भारत की 29% भूमि (9.64 करोड़ हेक्टेयर) की उपजाऊ मिट्टी क्षरित हो चुकी है, जिससे वो खेती के लायक नहीं रही
UN की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 40% भूमि बंजर हो चुकी है। बढ़ती जनसंख्या व घटती कृषि भूमि से खाद्यान्न संकट पैदा होगा
भूमि क्षरण रासायनिक उर्वरकों का उपयोग, वनों की कटाई, खनन, और भूमि का अति-दोहन है
मिट्टी का क्षरण न केवल मानव खाद्य शृंखला को प्रभावित करता है, बल्कि कई प्रजातियों के विलुप्त होने का कारण है
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्राकृतिक खेती, जैविक कृषि, शहरी वृक्षारोपण, और वनों की कटाई रोकने जैसे उपाय अपनाए जा रहे हैं
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना और भूजल पुनर्भरण जैसी योजनाएं बंजर होती भूमि को बचाने में अहम भूमिका निभा रही हैं
अगर तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो सूखा, बाढ़, धूल प्रदूषण,जैव विविधता के संकट जैसे बड़े पर्यावरणीय खतरे सामने आ सकते हैं
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