कर रही है।
एफएल-2027 किस्म में क्या है ख़ास?
इस किस्म के आलू में नमी की मात्रा अन्य किस्मों के मुकाबले कम होती है। यही वजह है कि इस किस्म को आलू के चिप्स बनाने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। वैसे तो कई और किस्मों से भी आलू के चिप्स बनाए जाते हैं, लेकिन Lay’s चिप्स बनाने में एफएल-2027 किस्म का ही इस्तेमाल किया जाता है।