मल्टीक्रॉप बास्केट थ्रेशर बन रहा है किसानों का हमदम, पैसा भी बचाए और बर्बादी भी घटाए
इस्तेमाल में सुविधाजनक, जंग रोधक है एडवांस्ड थ्रेशिंग मशीन
मल्टीक्रॉप बास्केट थ्रेशर मशीन का इस्तेमाल करना बेहद आसान है। इसे एक जगह से दूसरी जगह पर आसानी से ले जाया जा सकता है। इसे किसान साथियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है।
खेती से जुड़ा कोई भी उपकरण या मशीन जब हम खरीदने जाते हैं तो कई सवाल किसानों के दिमाग में घूमते हैं। कहीं हम ज़्यादा महंगा तो नहीं खरीद रहे, कहीं सस्ता खरीद खुद का नुकसान न करा लें। अगर आप मल्टीक्रॉप बास्केट थ्रेशर मशीन खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो हम आपको इस लेख में इससे जुड़ी हर वो जानकारी देंगे जिसके बारे में आपको जानना ज़रूरी है।
कम समय और कम लागत में फसल से दाने को कर देती है अलग
बास्केट थ्रेशर किसानों के लिए एक बहुत उपयोगी मल्टीक्रॉप मशीन है। इस उपकरण की मदद से बीस से ज़्यादा फसलों की छटाई यानि की फसल के दाने को अलग किया जाता है। यह मशीन कम समय और कम लागत में फसल से दाने को अलग कर देती है। बास्केट थ्रेशर को आप टोकरी थ्रेशर या मिनी हार्वेस्टर भी कह सकते हैं। इसकी मदद से किसान अपनी फसल से भूसे को आसानी से अलग कर सकते हैं। ये मशीन कम समय और कम लागत में फसल के दाने और भूसे को अलग-अलग कर देती है।
उत्पादन की क्षमता में होता है इज़ाफ़ा
आजकल बाज़ार में कई एडवांस्ड मल्टीक्रॉप बास्केट थ्रेशर उपलब्ध हैं। आधुनिक टेक्नोलॉजी से बनाई गई ये एडवांस्ड बास्केट थ्रेशर बिना अटके बड़े आराम से काम करते हैं। ये उच्च क्षमता के साथ फसलों के दानों को साफ-सुथरे तरीके से अलग कर देते हैं। इनकी शानदार और बड़ी बास्केट में आसानी से फसल को डाला जा सकता है। अगर किसान लगातार भी काम करते हैं तो आपको थकावट नहीं होगी। ये प्रति घंटे के हिसाब से बिना फसल को नुकसान पहुंचाए दो टन से लेकर ढ़ाई टन की दर से थ्रेशिंग कर लेते हैं। बहुत बढ़िया क्वालिटी के ब्लेड, जानदार और मजबूत रोटर उत्पादन की क्षमता को बढ़ाते हैं। ये हाई क्वालिटी बियरिंग्स से लैस होते हैं, जो इसके संचालन को आसान बनाते हैं। साथ ही आपको इसमें जाली भी दी जाती है। इस मशीन में कई पंखे भी लगे हैं, जो फसल के दानों को एकदम साफ-सुथरा बाहर निकालते हैं।
जंग रोधक हैं एडवांस्ड मशीन
इस मशीन का इस्तेमाल करना बेहद आसान है। इसे एक जगह से दूसरी जगह पर आसानी से ले जाया जा सकता है। इसे किसान साथियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है। जो भी इसका इस्तेमाल कर रहा है वो बाहर से खड़े होकर ही इसकी बास्केट में फसल को डाल सकता है। इसके बाद ये मशीन खूद अपना काम करती है और भूसे और दाने को अलग-अलग कर देती है। इसके एडवांस्ड मॉडल्स जंग रोधक हैं यानि कि उनमें जंग नहीं लगता। इस वजह से किसान सालों-सालों तक आराम से बिना किसी चिंता के इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
दर्जन भर फसलों की करता है थ्रेशिंग
इस मल्टीक्रॉप बास्केट थ्रेशर से गेहूं, सरसों, सोयाबीन, तुअर, बाजरा, मक्का, जीरा, डालर चना, सादा चना, देशी चना, ग्वार, ज्वार मूंग, मोठ, ईसबगोल, मसूर, राई, अरहर व मूंगफली जैसी फसलों के दाने साफ-सुथरे तरीके से निकाले जा सकते हैं। मल्टीक्राप बास्केट थ्रेशर किसानों के समय, मजदूरी और पैसे की बचत करता है। ये फसल से दानों को अलग कर इसके भूसे को 20 से 25 फ़ीट दूर जाकर फेंक देता है। इस भूसे का इस्तेमाल किसान चारे के रूप में कर सकते हैं। इससे फसल की बर्बादी भी नहीं होती और किसानों का काम आसान होता है।
अपनी लागत और ज़रुरत के हिसाब से खरीदें बास्केट थ्रेशर
बाज़ार में महिंद्रा, सोनालिका, पंजाब एग्रोटेक इंडिया जैसी कई कंपनियों के अनेक प्रकार के बास्केट थ्रेसर उपलब्ध हैं। किसान को अपनी लागत और जरुरत के हिसाब से थ्रेशर का चुनाव करना चाहिए। सबसे ज़रूरी बात ध्यान रखें कि ISI मार्क थ्रेशर को ही प्राथमिकता दें, क्योंकि ISI मार्क थ्रेशर निर्धारित मापदंडों को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं। थ्रेशर के पुर्जों की क्वालिटी की गारंटी रहती है। साथ ही किसान को अपने पास उपलब्ध ट्रैक्टर या इंजन की एचपी पॉवर के अनुसार थ्रेशर का चुनाव करना चाहिए।
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