12 किस्में लगाकर गन्ने की खेती (Sugarcane Farming) में किया कमाल, दीपक मलिक को पंतनगर में मिला सम्मान। जानिए कैसे करें खेत का रख-रखाव?

उत्तराखंड के पंतनगर किसान मेल 2022 में हरिद्वार के किसान दीपक मलिक को गन्ने की खेती के लिए पुरस्कार मिला। किसान ऑफ इंडिया की टीम के साथ उन्होंने खास बातचीत की। 

गन्ने की खेती (Sugarcane Farming): भारत का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश है। इसके अलावा गन्ने की खेती मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, बिहार और कई अन्य राज्यों में भी होती है। गन्ने की फसल एक लंबी अवधि, अधिक वर्षा और उच्च पोषक तत्वों की मांग वाली फसल है। रही किसानों की बात तो ज्यादातर किसान गन्ने में लगे रोगों से या फिर सही समय पर दाम ना मिलने से परेशान रहते हैं।

लेकिन उत्तराखंड में हरिद्वार के प्रगतिशील किसान दीपक मलिक का मानना है कि अगर वैज्ञानिक तरीके से गन्ने की खेती की जाए तो परेशानी से बचा जा सकता है । उन्हें अपने अभिनव प्रयोगों के लिए पंतनगर किसान मेला 2022 में सम्मानित भी किया गया। उन्होंने किसान ऑफ इंडिया के साथ खास बातचीत की और बताया कि उन्होंने गन्ने की खेती में ये कमाल कैसे कर दिखाया।

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गन्ने की खेती में क्यों मिला पुरस्कार?

उन्होंने बताया कि उनके पास गन्ने के नये बीज रहते हैं, नई तकनीकें हैं और हर बार कुछ नया करने की चाह है , और शायद यही वजह है कि उन्हें पुरस्कार मिला। दीपक ने बताया कि वो गन्ने की खेती 4.5 फ़ीट यानि 54 इंच पर करते हैं, जबकि आमतौर पर किसान 28 से 30 इंच पर गन्ने की खेती करते हैं। उनके पास गन्ने की 10 से ज़्यादा किस्में भी हैं।

गन्ने की अलग-अलग किस्मों को कैसे लगाते हैं? 

दीपक ने बताया कि शुरुआत में बीज कम मिलने की वजह से सिर्फ दो से चार गन्ने लगाते हैं। इनको वो खेत में अलग-अलग भागों में बांट देते हैं। उनका मानना है कि गन्ने की किसी भी किस्म के बारे में आप तीन साल तक अनुमान नहीं लगा सकते कि वो कितना पैदावार देगी। वह ज़मीन के 1 फ़ीट अंदर बीज डालते हैं और इसके बाद ऊपर से 1 फ़ीट मिट्टी डालते हैं। इसके साथ ही पानी की समस्या के समाधान के लिए उन्होंने ट्यूबवेल लगा रखा है ।

गन्ने की कौनसी किस्म सबसे बेहतर और रोगों से बचाव कैसे करें?

उन्होंने बताया कि 0238 और 0118, दोनों खेती करने के लिए अच्छी किस्में हैं । उनका मानना है कि रेड रॉट की समस्या का कारण खेत का चुनाव और जल्दी बुवाई है। उनका मानना है कि ज़्यादातर किसान जल्दी बुवाई कर लेते हैं और जैसे ही एक फसल कटी, दूसरी फसल तुरंत लगा देते हैं। इस प्रक्रिया में ये ध्यान रखना ज़रूरी है कि जो गन्ने की किस्म आपने पहले लगाई है, वो दुबारा जल्द ना लगाएं। इसके अलावा अगर गन्ने की कटाई दिसंबर में हुई है तो मार्च में गन्ना लगायें और खेत की अच्छे से जुताई करें।

कैसे रखें फसल-चक्र का ध्यान?

उन्होंने बताया कि समय पर गन्ने के दाम नहीं मिलने में किसानों की भी थोड़ी गलती है। उन्होंने इसके लिए एक उदाहरण दिया कि जैसे आपके पास 20 बीघा ज़मीन है, तो ज़्यादातर किसान पूरी ज़मीन में गन्ने की खेती कर देते हैं। उनका मानना है कि हमें फसल चक्र का ध्यान रखना चाहिए और पूरी ज़मीन में से सिर्फ एक तिहाई हिस्से में ही गन्ने की खेती करनी चाहिए।

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल। 
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