किसान शुरू कर सकते हैं खुद का मिट्टी जांच केंद्र (Soil Testing Centre), हर्ष दहिया से जानिए कैसे ‘डिजिटल डॉक्टर’ बताएगा मिट्टी की सेहत

किसान अपना खुद का मिट्टी जांच केंद्र शुरू कर सकते हैं। इस ख़ास मशीन के बारे में किसान ऑफ़ इंडिया ने बात की हार्वेस्टो ग्रुप के डायरेक्टर हर्ष दहिया से।

जिस तरह से आप समय-समय पर अपने शरीर की कमियों का पता लगाने के लिए लैब टेस्ट करवाते हैं, उसी तरह से मिट्टी की उर्वरता, किस्म और खाद की ज़रूरतों का पता लगाने के लिए मिट्टी की जांच बहुत ज़रूरी है। इससे पता चलता है कि मिट्टी में किन पोषक तत्वों की अधिकता है और किन तत्वों की कमी है। उसके अनुरूप ही खाद का इस्तेमाल करके फसल की पैदावार बढ़ाई जाती है। किसान खुद अपना मिट्टी जांच केंद्र बना सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे। 

मिट्टी की जांच हर किसान नहीं करा पाता, क्योंकि एक तो उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है और दूसरा इसकी प्रक्रिया में अधिक समय लग जाता है। इस समस्या के समाधान के लिए ही हार्वेस्टो ग्रुप ने एक खास लैब सेटअप शुरू किया है। इससे किसान अपना खुद का मिट्टी जांच केंद्र शुरू कर सकते हैं। इस ख़ास मशीन के बारे में किसान ऑफ़ इंडिया ने बात की हार्वेस्टो ग्रुप के डायरेक्टर हर्ष दहिया से।

कैसे शुरू कर सकते हैं अपना लैब?

हर्ष दहिया ने बताया कि कोई भी किसान उनकी कंपनी से जुड़कर, मिट्टी जांच लैब शुरू कर सकता है। उनकी कंपनी किसानों को पूरा सहयोग देती है। किसानों को  प्रॉडक्ट, टेक्नोलॉजी और तकनीक के साथ ही मार्केटिंग सपोर्ट भी दिया जाता है।

मिट्टी जांच केंद्र soil testing lab

किसान कैसे जुड़ सकता है कंपनी के साथ?

किसानों के लिए कंपनी के साथ जुड़ना बहुत आसान हैं। वह कंपनी की वेबसाइट पर जाकर उनसे जुड़कर काम शुरू कर सकते हैं। फोन या व्हाट्सअप के ज़रिए भी कंपनी के साथ जुड़ सकते हैं । जहां तक लैब सेटअप के लागत की बात है तो यह करीब एक लाख रुपये के आसपास पड़ती है। इसमें ट्रेनिंग और टेक्निकल सपोर्ट नि:शुल्क दिया जाता है। किसान अगर ठीक तरह से इस लैब को चलाए तो डेढ़ से दो महीने में ही लागत वसूल हो जाएगी और तीसरे महीने से मुनाफ़ा शुरू होगा। 

मिट्टी जांच केंद्र soil testing lab

किसान शुरू कर सकते हैं खुद का मिट्टी जांच केंद्र (Soil Testing Centre), हर्ष दहिया से जानिए कैसे ‘डिजिटल डॉक्टर’ बताएगा मिट्टी की सेहत

कैसे काम करती है मशीन?

मिट्टी जांच के लिए बनाई किट को मिट्टी का ‘डिजिटल डॉक्टर’ कह सकते हैं। यह सबसे पहले मिट्टी के पोषक तत्वों को 14 पैरामीटर पर जांचेगा। फिर फसल का चुनाव करने को कहेगा, इसमें 100 से अधिक फसलों का डाटा है। फसल चुनने के बाद यह खाद की मात्रा का सुझाव भी देगा। इसके अंदर कंप्यूटर फिट है, जो पूरा आंकलन करके सही जानकारी देता है। 

क्यों ज़रूरी है मिट्टी की जांच?

फसल की अधिक पैदावार के लिए यह जानना ज़रूरी है कि मिट्टी में कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में हैं। साथ ही इससे पता चलता है कि मिट्टी कौन से फसल के लिए उपयुक्त है। खाद की ज़रूरत से लेकर मिट्टी की क्षमता में सुधार के बारे में बताता है। मिट्टी की जांच 3 साल में एक बार कर लेनी चाहिए। जांच तब करनी चाहिए जब मिट्टी में नमी की मात्रा कम हो।

ये भी पढ़ें- Soil Health Card Scheme: मिट्टी की जाँच (Soil Testing) करवाकर खेती करने से 5-6 फ़ीसदी बढ़ी पैदावार

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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