बाड़बन्दी करके जानवरों से बचाएँ फसल, राजस्थान सरकार देती है सब्सिडी

राजस्थान कृषि विभाग की शर्त है कि बाड़बन्दी अनुदान योजना का लाभ लेने तीन किसानों का ऐसा समूह बनाया जाना ज़रूरी है जिनकी सामूहिक कृषि भूमि 5 हेक्टेयर से कम नहीं हो। इसके अलावा तारबन्दी करने से पहले और करने के बाद में खेतों की जियो टैगिंग करना भी अनिवार्य है। इस अनुदान योजना के तहत किसानों को बाड़बन्दी की कुल लागत का 50 फ़ीसदी या अधिकतम 40 हज़ार रुपये की सहायता की जाती है।

बाड़बंदी

फसल को नील गाय या जानवरों या आवारा पशुओं से बचाने के लिए काँटेदार बाड़बन्दी या चैन लिंक तारबन्दी करवाने के लिए राजस्थान सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी दी जाती है। इस अनुदान योजना के तहत किसानों को बाड़बन्दी की कुल लागत का 50 फ़ीसदी या अधिकतम 40 हज़ार रुपये की सहायता की जाती है।

कैसे पाएँ बाड़बन्दी अनुदान?

बाड़बन्दी अनुदान योजना के लाभार्थियों की मदद ‘पहले आओ पहले पाओ’ के नियम से की जाती है। राजस्थान कृषि विभाग की शर्त है कि बाड़बन्दी अनुदान योजना का लाभ लेने तीन किसानों का ऐसा समूह बनाया जाना ज़रूरी है जिनकी सामूहिक कृषि भूमि 5 हेक्टेयर से कम नहीं हो। इसके अलावा तारबन्दी करने से पहले और करने के बाद में खेतों की जियो टैगिंग करना भी अनिवार्य है।

कैसे करें बाड़बन्दी अनुदान के लिए आवेदन?

बाड़बन्दी अनुदान लेने वाले किसान समूह को राजस्थान सरकार के किसान साथी पोर्टल http://rajkisan.rajasthan.gov.in/ पर ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है। आवेदन पत्र के साथ उन्हें अपने खेतों की जमाबन्दी, आधार कार्ड और बैंक पासबुक की फ़ोटो कॉपी जमा करवाना होगी। तारबन्दी की सब्सिडी के लिए किसान अपने नज़दीकी नागरिक सेवा केन्द्र या ई-मित्र केन्द्र पर जाकर भी आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।

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आवेदन जमा होने के बाद कृषि विभाग के अधिकारी भौतिक सत्यापन (physical verification) के लिए मौके का मुआयना करेंगे और बाड़बन्दी के सही पाये जाने पर अनुदान की राशि किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।

किससे करें सम्पर्क?

बाड़बन्दी अनुदान योजना के लाभार्थियों को ग्राम पंचायत स्तर पर कृषि पर्यवेक्षक (Agriculture Supervisor), पंचायत समिति स्तर पर सहायक कृषि अधिकारी (AAO), उप ज़िला स्तर पर उद्यान कृषि अधिकारी या सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) या ज़िला स्तर पर उप निदेशक कृषि (विस्तार) या उपनिदेशक उद्यान से सम्पर्क करना चाहिए। इसके अलावा, किसान निःशुल्क हेल्पलाइन नम्बर 18001801551 पर भी फ़ोन करके मार्गदर्शन ले सकते हैं।

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