एकीकृत कृषि (Integrated Farming) से कमाई हुई दोगुनी, आप भी अपना सकते हैं ये नई तकनीक

एकीकृत कृषि प्रणाली क्यों बनी किसानों की कमाई का ज़रिया?

एकीकृत खेती से उत्पादकता बढ़ती है, साथ ही संसाधनों के सही इस्तेमाल से लागत में कमी भी आती है। 

एकीकृत कृषि प्रणाली एक ऐसी तकनीक है, जिससे न सिर्फ़ फसलों की पैदावार बढ़ती है, बल्कि ये पूरे साल किसानों को रोज़गार देती है। इसकी बदौलत किसान के पास आमदनी के कई स्रोत या विकल्प होते हैं। इसे अपनाकर कम ज़मीन वाले किसान अधिक पैदावार वाली फसलों के अलावा फल, सब्ज़ी, डेयरी उत्पाद, शहद आदि से कमाई कर सकते हैं। इससे  किसानों की उत्पादकता बढ़ती है  और संसाधनों के सही इस्तेमाल से खेती से जुड़े कामकाज़ की लागत में कमी आती है। इस नई तकनीक से किसानों की आय बेहतर हुई है। कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के बेट्टम्पडी गांव की रहने वाली अनीता ऐसी ही एक महिला किसान हैं, जिन्होंने एकीकृत कृषि प्रणाली को अपनाया और अब अच्छी कमाई कर रही हैं।

एकीकृत कृषि प्रणाली के बारे में पूरी जानकारी होना ज़रूरी

अनीता 4.5 एकड़ में फैले अपने फ़ार्म में नारियल, सुपारी, काली मिर्च, धान जैसी कई फसलों की खेती करती हैं। इसके अलावा पशुधन के लिए गाय, बकरी, मुर्गी, पक्षी भी पाले हुए हैं। अनीता खेती और पशुपालन तो कर रही थीं, लेकिन इससे उन्हें आर्थिक लाभ नहीं हो रहा था। उत्पादन क्षमता ज़रूरत के मुताबिक नहीं हो रही थी। लागत का पैसा भी नहीं निकल पा रहा था। फिर कृषि अधिकारियों, सरकारी संगठनों और आईसीएआर-कृषि विज्ञान केंद्र से प्रेरित होकर उन्होंने जैविक तरीके से खेती करने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने कड़ी रिसर्च की। सेमीनार से लेकर कृषि विशेषज्ञों से जानकारी ली।

एकीकृत कृषि प्रणाली अनीता ( integrated farming system Anitha M. )

जैविक तरीके से एकीकृत कृषि प्रणाली को अपनाया

आज अनीता एनजीओ  SKDRDP, मेंगलुरु के साथ मिलकर ग्रामीण किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (ATMA) योजना और ज़ीरो बजट नेचुरल फ़ार्मिंग (ZBNF) के तहत उन्होंने समृद्धि रायथा गम्पू (SHG) ग्रुप यानी स्वयं सहायता समूह बनाकर 80 छोटे और सीमांत किसानों को इससे जोड़ा है। SHG, ज़रूरतमंद किसानों को आर्थिक सहायता मुहैया करता है।

कई किसानों को दे रही हैं जानकारी

अनीता को कृषि विभाग ने (ATMA) और परम्परागत कृषि विकास योजना ( PKVY) कार्यक्रमों के तहत सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है। अनीता रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, कृषि आधुनिक तकनीक, चारा उत्पादन, बकरीपालन, गौपालन, बैकयार्ड मुर्गीपालन, मल्चिंग और ड्रिप सिंचाई तकनीक से जैविक खेती करती हैं और अन्य किसानों को भी इसके बारे में बताती हैं। अनीता आज 400 किसानों को जैविक खेती से जुड़ी सलाह दे रही हैं। उनसे प्रेरित होकर कई किसानों ने एकीकृत कृषि प्रणाली को अपनाया है।

एकीकृत कृषि प्रणाली अनीता ( integrated farming system Anitha M. )

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एकीकृत कृषि प्रणाली से लाखों की कमाई

एकीकृत कृषि प्रणाली को अपनाकर आज अनीता पशुधन से 3 लाख 5 हज़ार रुपये, अलग-अलग सब्जियों की खेती से दो लाख 60 हज़ार रुपये, धान से 45 हज़ार, वर्मीकम्पोस्ट से एक लाख और गोबर के उपले आदि से 50 हज़ार रुपये तक की कमाई कर लेती हैं। 

कई अवॉर्ड्स से सम्मानित

कृषि क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें कई अवॉर्ड्स से भी सम्मानित किया गया है। 2011 में ‘जिला स्तरीय महिला किसान पुरस्कार’, 2012 में ‘संक्रांति पुरस्कार’, 2014-15 में ‘जिला स्तरीय डेयरी फ़ार्मिंग महिला पुरस्कार’ और  2016 में ‘बागवानी पुरस्कार’ से नवाज़ा गया। 

एकीकृत कृषि प्रणाली अनीता ( integrated farming system Anitha M. )

जानिए क्या है एकीकृत कृषि प्रणाली (Integrated Farming System)

एकीकृत कृषि प्रणाली में खेती के अलावा पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, बाग़वानी और खेती से जुड़ी अनेक गतिविधियां एक साथ की जाती हैं। इसका मुख्य उद्देश्य किसान की ज़मीन और अन्य संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल करना है, ताकि मुनाफ़ा भी ज़्यादा से ज़्यादा हो सके।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

तस्वीर साभार: ICAR

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