दिल में अगर कुछ करने की चाह हो और पूरी मेहनत से यदि कोई उसे पूरा करने की कोशिश करे तो कामयाबी ज़रूर मिलती है। कर्नाटक के एक कपल ने इस बात को सच कर दिखाया है। श्रुति और उनके पति कृष्णा ने कभी किराये पर छोटी सी जगह लेकर नर्सरी बिज़नेस की शुरुआत की थी। आज उनके पास 20 एकड़ से भी ज़्यादा ज़मीन है और वह एक सफल उद्यमी बन चुके हैं।
2011 में की नर्सरी बिज़नेस की शुरुआत
कर्नाटक के शिवमोगा शहर के रहने वाले श्रुति और कृष्णा बेंगलुरू में जॉइंट फैमिली में रहते थे, लेकिन पारिवारिक विवाद के कारण उन्हें बेंगलुरू छोड़कर शिवमोगा आना पड़ा। यहां उनकी ज़िंदगी की नई शुरुआत हुई। 2011 में उन्होंने 60*30 स्क्वायर यार्ड ज़मीन लेकर नर्सरी की शुरुआत की। उन्होंने फिश नेट और शेड नेट भी किराये पर लिया।

रंग लाई मेहनत
श्रुति की कड़ी मेहनत रंग लाई और 2012 में ही उनकी नर्सरी को बागवानी विभाग द्वारा पंजीकृत कर दिया गया। कृषि विज्ञान केंद्र शिवमोगा के सहयोग से धीरे-धीरे उन्होंने अपनी नर्सरी का विस्तार 4 एकड़ तक कर लिया। इस तरह उनका नर्सरी बिज़नेस सफलता के शिखर छूता चला गया।
पौधों की विभिन्न वैरायटी
वाराश्री फ़ार्म एंड नर्सरी में ड्यूरियन, मैंगोस्टीन, ड्रैगन फ्रूट, पैशन फ्रूट, कैपेल और एग फ्रूट जैसे विदेशी फलों के अलावा आम, चीकू, कटहल, अमरूद, अन्नानास, अनार, संतरा, केला सहित कई के पौधे हैं। साथ ही श्रुति थाइलैंड, चीन, मलेशिया और बांग्लादेश से आयात किए गए सजावटी पौधें भी बेचती हैं। आज की तारीख में श्रुति नर्सरी बिज़नेस की बारीकियों को अच्छे से जानती हैं।

20 एकड़ में शुरू की खेती
उन्होंने 20 एकड़ ज़मीन खरीदकर 3 मंजिला खेती की शुरुआत की। सुपारी, कोको और कालीमिर्च की फसल उगाने लगीं। धीरे-धीरे व्यापार बढ़ता गया और फिर वह पॉलीहाउस में खेती करने लगीं। अभी उनके पास 4 पॉलीहाउस है, जिनमें करीबन 1,30,000 पौधे तैयार करने की क्षमता है।
नर्सरी को मिली 5 स्टार रेटिंग
मेडिसिन और एरोमेटिक डिपार्टमेंट से उनकी नर्सरी को सर्टिफिकेट मिल चुका है। भारतीय बागवानी विभाग ने 2015 में उनकी नर्सरी को 3 स्टार रेटिंग दी थी। 2016 में उन्हें 5 स्टार रेटिंग मिल गई। सरकार से लेकर बिल्डर, स्कूल, व्यवसायिक सेवा, लोकल काउंसिल और आम लोग भी उनसे पौधे खरीदते हैं। उनके बैंबू प्लांट, घास, श्रब, फलों के पौधे, सजावटी पौधे की बहुत मांग है। अपने नर्सरी बिज़नेस को बढ़ाने के लिए श्रुति नई-नई तकनीक अपनाते रहती हैं। इन्होंने अब मधुमक्खी पालन और मछलीपालन भी शुरू कर दिया है। इनके शहद, होममेड वाइन और चॉकलेट हाथों हाथ बिक जाते हैं।

नर्सरी बिज़नेस में कितना होता है मुनाफ़ा?
वाराश्री फ़ार्म एंड नर्सरी में करीबन 50 लोग काम करते हैं। इनका औसतन सालाना निवेश करीब 30 लाख रुपये है। इसके अलावा, रखरखाव का खर्च 20 लाख रुपये पड़ता है। सालाना आमदनी 1 करोड़ रुपये के आसपास रहती है। यानी इन्हें 50 लाख रुपये का सीधा मुनाफ़ा होता है।
मिल चुके है कई अवॉर्डस
वाराश्री फ़ार्म एंड नर्सरी की सफलता और बेहतरीन काम के लिए श्रुति को महिंद्रा एग्रीकल्चर अवॉर्ड 2016’, ‘उद्यान रत्न अवार्ड 2015’ जैसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। 2016 में कृषि और बागवानी विज्ञान विश्वविद्यालय शिमोगा में आयोजित कृषि मेले में उनके स्टॉल को बेस्ट स्टॉल का अवॉर्ड मिल चुका है।
श्रुति तुंगा नदी के किनारे बने खूबसूरत घर में अपने परिवार के साथ रहती हैं। वह अपने काम से बहुत खुश हैं और उनका मानना है कि आप धरती पर भरोसा रखिए तो वह आपको बहुत कुछ देगी।
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