पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह आज देश की राजधानी दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना देंगे। धरने के दौरान वह पंजाब के बिजली संकट तथा मालगाड़ियों की आवाजाही और आवश्यक आपूर्ति के मुद्दे पर भी केन्द्र सरकार तथा जनता का ध्यान आकर्षित करेंगे।
सोशल मीडिया साइट पर किए गए अपने एक ट्वीट में उन्होंने लिखा “राज घाट पर महात्मा गांधी जी को मेरा सम्मान देने के लिए दिल्ली जा रहा हूं। हम अपने किसानों के मुद्दों को उठाएंगे और केंद्र द्वारा पंजाब को मालगाड़ियों की तत्काल बहाली की मांग करेंगे।”
राष्ट्रपति ने किया पंजाब मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि मंडल से मिलने से इनकार
उल्लेखनीय है कि कृषि कानूनों के मुद्दे पर पंजाब सरकार ने अपने एक प्रतिनिधिमंडल को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात के लिए भेजा था जिसे मीटिंग के लिए समय देने से इनकार कर दिया गया था। इसके बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में जंतर-मंतर पर क्रमिक धरना देने का निर्णय किया।
इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा था कि पहले राजघाट पर होने वाले विधायकों का धरने का स्थान विभिन्न सुरक्षा प्रतिबंधों के चलते दिल्ली पुलिस के अनुरोध पर बदल कर जंतर मंतर कर दिया गया है।
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वहीं दूसरी ओर कृषि बिलों के विरोध को लेकर पंजाब में किसानों के आंदोलन के चलते ट्रेनों का आवागमन बिल्कुल ही ठप्प पड़ गया है। इसके चलते मालगाड़ियों की आवाजाही भी रुक गई है और आवश्यक आपूर्ति से जुड़े सामानों की किल्लत होने की संभावनाएं बन रही हैं।
सिद्धू ने कहा, उनकी गाड़ी को पंजाब-दिल्ली सीमा पर रोका गया
इस पूरे मामले के बीच ही नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि जब वे धरने में शामिल होने के लिए अन्य कई विधायकों के साथ दिल्ली आ रहे थे तब उनकी गाड़ी को पंजाब-दिल्ली सीमा पर रोक लिया गया। सिद्धू भी मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अगुवाई में ‘क्रमिक धरने’ में भाग लेंगे।
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विपक्ष ने धरने को बताया ड्रामा
पंजाब की प्रमुख विपक्षी पार्टियों शिरोमणि अकाली दल, भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी ने सिंह के जंतर-मंतर पर इस धरने को एक ड्रामा बताते हुए इसे फोटो खिंचवाने का मौका बताया। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने बयान जारी कर पंजाब के मुख्यमंत्री से अपील कि वे दिल्ली में क्रमिक धरने में शामिल न हों वरन केन्द्र द्वारा पारित किए गए कृषि कानूनों को तुरंत निरस्त करने की मांग को लेकर राजघाट पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करें।