Vegetable Farming: सब्जियों की उन्नत किस्म उगा रही कर्नाटक की प्रगतिशील किसान शशिकला, 3 गुना बढ़ा मुनाफ़ा

खेती में उन्नत तकनीकों और किस्मों को अपनाने से बढ़ी गुणवत्ता और पैदावार

कर्नाटक के तुमकुर ज़िले की रहने वाली शशिकला पहले अपनी फसल की बिक्री के लिए बेंगलुरू के बाज़ार जाती थीं, वहीं अब खरीदार उपज खरीदने खुद उनके पास आते हैं। सब्जियों की उन्नत किस्म की खेती के लिए वो अपने क्षेत्र के अन्य किसानों को भी प्रेरित कर रही हैं।

किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी और प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि वैज्ञानिक लगातार नई-नई किस्मों पर शोध कर रहे हैं। इसी का नतीजा है कि फसल से लेकर सब्ज़ियों की कई उन्नत किस्में विकसित की गई हैं। ये उन्नत किस्में न सिर्फ़ अधिक और गुणवत्तापूर्ण उत्पादन देती हैं, बल्कि कीट व बीमारियों से भी बची रहती हैं। कर्नाटक की प्रगतिशील महिला किसान शशिकला सब्जियों की उन्नत किस्म उगाकर एक सफल किसान बन चुकी हैं।

टमाटर की खेती से की शुरुआत

कर्नाटक के तुमकुर ज़िले के पेम्मनहल्ली गांव की प्रगतिशील महिला किसान शशिकला ने सब्ज़ियो की खेती की शुरुआत टमाटर की अर्का सम्राट किस्म के साथ की। टमाटर प्रमुख व्यवसायिक फसल है। टमाटर के साथ ही 2010 से उन्होंने फ्रेंच बीन्स, मटर, बैंगन, मिर्च और हरी पत्तेदार सब्जियां उगाना शुरू कर दिया था। इससे पहले वह रागी, लाल चना और ज्वार जैसी फसलें उगाती थीं। 

शशिकला श्री विनायक श्री शक्ति नाम के स्वयं सहायता समूह (Self Help Group, SHG) की सदस्य भी हैं। इस स्वयं सहायता समूह में 20 सदस्य हैं। यह समूह कृषि, बागवानी, जैविक खेती, पशुपालन और वर्मीकम्पोस्टिंग जैसी गतिविधियों में शामिल है। शशिकला को बागवानी से संबंधित गतिविधियों में गहरी दिलचस्पी है। वह बेंगलुरु स्थित भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (IIHR), तुमकुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और कर्नाटक राज्य बागवानी विभाग (KSHD) जैसे संस्थानों से खेती की उन्नत तकनीकों की जानकारी लेती रहती हैं। इतना ही नहीं, वह अपने समूह की अन्य महिला सदस्यों को भी भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित नई-नई तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित करती हैं। वर्तमान में वह कृषि, बागवानी के साथ ही पशुपालन भी कर रही हैं।

सब्जियों की उन्नत किस्म की खेती vegetable farming
तस्वीर साभार: kvktumakuru

उगा रहीं सब्जियों की उन्नत किस्म

टमाटर की अर्का सम्राट किस्म के अलावा, मटर की उन्नत किस्म अर्का अजीत, फ्रेंच बीन्स की अर्का अनूप और अर्का सुविधा किस्म उगा रही हैं। इससे उन्हें न सिर्फ प्रति हेक्टेयर अधिक उत्पादन प्राप्त हो रहा है, बल्कि अच्छी गुणवत्ता के कारण फसल की अच्छी कीमत भी मिल रही है। अर्का अनूप से उन्हें प्रति हेक्टेयर 17 टन तक का उत्पादन प्राप्त हो जाता है।

3 गुना बढ़ा मुनाफा

पहले रागी, ज्वार, लाल चना जैसी फसल उगाने पर उन्हें प्रति एकड़ औसतन 20 हज़ार रुपये का मुनाफ़ा होता था। अब कम अवधि की सब्जियां उगाने से उन्हें प्रति एकड़ 60 हज़ार रुपये का मुनाफ़ा हो जाता है। 

सीधा खेत में आते हैं खरीदार

शशिकला पहले जहां अपनी फसल की बिक्री के लिए बेंगलुरू के बाज़ार जाती थीं, वहीं अब खरीदार उपज खरीदने खुद उनके पास आते हैं। वह अपने इलाके के अन्य किसानों को भी सब्जियों की उन्नत किस्म उगाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। करीब 15 किसान अब फ्रेंच बीन्स की उन्नत किस्में उगा रहे हैं।

सब्जियों की उन्नत किस्म की खेती vegetable farming
तस्वीर साभार: kvktumakuru

ऑर्गेनिक फ़ॉर्मूलेशन का उपयोग

मटर और टमाटर की फसल में फूलों को गिरने से बचाने के लिए वह ऑर्गेनिक फॉर्मूलेशन ‘पंचगव्य’ का उपयोग कर रही हैं। पौधों में जब फूल आने लगे तब इस पंचगव्य को डालने पर फूलों के गिरने की संभावना कम हो जाती है। इसे बनाने के लिए 5 किलो गोबर, 10 लीटर गौमूत्र, 1 लीटर दही, 1 लीटर दूध, 1 किलो घी को मिलाया जाता है। फिर 15 दिनों बाद इस घोल को पानी में 1:10 के अनुपात में मिलाकर फसल पर छिड़काव किया जाता है।

वैज्ञानिकों के साथ लगातार संपर्क में रहने के कारण उन्हें कीट प्रबंधन के संबंध में भी समय-समय पर जानकारी मिलती रहती है। लगातार नई तकनीक की जानकारी लेते रहने और खुद को अपडेट करके वह इलाके के अन्य किसानों के लिए रोल मॉडल बन गई हैं।

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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