अन्वेषण एग्री-स्टार्टअप: इन तीन इंजीनियरों के एक आइडिया ने कैसे गांव के किसानों की बदल दी ज़िंदगी

बाज़ार में किसानों को अपनी फसल सही दाम में बेचने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अन्वेषण उन्हें एक ऐसा प्लेटफॉर्म देता है जिसके ज़रिए किसान अपने उत्पाद को स्वास्थ्य और पोषण को महत्व देने वाले जागरूक उपभोक्ताओं तक पहुंचा सकते हैं।

किसानों को लाभ पहुंचाने की दिशा में सरकारें तो अपना काम कर ही रही हैं, लेकिन देश के लोग भी किसान की स्थिति को सुधारने में अपना योगदान दे सकते हैं। ऐसा ही कुछ आईआईटी गुवाहाटी से इंजीनियरिंग पास आउट तीन युवा कर रहे हैं। आईआईटी गुवाहाटी से कंप्यूटर साइंस में बी.टेक. की डिग्री लिए इन युवाओं के सामने मल्टीनेशनल कंपनी में लाखों की सालाना सैलरी पैकेज लेने का विकल्प था, लेकिन एक-दो साल नौकरी करने के बाद ये युवा किसानों की आर्थिक स्थिति को कैसे सुधारा जाए, इस मिशन में लग गए।

अखिल कंसल, कुलदीप परेवा और आयुषी खंडेलवाल ने एक ही कॉलेज से डिग्री ली, अच्छे दोस्त रहे और फिर साथ में मिलकर तीनों ने अन्वेषण ब्रांड की नींव रखी। अन्वेषण की शुरुआत कैसे हुई, और कैसे ये मिशन देश के कई गांवों तक पहुंचा, इस लेख में आगे आप इसके बारे में विस्तार से पढ़ेंगे।

किसानों की आय बढ़ाना मकसद

अन्वेषण के को-फाउंडर कुलदीप परेवा उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के तरफरा गांव से ताल्लुक रखते हैं। तरफरा गांव के ज़्यादातर किसान सरसों की खेती करते हैं। खूद कृषि परिवार से होने के कारण कुलदीप का रुझान कृषि क्षेत्र की ओर था। किसानों के लिए रोजगार के ज़्यादा से ज़्यादा अवसर कैसे पैदा किए जाएं, इसको लेकर तीनों दो महीने की यात्रा पर निकले, जिसका नाम इन्होंने अन्वेषण रखा।

अन्वेषण का मतलब होता है किसी चीज की खोज या रिसर्च। एक दिन ऐसे ही सब ट्रेन में सफ़र कर तरफरा गांव जा रहे थे। कुलदीप के चाचा भी उनके साथ थे। ट्रेन से सरसों के खेत दिखाई दे रहे थे। फिर उनके चाचा ने उन्हें बताया कि यहां के किसानों को अगर सही मार्गदर्शन मिले तो इन सरसों के बीज से तेल बनाया जा सकता है, लेकिन अभी उन्हें अपनी उपज का सही दाम नहीं मिल पाता।

फिर क्या, कहते हैं न एक सही आइडिया ज़िंदगी बदल सकता है, तो फिर इन तीन दोस्तों ने मिलकर किसानों को कैसे उनकी उपज का सही दाम दिलवाया जाए, इस दिशा में काम करते हुए अन्वेषण की नींव रख डाली।

anveshan healthy products ( अन्वेषन )
कुलदीप परेवा (बाएं), अखिल कंसल (दाएं)

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अन्वेषण के जरिए किसान खुद करते हैं अपनी उपज की प्रोसेसिंग 

तीनों ने मिलकर तरफरा गांव में ही पहला मस्टर्ड ऑयल प्रोसेसिंग यूनिट लगाया, जिसके लिए बाकायदा 10 लाख का लोन लिया। इससे कच्ची घानी का तेल बनाना शुरू कर दिया। ऐसे आज अन्वेषणकई उच्च गुणवत्ता वाले, प्राकृतिक, किफ़ायती और न्यूनतम संसाधित खाद्य उत्पाद बनाता है, जिसमें वुड-प्रेस्ड ऑयल, देसी घी, कच्चा शहद, स्टोन-ग्राउंड मसाले और सुपरफ़ूड सीड्स समेत और कई फ़ूड प्रोडक्टस शामिल हैं। आज अन्वेषण हेल्दी फ़ूड ब्रांड के तौर पर देखा जाता है।

anveshan healthy products ( अन्वेषन )

अन्वेषण एग्री-स्टार्टअप: इन तीन इंजीनियरों के एक आइडिया ने कैसे गांव के किसानों की बदल दी ज़िंदगीकई गांवों से छोटे उद्यमी और हजारों किसान अन्वेशन से जुड़े

आज v के 9 माइक्रो प्रोसेसिंग यूनिट्स 8 राज्यों के अलग-अलग गांवों में लगे हैं। इन यूनिट्स में किसान खुद ही अपनी उपज की प्रोसेसिंग करते हैं और फिर पैकेजिंग केंद्रों पर भेजते हैं। अन्वेषण किसानों और उपभोक्ताओं के बीच एक कड़ी की तरह काम कर रहा है। वहीं अन्वेषण की दो पैकेजिंग यूनिट्स बेंगलुरु और गुरुग्राम में हैं, जहां समान पैक होकर देश के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई होने के लिए जाता है। अन्वेषण के प्रोडक्टस की ज़्यादातर ऑनलाइन डिमांड रहती है।

अन्वेषण पारंपरिक प्रोसेसिंग विधियों को अपनाकर अपने प्रोडक्ट्स तैयार करता है। देशभर के कई गांवों से छोटे उद्यमी और हजारों किसान अन्वेषणसे जुड़े हैं। अन्वेषण किसानों को एक पारदर्शी मंच देकर भारतीय किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रहा है। अन्वेषण का लक्ष्य है कि एक स्वस्थ जीवन शैली के लिए लोग बिना मिलावटी वाले खाद्य पदार्थों के सेवन के लाभों को समझें। अब तक अन्वेषण एक लाख से ज़्यादा उपभोक्ताओं को अपने गैर-मिलावटी उत्पाद बेच चुका है।

anveshan healthy products ( अन्वेषन )

 

पूरी तरह से पारदर्शी होकर काम करता है कम्पोस्ट

फूड सेक्टर में गुणवत्ता का पैमाना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए कम्पोस्ट डेटा-बैक्ड सॉल्यूशंस के साथ काम करता है। अन्वेषण से खरीदे गए प्रोडक्टस पूरी तरह से ट्रेसेबल हैं। अगर कोई उपभोक्ता कम्पोस्ट का प्रोडक्ट खरीदता है तो उसके ऊपर दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन करने पर उसे प्रोडक्ट कहां प्रोसेस हुआ, किसने पैक किया, यहां तक कि उस प्रोडक्ट को बनाने के लिए जिस उपज का इस्तेमाल हुआ उस किसान के बारे में भी जानकारी मिलती है।

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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