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विश्व मधुमक्खी दिवस (World Bee Day 2022): मधुमक्खी पालन व्यवसाय में कैसे और कहां करें निवेश? निमित सिंह से जानिए इस बिज़नेस की बारीकियां

बीटेक डिग्री होल्डर निमित सिंह ने मधुमक्खी पालन को बतौर स्टार्टअप चुना

किसान ऑफ़ इंडिया से ख़ास बातचीत में निमित सिंह ने मधुमक्खी पालन व्यवसाय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही कॉम्ब हनी क्या है, इसके फ़ायदे क्या हैं, बाज़ार में इसको दाम कितना मिलता है, इन सबके बारे में बताया।

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मधुमक्खी पालन बहुत पुराना व्यवसाय है और सदियों से मधुमक्खियों के छत्तों से शहद निकाल कर किसान आय अर्जित कर रहे हैं। आज के वक्त में मधुमक्खी पालन व्यवसाय का दायरा काफ़ी बड़ा हो चुका है। किसान इस मौजूदा दौर में मधुमक्खी पालन व्यवसाय में नई तकनीकों को अपनाकर अच्छी आमदनी कर रहे हैं। लखनऊ के निमित सिंह एक ऐसे ही युवा हैं। निमित ने बीटेक की पढ़ाई करने के बाद जॉब करने का ऑप्शन था, लेकिन 2013 में वो मधुमक्खी पालन से जुड़ गए। आज की तारीख में वो एक सफल मधुमक्खी पालक हैं। वह इस व्यवसाय को आधुनिकता में ढालकर सामान्य मधुमक्खी पालन की तुलना में कई गुना अधिक आमदनी ले रहे हैं। किसान ऑफ़ इंडिया से ख़ास बातचीत में निमित सिंह ने अपने इस व्यवसाय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। 

निमित सिहं बताते हैं कि मधुमक्खी पालन अक्टूबर से मार्च तक अच्छे से हो पाता है। ऐसा इसलिए क्योकि इन महीनों में मधुमक्खियों के लिए परागण के फूल वाली फसलें आसानी से मिल जाती है, जिससे मधुमक्खियां शहद का उत्पादन करती है। इसके बाद, बक्सों को लेकर ऐसे इलाक़े में ले जाना पड़ता है, जहां मधुमक्खियों को परागण मिल सके, यानी उन्हें फूल मुहैया हो सके। इस पर उनका जीवन चक्र चलता है। साथ ही अच्छी गुणवत्ता वाला शहद भी प्राप्त होता रहता है।

मधुमक्खी पालन व्यवसाय beekeeping business nimit singh

मधुमक्खी पालन से मल्टी प्रॉडक्ट उत्पादन

निमित सिंह ने बताया कि उन्होंने शहद की अच्छी रिटेल मार्केटिंग के लिए शहद पैकिंग की मॉडर्न यूनिट लगा रखी है। उनसे कई अन्य मधुमक्खी पालक भी जुड़े हैं। इस मॉडर्न यूनिट में शहद से जुड़े कई प्रॉडक्ट्स तैयार किए जाते हैं। इसके लिए यूनिट में कई आधुनिक मशीनें लगा रखी हैं। निमित के पास लगभग 1200 मधुबक्से हैं। वो बताते हैं कि एक मधुबक्से से उन्हें लगभग 10 हज़ार की कमाई हो जाती है। यानी निमित अपने 1200 बक्सों से सालभर में लगभग 12 लाख की कमाई करते हैं। मधुमक्खी पालन से निमित शहद के अलावा, रॉयल जेली उत्पादन, मोम उत्पादन भी करते हैं। दरअसल, बड़े पैमाने पर शहद निकालने के बाद निमित को थोक में उतनी अच्छी आमदनी नहीं मिल पाती। इसके लिए वह नये-नये उत्पाद बनाने पर ज़ोर देते हैं। वो खुद के लैब में शहद की क्वालिटी और इसमें मौजूद तत्वों की मात्रा वगैरह की जांच करते हैं और फिर इसमें वैल्यू एडिशन कर कई तरह के उत्पाद बनाते हैं। 

