नील हरित शैवाल को मुख्य रूप से धान के खेतों में डालते हैं, क्योंकि धान के खेत में हमेशा पानी भरा रहता है

इसके उपयोग से धान की फसल को करीब 20 से 40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर नाइट्रोजन का स्थिरीकरण होता है

 

 इससे यूज़ से मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों, ऑक्सीन इंडोल एसिटिक एसिड की मात्रा बढ़ती है

नील हरित शैवाल के इस्तेमाल से न सिर्फ़ धान की पैदावार बढ़ती है, बल्कि रबी की फसलों के लिए भी नाइट्रोजन, पोषक तत्वों से फ़ायदा होता है

क्योंकि इन सभी पोषक तत्वों से बीजों का अंकुरण और फसल बढ़वार बेहतर होती है

इस तरह नील हरित शैवाल का उपयोग तात्कालिक के अलावा दूरगामी लाभ भी देता है