Pusa Krishi Vigyan Mela 2022: ‘तकनीकी ज्ञान से आत्मनिर्भर किसान’ है इस साल पूसा कृषि विज्ञान मेला की थीम

केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, पूसा कृषि मेले (Pusa Krishi Vigyan Mela 2022) के मुख्य अतिथि होंगे और वो 9 मार्च को दोपहर 2:30 बजे इसका उद्घाटन करेंगे। मेले में इस साल 5 ऐसे किसानों को ‘अध्येता’ (Fellow Farmer Award) और 36 किसानों को ‘नवोन्मेषी’ पुरस्कार यानी (Innovative Farmer Award) से सम्मानित किया जाएगा। ये ऐसे प्रगतिशील किसान होंगे जिन्होंने खेती-किसानी की दुनिया में उल्लेखनीय योगदान देकर नाम कमाया है।

Pusa Krishi Vigyan Mela 2022 पूसा कृषि विज्ञान मेला

पूसा कृषि विज्ञान मेला (Pusa Krishi Vigyan Mela 2022), इस साल 9 से 11 मार्च के बीच आयोजित होगा। खेती-किसानी से जुड़ी नवीनतम तकनीक के बारे में किसानों को जागरूक बनाने के लिए वर्ष 1972 से हर साल भारतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान के परिसर में इस कृषि मेले का आयोजन किया जाता है। इस बार के कृषि मेले में तकनीकी जानकारियों से भरपूर 6 महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्रमुखता दी जाएगी।

Pusa Krishi Vigyan Mela 2022 पूसा कृषि विज्ञान मेला

1. स्मार्ट या डिज़ीटल खेती: इसमें किसानों को ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीक के व्यावहारिक इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस उन्नत तकनीक से फसलों में लगने वाले रोगों की पहचान करके उनका उसी इलाके में उपचार करना आसान है जहाँ इसका प्रकोप नज़र आये। इससे कीटनाशकों का इस्तेमाल बेहद सीमित इलाके में होगा और फसल से मिलने वाली उपज की गुणवत्ता बेहतर होगी।

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2. एग्री स्टार्ट अप और किसान उत्पादक संघ (FPO): मेले से जुड़ी गतिविधियों के ज़रिये छोटे और सीमान्त किसानों को आमदनी बढ़ाने में बेहद उपयोगी साबित होने वाले किसान उत्पादक संघ (FPO) के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। किसानों को बताया जाएगा कि वो कैसे FPO को सफलता के मुक़ाम पर पहुँचा सकते हैं? इसकी मुख्य वजह ये है कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने देश भर में FPO को बढ़ावा देने के लिए 10 हज़ार करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना बनायी है। लेकिन अभी तक देश में जितने FPO बने हैं, उनमें से बहुत कम ही सराहनीय काम कर पा रहे हैं। देश में 80 प्रतिशत से ज़्यादा किसान ऐसे हैं, जो छोटे और सीमान्त श्रेणी के हैं और इनकी औसत जोत का आकार 1.1 हेक्टेयर है। इसीलिए ये माना गया है कि यदि किसान FPO बनाकर खेती-बाड़ी की चुनौतियों का सामना करेंगे तो वो कहीं ज़्यादा फ़ायदेमन्द साबित होगा।

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3. जैविक और प्राकृतिक खेती: जैविक उत्पादों की माँग देश से लेकर विदेश में भी ख़ूब बढ़ रही है। किसानों को इसका दाम भी बढ़िया मिलता है, लेकिन जैविक खेती वाले उत्पादों की प्रमाणिकता का सिस्टम अभी इतना दमदार नहीं बन सका है, जिससे ज़्यादा से ज़्यादा किसान जैविक खेती का रुख़ करें। इन्हीं चुनौतियों को देखते हुए 51वें पूसा कृषि मेले में जैविक और प्राकृतिक खेती से जुड़े हरेक पहलू के बारे में किसानों के जागरूक किया जाएगा।