मधुमक्खी पालन व्यवसाय beekeeping business nimit singh

क्वालिटी शहद उत्पादन के लिए आधुनिक लैब

निमित अच्छी गुणवत्ता वाले शहद उत्पादन के लिए आधुनिक उपकरणों से लैस एक लैब चलाते हैं। इस आधुनिक लैब में पहले ड्रम में शहद को स्टोर किया जाता है। सीमित मात्रा की पैंकिंग के लिए मशीन लगी हुई है। डिब्बों की कैपिंग के लिए स्क्रू पंच मशीन की मदद लेते हैं। फ़ील्ड से आए शहद में मौजूद तत्वों की मात्रा स्पेक्टोफोटोमीटर से चेक करते हैं। इसके अलावा, पीएच मीटर से ये पता लगाया जाता है कि शहद किस फ़सल या फूल का है। यानी उस शहद का पीएच वैल्यू उस ख़ास फ़सल या फूल से मैच करना चाहिए। 

मधुमक्खी पालन व्यवसाय beekeeping business nimit singh

कॉम्ब हनी की हाई डिमांड

मधुमक्खी पालन से अधिक से अधिक आमदनी ली जाए, इसके लिए निमित कॉम्ब हनी के फूल फ्रेम और आधे फ्रेम का भी उत्पादन करते हैं। आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये नए तरीके का शहद क्या है?  निमित ने बताया कि प्राचीन काल में अपने पूर्वज शहद को छत्ते सहित ही खाते थे, जिसमें शहद भरा होता था। निमित ने बताया कि शहद का जो वास्तविक और शुद्ध रुप है वो कॉम्ब हनी ही है। कॉम्ब हनी आम शहद के मुकाबले आठ से दस गुना ज़्यादा स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है। आजकल बड़े-बड़े होटलों में कॉम्ब हनी का प्रचलन बढ़ा है, जिसे लोग सीधे ही ब्रेड या टोस्ट में लगाकर खाते हैं। कॉम्ब हनी खाने में च्विंगम सा लगता है। कॉम्ब हनी बाज़ार में आसानी से 500 से 1000 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक जाता है। मधुमक्खियां फूल फ्रेम का कॉम्ब हनी तैयार करने में लगभग तीन महीने का समय लेती हैं। इसके कारण बाज़ार मूल्य काफ़ी अधिक होता है।

निमित सिंह कहते है कि अगर कोई इस व्यवसाय को अपनना चाहता है तो विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर की ज़रूरत नहीं है। युवा प्रशिक्षण लेकर 20 से 25 हज़ार रुपयों से मधुमक्खी पालन व्यवसाय शुरू कर सकतें है।

मधुमक्खी पालन व्यवसाय beekeeping business nimit singh

मोम के दीये बनावाकर महिलाओं को बना रहे आर्थिक समृद्ध

निमित सिंह ने मधुमक्खी पालन व्यवसाय से अपने क्षेत्र में रोज़गार के अवसर पैदा किए हैं। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी ज़िले के चैनपुरवा गांव की गरीब महिलाओं को मधुमक्खी पालन के उत्पाद से जोड़ा है। ये महिलाएं मोम से दीये बनाती हैं। उन्होंने बताया कि ये महिलाएं अवैध शराब के करोबार से जुड़ी थीं। आज ये सभी समुह से जुड़कर मोम से दीये बना रही हैं। उनके बनाए दीये स्टॉल में बेचें जाते हैं। इस बार के अयोध्या के दीपत्सोव कार्यक्रम में इन महिलाओं ने आठ लाख दीये बनाकर बेचे थे।

मधुमक्खी पालन व्यवसाय beekeeping business nimit singh

राज्यपाल ने किया सम्मानित

निमित सिंह के कार्यो से आसपास के क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों पर अच्छा प्रभाव पड़ रहा है। इस सराहनीय योगदान के लिए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने लखनऊ में 4 मार्च 2022 को  प्रादेशिक फल-शाक भाजी एंव पूष्प प्रदर्शनी में उनको सम्मानित किया।

मधुमक्खी पालन व्यवसाय beekeeping business nimit singh

निमित सिंह वक्त के साथ अपने व्यवसाय को ढालने में माहिर हैं, जो जानते हैं कि बिजनेस में मुनाफ़ा बढ़ाने के लिए कैसे मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना चाहिए। निमित सिंह ऐसे युवाओं के लिए मिसाल हैं,  जो किसी व्यवसाय में हाथ लगाने से पहले उसके लाभ के दायरे को सीमित समझने लगते हैं।

ये भी पढ़ें: खादी इंडिया ने शुरू की मधु-वाटिकाओं और घर-घर जाकर शहद की प्रोसेसिंग करने वाली मोबाइल यूनिट

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या kisanofindia.mail@gmail.com पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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