FAKE NEWS: PM Kisan Tractor Yojana जैसी कोई सरकारी स्कीम नहीं, झूठ और झाँसे से बचें किसान

ऐसा प्रचार पूरी तरह से झूठा, भ्रामक, निराधार, मनगढ़न्त, फ़र्ज़ी और फेक है कि मोदी सरकार की ओर से किसानों को ट्रैक्टर ख़रीदने के लिए PM Kisan Tractor Yojana चलायी जा रही है और इसके तहत ट्रैक्टर के दाम की आधी रक़म सब्सिडी में दी जाएगी। भारत सरकार की ओर से 15 अगस्त 2020 को औपचारिक तौर पर ऐसे सभी विज्ञापनों या ख़बरों को झूठा और निराधार करार दिया जा चुका है।

PM Kisan Tractor Yojana ‘प्रधानमंत्री किसान ट्रैक्टर योजना

ऐसा प्रचार पूरी तरह से झूठा, भ्रामक, निराधार, मनगढ़न्त, फ़र्ज़ी और फेक है कि मोदी सरकार की ओर से किसानों को ट्रैक्टर ख़रीदने के लिए PM Kisan Tractor Yojana चलायी जा रही है और इसके तहत ट्रैक्टर के दाम की आधी रक़म सब्सिडी में दी जाएगी।

आये दिन देश के जाने-माने मीडिया संस्थानों की ओर से ऐसी अफ़वाह उड़ा दी जाती है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार ने किसान की तक़दीर बदलने के लिए PM Kisan Tractor Yojana चालू की है और इसके तहत कोई भी किसान अपने मनचाहे ट्रैक्टर के दाम पर 50 फ़ीसदी की सब्सिडी पा सकता है। जबकि सच्चाई ये है कि भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्री के मातहत काम करने वाले और सरकार का प्रचार-प्रसार करने वाली संस्था पत्र सूचना कार्यालय (Press Information Bureau या PIB) की ओर से 15 अगस्त 2020 को औपचारिक तौर पर ऐसे सभी विज्ञापनों या ख़बरों को झूठा और निराधार करार दिया जा चुका है।

FAKE NEWS: PM Kisan Tractor Yojana जैसी कोई सरकारी स्कीम नहीं, झूठ और झाँसे से बचें किसानलिहाज़ा, किसान ऑफ़ इंडिया की ओर से भी अपने सभी पाठकों और दर्शकों को एक बार फिर आगाह किया जाता है कि वो PM Kisan Tractor Yojana (पीएम किसान ट्रैक्टर योजना) जैसी किसी भी बात या दुष्प्रचार के झाँसे में नहीं आयें। इतना ही नहीं, ऐसी शरारती हरक़तों के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को बताएँ ताकि अफ़वाह फ़ैलाकर किसान को ग़ुमराह करने वालों के नापाक मंसूबों पर पानी फैल सके।

एक अरसे से अनेक ऑनलाइन और ऑफ़लाइन माध्यमों से ये झूठ फ़ैलाया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की ओर ग़रीब और छोटी जोत वाले किसानों के लिए ‘प्रधानमंत्री किसान ट्रैक्टर योजना’ चलायी जा रही है और इसके माध्यम से कोई भी नया ट्रैक्टर खरीदने पर उसके कुल दाम का 50 फ़ीसदी या फिर अधिकतम ₹5 लाख रुपये की सब्सिडी भारत सरकार मुहैया करवाएगी। लेकिन इससे भी बड़ा अफ़सोसनाक तथ्य ये है कि ख़ुद को ज़िम्मेदार और प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान बताने वाले लोग भी किसी जानकारी को प्रसारित करने से पहले उसकी सच्चाई की पुष्टि करना मुनासिब नहीं समझते।

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