कतरनी धान बिहार का पारंपरिक, मध्यम पतले, छोटे दाने वाला सुगंधित धान है, जिसकी मांग देश-विदेश में है

कतरनी धान का रकबा मात्र 920 एकड़ और उत्पादन 11,000 क्विंटल है, जिससे इसकी खेती सीमित हो गई है

2018 में इसे GI Tag प्रदान किया गया, जो कतरनी की गुणवत्ता और क्षेत्रीय विशेषता की गारंटी देता है

कतरनी की खेती पर प्रति हेक्टेयर लागत 35-40 हज़ार रुपये होती है, जबकि मुनाफ़ा 50-60 हज़ार रुपये है

जैविक खाद का उपयोग, ढेंचा हरी खाद का प्रयोग, खेत को हल्का सूखने देना, और समय पर सिंचाई करना उपज बढ़ाने में सहायक है

पीला तनाछेदक और गंधीबग जैसे कीटों के लिए कार्बामेट और क्लोरोपाइरीफॉस का उपयोग करें

वैज्ञानिक तरीके अपनाकर कतरनी की खेती से सामान्य धान के मुकाबले 25-30 हज़ार रुपये प्रति हेक्टेयर अधिक आय प्राप्त की जा सकती है