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आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल की दिशा में एक मजबूत पहल के रूप में, सरस आजीविका मेला 2025 का शुभारंभ केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने किया। मेला 22 सितंबर तक मेजर ध्यानचंद स्टेडियम, दिल्ली में आयोजित रहेगा।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में लखपति दीदियों और ग्रामीण महिला उद्यमी मौजूद रहीं। केंद्रीय राज्य मंत्री चंद्र शेखर पेम्मासानी, कमलेश पासवान, ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव शैलेष कुमार सिंह, दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
सरस मेले की ख़ासियत
सरस आजीविका मेला हर साल ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जाता है और ये देश के सबसे बड़े ग्रामीण उत्पाद मेले में से एक है।
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मेले में 400 से अधिक स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं, जैसे कपड़े, आभूषण, हैंडीक्राफ्ट और घरेलू सामान।
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इंडिया फूड कोर्ट में विभिन्न राज्यों के पारंपरिक और स्वादिष्ट व्यंजन उपलब्ध हैं।
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प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं, जो “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की भावना को दिखाते हैं।
सरस मेला ग्रामीण महिलाओं और उद्यमियों के लिए अपने उत्पादों को बड़े बाज़ार तक पहुँचाने का सशक्त मंच भी है।
सरस मेले से शिवराज सिंह चौहान का संदेश
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा:
“मेले में एक नए भारत का दर्शन होता है- आत्मनिर्भर भारत, सशक्त भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का लक्ष्य है कि 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बने। इसके लिए ज़रूरी है कि हम सब स्वदेशी अपनाएं।”
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वहां मौजूद लोगों को स्वदेशी उत्पाद खरीदने और इस्तेमाल करने का संकल्प दिलाया। उन्होंने बताया कि देश में अब तक 2 करोड़ से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं और जल्द ही ये संख्या 3 करोड़ तक पहुंचेंगी। मेले में शामिल लखपति दीदियों को अपने निवास पर आने और उनके साथ सहभोज करने का निमंत्रण भी दिया।उन्होंने ये भी कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली सरकार के साथ मिलकर सुनिश्चित करेगी कि दिल्लीवासियों को केंद्र की सभी योजनाओं का लाभ मिले।
मुख्यमंत्री ने लखपति दीदियों की तारीफ़
वहीं दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि लखपति दीदियों की मेहनत काबिल-ए-तारीफ़ है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में हम दिल्ली को और आगे ले जाएंगे। हमारी बहनों को स्वावलंबी और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में ये मेला एक बड़ी पहल है।
सरस मेले का उद्देश्य: ग्रामीण समृद्धि और आर्थिक सशक्तिकरण
सरस आजीविका मेला सिर्फ़ उत्पाद बेचने का आयोजन नहीं है, बल्कि ये ग्रामीण समृद्धि और महिलाओं की आर्थिक आज़ादी का प्रतीक है।
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मेला ग्रामीण उत्पादों को शहरों तक पहुंचाता है।
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महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता और नई पहचान देता है।
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स्थानीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देता है।
नागरिकों के लिए अपील
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने नागरिकों, उद्योग जगत और नीति-निर्माताओं से अपील की है कि वे सरस आजीविका मेला 2025 में जरूर आएं। मंत्रालय ने कहा कि मेले में खरीदारी करके लोग ग्रामीण महिला उद्यमियों का समर्थन कर सकते हैं और साथ ही भारत की समृद्ध शिल्प और सांस्कृतिक विरासत का भी अनुभव ले सकते हैं।
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