संसद में PM मोदी ने कहा, MSP था, है और हमेशा रहेगा, आंकड़ों से बयान होती है सच्ची कहानी

देश की संसद में कृषि बिलों तथा किसान आंदोलन पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य […]

मोदी PM modi ns tomar meeting for farmers protest

देश की संसद में कृषि बिलों तथा किसान आंदोलन पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) था, है और रहेगा। उन्होंने सभी किसान भाईयों से आंदोलन को समाप्त कर सरकार के साथ बातचीत द्वारा सभी मुद्दों को सुलझाने की भी अपील की।

उल्लेखनीय है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिल बनाने और नए कृषि कानूनों को निरस्त करने को लेकर देश भर के किसान 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

कृषिमंत्री तोमर भी किसानों को दे चुके हैं आश्वासन

संसद में पीएम मोदी द्वारा कही गई इस बात से यह तो स्पष्ट हो गया है कि सरकार कृषि बिलों पर पीछे हटने वाली नहीं है, वरन जिन भी बातों अथवा प्वाइंट्स को लेकर किसानों तथा विपक्ष को आपत्ति हैं, उन्हें वह बातचीत के बाद सही करने के लिए तैयार है। आपको बता दें कि केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर भी किसानों के साथ हुई कई दौर की वार्ताओं में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जारी रखे जाने का आश्वासन कर चुके हैं।

मार्कफेड के जरिए मध्यप्रदेश सरकार ने खरीदा 37.26 लाख टन धान

अगर आंकड़ों को देखा जाए तो भी मोदी सरकार के कार्यकाल में पिछली सभी सरकारों की तुलना में कई गुणा अधिक सरकारी खरीद की गई है। अकेले मध्यप्रदेश सरकार ने ही इस वर्ष मार्कफेड के जरिए अब तक 5.89 लाख किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 37.26 लाख टन धान खरीद लिया है।

यह स्थिति केवल भाजपाशासित एक राज्य की ही नहीं है वरन कांग्रेस शासित पंजाब सहित अन्य सभी राज्यों की है। आंकड़ों के अनुसार एमएसपी पर सर्वाधिक खरीद वाले राज्यों में पंजाब, हरियाणा, यूपी और एमपी रहते हैं। इनमें भी अक्सर पंजाब और हरियाणा के बीच प्रतिद्वन्दिता चलती रहती है।

अब तक हो चुकी है 1,16,382.24 करोड़ रुपये की सरकारी खरीद

इस वर्ष की खरीफ फसल के लिए आंकड़ें देखें तो पता लगेगा कि 7 फरवरी 2021 तक पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, असम, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के किसानों से 616.43 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है, जबकि इसी समान अवधि में पिछले वर्ष केवल 524.52 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो पाई थी।

इस वर्ष में अब तक की गई धान की खरीद में पिछले वर्ष के मुक़ाबले 17.52 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज देखी गई है। 616.43 लाख मीट्रिक टन धान की कुल खरीदमें से अकेले पंजाब की हिस्सेदारी 202.82 लाख मीट्रिक टन है, जो कि कुल खरीद का 32.90 प्रतिशत है।

मोदी सरकार द्वारा जारी डेटा के अनुसार किसानों को सरकार की वर्तमान एमएसपी योजनाओं का लाभ देते हुए मौजूदा खरीफ विपणन सत्र में 07.02.2021 तक खरीदे गए धान के लिए 1,16,382.24 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

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