MP सरकार करेगी जबलपुर के मटर की ब्रॉडिंग

मटर से तो हम सब भाली भांति परिचित है। जी हां हम उसी मटर की बात कर रहे है जो, […]

pea farming

मटर से तो हम सब भाली भांति परिचित है। जी हां हम उसी मटर की बात कर रहे है जो, शीत मौसम के शुरुआती समय से ही सबकी पसंदीदा होती है हालांकि, मटर गर्मियों के मौसम में भी बाजार में आसानी से मिल जाती है। मटर का प्रयोग कई तरह के खाद्य पदार्थों में किया जाता है। मटर खाने के स्वाद में चार चांद लगाने का काम करते है।

उल्लेखनीय है कि जबलपुर का हरा मटर ना केवल स्थानीय, बल्कि अन्य राज्यों और देश की सीमा से भी बाहर सप्लाई किया जाता है। जबलपुर में पैदा किए जाने वाले मटर का लगभग 80 फीसदी हिस्सा प्रदेश से बाहर अन्य स्थानों पर जाता है। यही कारण है कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने हालिया बयान में हरे मटर की ग्लोबल ब्रांडिंग की बात कही है। सरकार की यह योजना “एक जिला, एक उत्पाद” को प्रोत्साहित करती है। कलेक्टर करमवीर शर्मा इस योजना के तहत मटर के उत्पाद में वृद्धि और अच्छे किस्म के बीजों के बुवाई करने पर विशेष ध्यान दे रहे है।

मटर की खेती अधिकतर जिले के विकासखण्ड शहपुरा और पाटन क्षेत्र के किसान ज्यादा प्राथमिकता देते है। रबी सीजन में इस फसल को किया जाता है। इस जिले के लगभग 23 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्रफल में 2 लाख 30 हज़ार मीट्रिक टन मटर का उत्पादन किया जाता है। इसके अलावा सिहोरा, मझौली और जबलपुर के अधिकांश क्षेत्र में किसान मटर की खेती करते है। किसानों को मटर की खेती से काफी मुनाफा मिलता है।

आपको जानकर खुशी होगी कि हमारे देश के किसान मटर की खेती करके ना फिर हिन्दुस्तान बल्कि देश के बाहर जैसे जापान, सिंगापुर और सात समंदर पार भी भेजा जाता है। देश की नामचीन मंडियों की बात करे तो मुंबई, हैदराबाद, भोपाल, नागपुर और रायपुर के रसोई घर तक भी उपलब्ध कराई जाती है। जिले में अभी निजी छेत्र के दो मटर प्रसंस्करण यूनिट कार्यरत है।

जिलाधिकारी कर्मवीर सिंह में मटर उत्पाद और मटर प्रसंस्करण को “एक जिला एक उत्पाद” योजना की जानकारी एक कार्यशाला की तहत किसानों को दी। साथ ही मटर के व्यापक उत्पादन और मार्केटिंग लिंकिज विषय पर चर्चा भी की।

शर्मा ने आगे किसानों की यह भी बताया कि किसी “एक जिला एक उत्पादन” योजना से खेती से लेकर मंडी तक लोगों को व्यवसाय मिलेगा। स्थानीय स्तर पर पैसा कमाने और बड़ी बचत करने के अवसर में बढ़ोतरी होगी। साथ ही कर्मवीर सिंह ने यह भी बताया कि मटर की तुड़ाई, ढुलाई और बाहर परिवहन के अलावा ठेले रेहड़ी व्यपारी को भी स्थानीय स्तर पर काम का अवसर मिलेगा।

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