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4. संरक्षित, हाइड्रोपोनिक, एरोपोनिक और वर्टीकल खेती: कृषि की इन उन्नत वैज्ञानिक तकनीकों के बारे में अब किसान की दिलचस्पी बहुत तेज़ी से बढ़ रही है। इसे देखते हुए ही पूसा कृषि मेले में इस साल की थीम रखी गयी है ‘तकनीकी ज्ञान से आत्मनिर्भर किसान’। इस थीम के तहत पॉली हाउस, हाइपोनिक और एरोपोनिक विधियों से होने वाली खेती के बारे में किसानों को आधुनिक जानकारी दी जाएगी और उन्हें बताया जाएगा कि वो कैसे इन उन्नत तकनीकों को अपना सकते हैं और इसे प्रोत्साहित करने वाली सरकारी योजनाओं का फ़ायदा उठा सकते हैं।

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5. कृषि उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन: भारतीय कृषि उत्पादों के निर्यात से देश को अभी 40 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। देश की अपार जैविक विविधता को देखते हुए हमारा कृषि निर्यात साधारण स्तर का ही है। इसीलिए माना जाता है कि कृषि निर्यात के क्षेत्र में देश में अपार सम्भावनाएँ मौजूद हैं। पूसा कृषि मेले के ज़रिये किसानों को निर्यात योग्य उप्तादों की पैदावार के लिए जागरूक और प्रोत्साहित किया जाएगा।

6. पूसा एग्री कृषि हाट: Pusa Krishi Vigyan Mela 2022 के ज़रिये पहली बार पूसा परिसर में 60 ऐसे स्थायी स्टॉल बनाये जाएँगे जहाँ देश भर में फैले प्रमुख कृषि अनुसन्धान संस्थानों में पैदा होने वाले या निर्मित उत्पादों को बेचने की सुविधा विकसित की जाएगी। इन स्टॉलों के ज़रिये शहरी उपभोक्ताओं को किसानों के उत्पादों को ख़रीदने की सीधी सुविधा मुहैया होगी। इस पहल से ख़ास तौर से जैविक खेती से जुड़े उत्पादों को नया बाज़ार मिलेगा, क्योंकि पूसा कृषि हाट के स्टॉल पर उन्हीं उत्पादों को बेचा जा सकेगा जिसे यहाँ के वैज्ञानिक जैविक होने के लिए प्रमाणित करेंगे।

Pusa Krishi Vigyan Mela 2022 पूसा कृषि विज्ञान मेला

Pusa Krishi Vigyan Mela 2022: ‘तकनीकी ज्ञान से आत्मनिर्भर किसान’ है इस साल पूसा कृषि विज्ञान मेला की थीम

पूसा कृषि मेले (Pusa Krishi Vigyan Mela 2022) की इन्हीं विशेषताओं के बारे में संस्थान के निदेशक डॉ ए के सिंह ने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मेले में प्रदर्शनियों के ज़रिये जहाँ उन्नत तकनीकों के बारे में किसानों को जानकारी दी जाएगी वहीं हरेक विषय पर प्रगतिशील किसानों और सम्बन्धित वैज्ञानिकों का परामर्श भी उन किसानों को आसानी से उपलब्ध होगा जो इनके बाद में अनेक कौतूहल रखते होंगे। कृषि मेले के तहत उपरोक्त सभी थीम पर विशेषज्ञों की ओर से तकनीकी सत्रों का भी आयोजन होगा। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर इस आयोजन के मुख्य अतिथि होंगे और वो 9 मार्च को दोपहर 2:30 बजे इसका उद्घाटन करेंगे।

Pusa Krishi Vigyan Mela 2022 पूसा कृषि विज्ञान मेला

भारतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान (IARI), नयी दिल्ली के निदेशक डॉ ए के सिंह ने बताया कि पूसा कृषि मेले में इस साल 5 ऐसे किसानों को ‘अध्येता’ (fellow farmer Award) और 36 किसानों को ‘नवोन्मेषी’ यानी (Innovative Farmer Award) से सम्मानित किया जाएगा। ये ऐसे प्रगतिशील किसान होंगे जिन्होंने खेती-किसानी की दुनिया में उल्लेखनीय योगदान देकर नाम कमाया है।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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